
UP:फतेहपुर में माँ बेटी के लिए 'सिंघम' बने इस थाने के थानाध्यक्ष...कुछ देर में जा सकती थी दो जानें..!
यूपी के फतेहपुर ज़िले में पुलिस की तत्तपरता के चलते सोमवार को एक माँ और उसकी मासूम बेटी की जान बच गई..पढ़े पूरी खबर युगान्तर प्रवाह पर।

फतेहपुर:पुलिस की लापरवाही पूर्ण कार्यशैली पर अक्सर प्रश्नचिन्ह उठते रहते हैं।लेक़िन उसी पुलिस विभाग में कुछ ऐसे भी लोग तैनात हैं।जो जनता की सेवा के लिए अपनी जान तक की परवाह नहीं करते।रविवार को फतेहपुर में एक मामले में बेहतरीन पुलिसिंग का नज़ारा देखने को मिला।जहां पुलिस की ततपरता के चलते एक माँ और उसकी तीन साल की मासूम बेटी को जिंदा बचा लिया गया। (fatehpur news)
दरअसल सोमवार दोपहर गाजीपुर थानाध्यक्ष आशीष सिंह के पास एक अनजान नम्बर से कॉल आई।फ़ोन करने वाले ने बताया कि उसकी बहन संकट में है उसको बचा लीजिए।थानाध्यक्ष आशीष ने फ़ोन करने वाले से कहा कि घबराइए नहीं पूरी बात बताई।पुलिस तुरंत सहायता के लिए पहुँचेंगी।तब उसने बताया कि अभी अभी उसकी बहन रिंकी देवी जो अपनी ससुराल सुकेती थाना गाजीपुर में है उसका फ़ोन आया था कि वह अपनी तीन साल की मासूम बच्ची के साथ मरने जा रही है।इसी लिए मैंने पुलिस से सहायता मांगी है।इतना सुनने के बाद थानाध्यक्ष आशीष सिंह बिना देरी किए तुरंत सुकेती गाँव रिंकी देवी पत्नी सुनील पासवान के घर मय फोर्स के पहुँच गए।लेक़िन रिंकी देवी के घर का दरवाजा अंदर से बन्द था और घर के अंदर से केरोसिन की महक आ रही थी। पुलिस ने बिना देर किए घर का दरवाजा तोड़ दिया और अंदर मिट्टी का तेल डालकर अपनी मासूम बच्ची संग जलने जा रही बच्ची को आग लगाने के पहले ही सकुशल बचा लिया।
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बताया जा रहा है कि रिंकी देवी मानसिक रूप से उलझन में थी।इसी लिए उसने मरने का फ़ैसला कर लिया था।थाना प्रभारी ने बताया कि महिला से पूछा गया है कि उसने यह क़दम क्यों उठाया है तो उसने अपनी मानसिक उलझन का हवाला दिया है।महिला ने किसी के भी खिलाफ शिकायत नहीं दर्ज कराई है।और वह अपने पति के साथ रहने में खुश है।