रामपुर:आञ्जनेय के बुलडोजर से जमीदोंज हुआ आज़म का उर्दू गेट..भारी पुलिस फोर्स तैनात!
उत्तर प्रदेश के रामपुर में बुधवार को जिला प्रशासन ने आज़म खान द्वारा बनवाए गए उर्दू गेट को भारी पुलिस फ़ोर्स की मौजूदगी में गिरा दिया..पढ़े युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट।
रामपुर: आञ्जनेय कुमार सिंह जैसा जिलाधिकारी यदि आपके जिले में है तो फ़िर अवैध कब्ज़ेदारो व अवैध निर्माण पर जिला प्रशासन का बुलडोजर चलना तय है वह फ़िर फतेहपुर हो या रामपुर। फतेहपुर के जिलाधिकारी रहते हुए आञ्जनेय कुमार सिंह ने जिस तरह अवैध निर्माणों,अतिक्रमण व भू माफियाओं के खिलाफ व्यापक पैमाने पर कार्यवाही की थी कुछ वैसा ही अंदाज रामपुर में जिलाधिकारी बनकर गए आञ्जनेय कुमार सिंह ने बरकरार रखा है। मामला रामपुर जिले का है जहां बुधवार सुबह सपा सरकार में आज़म खान द्वारा बनवाए गए उर्दू गेट को जिला प्रशासन ने भारी पुलिस फ़ोर्स की मौजूदगी में जमीदोंज कर दिया।
मिली जानकारी के अनुसार आजम खान की यूनिवर्सिटी को जाने वाली रोड पर तत्कालीन सपा सरकार में आज़म खान ने एक भारी भरकम गेट का निर्माण कराया था जिसको बनवाने के बाद ही स्थानीय भाजपा नेताओं द्वारा इसका विरोध किया गया था।विरोध के पीछे भाजपा नेताओं का तर्क था कि यह गेट पूरी तरह से अवैध और मानकों के विपरीत है चूंकि गेट की वजह से बड़े वाहन उस रोड से नहीं निकल पाते थे। लेक़िन सपा सरकार में अच्छा खासा रसूख रखने वाले आज़म खान के इस गेट के विरुद्ध सपा सरकार में किसी भी तरह की कार्यवाही करने की हिम्मत तत्कालीन जिला प्रशासन में तैनात अधिकारियों की नहीं हुई।इसके बाद यूपी में योगी सरकार आने के बाद ये मुद्दा फिर गरमाया लेकिन इसके बावजूद किसी भी तत्कालीन जिलाधिकारी ने इस गेट को छूने की हिम्मत नहीं की।
आपको बता दे कि हाल ही में प्रदेश में बड़े पैमाने पर आईएएस और पीसीएस अधिकारियों के तबादले हुए जिसमें फतेहपुर में तैनात जिलाधिकारी आञ्जनेय कुमार सिंह को शासन ने रामपुर का डीएम बनाकर भेज दिया।रामपुर पहुंचते ही जब गेट का मामला आञ्जनेय की मेज पर पहुंचा तो उन्होंने पूरी तैयारी के साथ बुधवार को इस उर्दू गेट को जिला प्रशासन का बुलडोजर भेज गिरवा दिया मौके पर लाइन एन्ड ऑर्डर की समस्या न हो इसको देखते हुए भारी पुलिस फ़ोर्स की भी तैनाती की गई थी।
आञ्जनेय ने कहा तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ होगी कड़ी कार्यवाही...
रामपुर के जिला अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि ये गेट चालीस लाख की लागत से बना था, जो CNDS की तरफ से बनाया गया था।जबकि रोड पीडब्लूडी की है लेकिन पीडब्लूडी से कोई इजाज़त नहीं ली गयी थी।गेट बहुत नीचे बनाया गया जिससे वाहनों को यहां से गुजरने में दिक्कत होती थी।जिला अधिकारी ने साफ़ किया की अधिकारियों ने इसके बनाने में नियमों का पालन नहीं किया है इसलिए तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही किये जाने के लिए उन्होंने यूपी सरकार से सिफारिश कर दी है।