Kanpur Monsoon Temple : कानपुर का चमत्कारी-रहस्यमयी मन्दिर जो मानसून आने का देता है संकेत, वैज्ञानिक भी हैरान कैसे होती है बारिश की भविष्यवाणी
कभी आपने सुना है कि कोई पत्थर भी भविष्यवाणी कर सकते हैं, पौराणिक कालों से लगातार पत्थरों की पूजा व विशेष महत्व चला आ रहा है, हमारे सनातन धर्म में कुछ पत्थर चमत्कारिक भी हैं जिनका पूजन अर्चन किया जाता है, कुछ ऐसा ही कानपुर में एक अद्भुत प्राचीन चमत्कारी मंदिर है जिसका रहस्य आज तक कोई न जान सका, ये अनूठा मंदिर मानूसन आने का संकेत देता है, तो चलिए आपको ले चलते हैं इस चमत्कारी मन्दिर में और बताएंगे कि आखिर इसे चमत्कारी क्यो कहा जाता है पढ़िए इस विशेष रिपोर्ट में..
हाईलाइट्स
- कानपुर के घाटमपुर में है ऐसा चमत्कारी मन्दिर जो मानूसन आने का देता है संकेत
- पत्थर से टपकना शुरू हो गयी हैं बूंदे, अच्छी मानूसन का दावा,भीतरगांव के बेहटा बुजुर्ग गांव में है मन्
- 21 वीं सदी के विज्ञान के लिए बड़ी चुनौती,इसे मानसून मन्दिर भी कहते है
This ancient temple of Kanpur indicates the arrival of monsoon : मौसम विभाग जब मानूसन की जानकारी देगा तब देगा लेकिन कानपुर में एक ऐसा रहस्यमयी प्राचीन मन्दिर है जो गोल गुम्बद और बौद्ध स्तूप की नक्काशी की तरह अद्भुत कला से बना हुआ है, यह मंदिर मानसून आने की सटीक भविष्यवाणी करता है, इस मंदिर में एक चमत्कारी पत्थर है जिस पर पानी की बूंद जब गिरने लगती है तो समझ लो जल्द ही मानसून दस्तक देने वाला है और इस मंदिर को मानसून मन्दिर के नाम से भी जाना जाता है.
15 दिन पहले मॉनसून का दावा इस रहस्य के आगे साइंस भी परेशान
हमारा देश चमत्कारों और रहस्यों से भरा हुआ है, जिनके जवाब ढूंढ पाना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है, आज के इस आधुनिक युग में नई-नई तकनीकों का सहारा लेकर जहां लोग चांद पर पहुंचकर जीवन की खोज कर रहे है,तो वहीं आज भी इस देश की धरती पर ऐसी पहेलियां है, जिन्हें सुलझाने के लिए बड़े से बड़े वैज्ञानिकों ने भी हार मान ली है,
इन्हीं पहेलियों में से एक कानपुर शहर का एक ऐसा अनोखा चमत्कारी मंदिर जो 5 हज़ार वर्ष पुराना बताया जाता है,पौराणिक काल से मानसून आने की भविष्यवाणी 15 दिन पहले से ही करता आ रहा है यही कारण है कि भगवान जगन्नाथ जी के इस मंदिर को मानसून मंदिर भी कहा जाता है
कहाँ है ये चमत्कारी रहस्यमयी मंदिर
कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से करीब 40 किलोमीटर दूर घाटमपुर तहसील स्थित बेहटा बुजुर्ग गांव में मौजूद भगवान जगन्नाथ जी का प्राचीन मंदिर अपनी चमत्कारी शक्तियों को लेकर दुनिया भर में प्रसिद्ध है, दरअसल इस रहस्यमयी मंदिर में करीब 15 फीट ऊंची स्थापित भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के ठीक ऊपर एक गुम्बद बना हुआ है
लेकिन सबसे दिलचस्प बात ये है कि, जब मानसून आने वाला होता है, तो ठीक 15 दिन पहले इस मंदिर गुम्बद से अचानक अंदर की ओर से पानी की बूंदे सफेद मोतियों की तरह चमकने लगती है, यही नही इस मंदिर की दीवारें भी पानी से पसीजने लगती है। जैसे जैसे इस मानसून का समय और भी नजदीक आने लगता है ये पानी की बूंदे और भी तेजी से अपनी उपस्थिति दर्ज कराने लगती है इसीलिए इसे मानसून मंदिर भी कहा जाता है.
मन्दिर के निर्माण की सटीक जानकारी किसी के पास नहीं
इस मंदिर का निर्माण किसने करवाया इसकी पुख्ता जानकारी तो किसी के पास नही है, लेकिन इतिहास में इस मंदिर को लेकर कई कहानियां प्रचलित है, जिनमे से एक ये है कि, हजारों साल पहले भगवान राम के पूर्वज शिवि ने इस मंदिर को बनवाया था, इस मंदिर का आखिरी बार जीर्णोद्धार 11वीं शताब्दी में कराए जाने के प्रमाण मिलते हैं, कुछ विद्वानों का यह भी मानना है कि इस मंदिर का निर्माण देवी-देवताओं ने किया है.
मंदिर में हर साल जगन्नाथ जी की रथ यात्रा भी निकाली जाती है हालांकि देश और दुनिया में इतनी तरक्की हो जाने के बावजूद अभी तक इस मंदिर का सटीक इतिहास कोई भी नहीं निकल पाया है खुद साइंस भी अबतक यह नही जान पाया कि यहां पानी की बूंदे कहां से आती है.
इंसानों का जीवन जिज्ञासाओं से भरा हुआ होता है, यही कारण है कि यहां पर इस मंदिर की भविष्यवाणी को देखने के लिए लाखों की संख्या में लोग पहुंच कर इस मंदिर की इस अद्भुत शक्ति को देख चौक जाते हैं ऐसा मन्दिर पूरे उत्तर भारत मे एक ही है, आज भी उत्तर प्रदेश में मानसून आने की सूचना आधुनिक तकनीकों से लैस मौसम विभाग से पहले यह मंदिर संकेत देता है.
वहीं दूसरी तरफ आसपास के दर्जनों गांव के किसान भी इसी मंदिर के द्वारा की जाने वाली मानसूनी भविष्यवाणी के आधार पर ही खेती किसानी करते हैं, उनका ऐसा मानना है कि, आज तक इस मंदिर की भविष्यवाणी गलत साबित नहीं हुई है इसलिए इस मंदिर के साथ लोगों की आस्थाये भी जुड़ी हुई है. बूंदे टपकने लगी है और इस बार अच्छी मानसून वर्षा का दावा भी किया जा रहा है.