69000 शिक्षक भर्ती मामले पर सुप्रीम कोर्ट का शिक्षामित्रों को लेकर बड़ा फ़ैसला..!
यूपी का 69000 हज़ार शिक्षक भर्ती मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है..हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा भर्ती में लगाए गए स्टे के बाद मंगलवार को शिक्षामित्रों की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए फ़ैसला सुनाया है.पढ़े पूरी खबर युगान्तर प्रवाह पर।
नई दिल्ली:उत्तर प्रदेश के 69 हज़ार शिक्षक भर्ती मामले में मंगलवार को एक नया मोड़ आ गया है।सुप्रीम कोर्ट ने 69000 पदों में से 37339 पदों को होल्ड करने अर्थात खाली रखने का आदेश यूपी सरकार को दिया है।इस मामले की अगली सुनवाई अब 14 जुलाई को होगी।
गौरतलब है कि इसके पहले हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच 3 जून के अपने एक फ़ैसले में पूरी भर्ती प्रक्रिया में पहले ही स्टे लगा चुकी है।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का 69000 शिक्षक भर्ती मामले में आया फैसला कट ऑफ मामले को लेकर शिक्षामित्रों की याचिका पर सुनवाई करते हुए आया है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को 37, 339 पदों को रोकने का निर्देश दिया है।
आपको बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में यूपी सरकार से 40/45 के कटऑफ पर कितने शिक्षामित्र पास हुए हैं, इसका डाटा मांगा था। लेकिन शिक्षामित्रों का कहना है कि लिखित परीक्षा में टोटल 45357 शिक्षामित्रों ने फॉर्म डाला था, जिसमें से 8018 शिक्षामित्र 60-65% के साथ पास हुए।लेकिन इसका कोई डेटा नहीं है कि कितने शिक्षामित्र 40-45 के कटऑफ पर पास हुए।इसीलिए 69000 पदों में से 37339 पद रिजर्व करके सहायक शिक्षक भर्ती की जाए या फिर पूरी भर्ती प्रक्रिया पर स्टे किया जाए।
इसके पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायाधीश अलोक माथुर की बेंच ने 3 जून को 69000 भर्ती की चयन प्रक्रिया पर रोक यह कहते हुए लगा दी थी कि कि परीक्षा के दौरान पूछे गए कुछ प्रश्न गलत थे लिहाजा केंद्रीय अनुदान आयोग द्वारा इसकी फिर से पड़ताल किए जाने की जरूरत है। इस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक विशेष याचिका दायर कर राज्य में 69000 बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रोके जाने के फैसले को चुनौती दी है।
अब हाईकोर्ट का फ़ैसला बदलता भी है तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार राज्य सरकार को 37339 पदों को छोड़कर भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाना पड़ेगा।