Kanpur News: पुलिस आयुक्त कार्यालय स्थित कूड़ेदान से निकल रहीं फ़ाइले व सील्ड दस्तावेज ! कारण जानकर हो जाएंगे हैरान
Kanpur News: कानपुर पुलिस आयुक्त कार्यालय में स्वच्छ भारत मिशन के तहत कूड़ादन रखा हुआ है, जिसमें पूरे कार्यालय का कूड़ा इसमें एकत्रित किया जाता है,लेकिन दोपहर के वक्त जब कानपुर पुलिस कमिश्नर आरके स्वर्णकार निरीक्षण करने निकले तो उन्होंने पाया कि, डस्टबिन में महिला अपराध संबंधित फ़ाइलें और शील्ड दस्तावेज पड़े हुए हैं. इसके बाद यह खबर पूरे कार्यालय में आग की तरह फैल गई.इस मामले में जांच के आदेश दिए गए.
हाईलाइट्स
- कानपुर पुलिस आयुक्त कार्यालय में रखा कूड़ेदान में निकल रही फाइलें, मचा हड़कंप
- पुलिस आयुक्त के निरीक्षण के बाद डस्टबिन में दिखाई दिया बंडल
- पुलिस आयुक्त ने दिए जांच के आदेश, दो को किया निलंबित
Garbage donation kept near Police Commissioner's Office : कानपुर में जिस तरह से पुलिस आफिस के बाहर कूड़ेदान से अहम फाइलें व शील्ड्स निकलीं, उससे पुलिस की किरकिरी होना स्वाभाविक है, पुलिस आयुक्त कार्यालय में रखे डस्टबिन में आखिर इन फाइलों के बंडल को कौन डाल गया, कौन है जो अराजकता फैला रहा है,फिलहाल पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है.
लापरवाही की हुई इंतेहा
कानपुर में पुलिस आयुक्त कार्यालय में सोमवार को हड़कम्प मच गया जब कार्यालय में रखे कूड़ेदान में मिली फाइलों और कागजों को बाहर निकाल कर बाहर देखा गया तो पुलिस कमिश्नर समेत सभी अधिकारियों के होश उड़ गए, दरअसल ये बन्द लिफाफे कोई और नही बल्कि महिला अपराध शाखा से जुड़े दस्तावेजो का बंडल था, जिसे लेकर खुद कमिश्नर ने पुलिस उपायुक्त अमिता सिंह और विभाग महिला अपराध शाखा में तैनात पुलिसकर्मियों और कर्मचारियों से गहनता से पूछताछ की गई, अब मामला महिला अपराध शाखा से जुड़ा हुआ है.इसलिए इस मामले की जांच पुलिस उपायुक्त अमिता सिंह को सौंपी गई है.
कमिश्नर की नाराजगी पर लिया गया एक्शन
कूड़ेदान में मिली फाइलें और दस्तावेज की घटना बेहद गंभीर है। क्योंकि एक तरफ प्रदेश सरकार महिला अपराधों से जुड़े अपराधों पर रोकथाम के लिए नकल करने में लगी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस आयुक्त के पास आई इन शिकायतों के बंडल डस्टबिन में देखने से ऐसा लगता है कि कोई यह नहीं चाहता है कि महिलाओं की समस्याएं आला अधिकारियों तक पहुंचे शायद इसीलिए इन दस्तावेजों को इस डस्टबिन में फेंका गया है अब मामला कमिश्नर तक पहुंचाने के बाद महिला अपराध शाखा में तैनात दरोगा सुरेश सिंह राजावत और महिला सिपाही नीतू सिंह को शुरुआती जांच में दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया गया है साथ ही मामले की जांच भी की जा रही है।
गांधी जयंती के दिन भी हुआ था बड़ा कांड
कानपुर कमिश्नरेट पुलिस की हुई यह घटना कोई पहली घटना नहीं है इससे पहले भी गांधी जयंती के दिन मीडिया के कैमरे ने कुछ ऐसा रिकॉर्ड किया था जिसे देख सभी की बोलती बंद हो गई थी, दरअसल 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन देश भर में शराब बंदी रहती है, बावजूद इसके पुलिस आयुक्त कार्यालय परिसर में खड़ी एक सिपाही की बाइक की डिग्गी से एक के बाद एक कर के शराब की बोतल निकाल रही थी, यह बोतल कोई और नहीं बल्कि बेजुबान बंदर निकाल रहा था, इसके बाद भी पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी.
शराब के लिए सफाईकर्मी ने बेची थी फाइले
कूड़े में मिली फाइलों और लिफाफों को देखकर अगर आपको लग रहा होगा कि ये बेहद निंदनीय है, तो ये भी जान लीजिए कि बीते दिनों विकास भवन में तैनात एक सफाई कर्मी ने समाज कल्याण उद्यान और नेडा विभाग की फाइलों समेत वृद्धा पेंशन पारिवारिक लाभ के आवेदन पत्रों को बेंच कर खूब शराब पार्टी की थी इस घटना का खुलासा होने के बाद आरोपी सफाई कर्मी को निलंबित कर उसे पर मुकदमा दर्ज करवाते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा गया था.