Please enable JavaScript to support our website by allowing ads.

फ़तेहपुर:खाद्य सुरक्षा विभाग की छापेमारी को मात्र औपचारिकता समझते हैं दुकानदार..कहीं आप तो नहीं खरीद रहे ज़हरीला सामान.!

फ़तेहपुर:खाद्य सुरक्षा विभाग की छापेमारी को मात्र औपचारिकता समझते हैं दुकानदार..कहीं आप तो नहीं खरीद रहे ज़हरीला सामान.!
फ़ोटो युगान्तर प्रवाह

अकसर त्योहारों में सज़ग दिखाई देने वाला खाद्य सुरक्षा विभाग क्या नियम पूर्वक अपना काम करता है.?जिले में बढ़ती मिलावट खोरी से लोग ज़हरीला पदार्थ खाने को मजबूर हैं..धड़ल्ले से दुकानदार खाने के सामान की विक्री करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है इस विभाग में नमूने भरना एक औपचारिकता मात्र है.?पढ़ें युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट...

फ़तेहपुर:त्योहारों में अपने उड़न दस्ते के साथ छुटपुट दुकानों में छापेमारी करने और नमूने भरने वाले खाद्य सुरक्षा विभाग ( Food & Sefty department ) को कहीं भी मिलावटी सामान नहीं मिलता है।मानो सब जगह अमृत बह रहा है..छोटे दुकानदारों को अगर छोड़ दिया जाए तो रशूखदार दुकानदार इसे सिर्फ विभागीय खानापूर्ति ही समझते हैं।वहीं जिले में मिलावट खोरी का कारोबार धड़ल्ले से फलफूल रहा है।सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि खाद्य सुरक्षा विभाग के आला अधिकारियों को इसकी जानकारी भी है लेकिन उसके बावजूद किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जाती!

जिले में लंबे समय से बिक रहा है तम्बाकू युक्त पान मसाला..

कोर्ट की सख्ती के बावजूद जनपद की अधिकतर दुकानों में तम्बाकू युक्त पान मसाला धड़ल्ले से बिक रहा है जो कभी शिवा कभी किसी अन्य नाम से जाना जाता है उसके बावजूद खाद्य सुरक्षा विभाग लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है।

Read More: Fatehpur News: फतेहपुर में गूंजी गणेश शंकर विद्यार्थी की विचारधारा ! सच की कलम उठाने वाले उस वीर पत्रकार को दी गई श्रद्धांजलि

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जाने किस खाद्य सामग्री में क्या मिलाया जाता है...

Read More: Fatehpur News: फतेहपुर में बिना लाइसेंस पटाखा बेचने वालों पर शिकंजा, 13 गिरफ्तार ! कई जगहों पर छापेमारी से मचा हड़कंप

मिर्च पाउडर:

Read More: फतेहपुर होटल मैनेजर हत्या कांड में सजा: पत्नी और प्रेमी को उम्रकैद, छह साल बाद आया बड़ा फैसला

इसमें लाल रंग व भूसा तथा ईट और बालू का चूर्ण मिलाया जाता है | इसकी जांच के लिए एक ग्लास पानी में एक चम्मच मिर्च पाउडर मिलाये। अगर पानी का रंग लाल हो जाता है तो यह मिलावटी समझे। इसमें ईट या बालू का चूर्ण होगा तो सतह में इकठ्ठा हो जायेगा। कई बार लाल मिर्च पाउडर में रोडामाइन बी मिलाया जाता है। इससे यकृत, गुर्दे व तिल्ली प्रभावित होती है।

ये भी पढ़े-मनोरंजन:मलाइका अरोड़ा ने शेयर कर दी अपनी हद से ज़्यादा बोल्ड तस्वीर..बॉयफ्रेंड अर्जुन कपूर का भी आ गया रिएक्शन.!

आटा-

इसमें रेत, चॉक पाउडर अदि मिलाया जाता है। अगर आटा गूंधने में पानी अधिक लगता हो, रोटियां अच्छी तरह फूलती है और स्वाद मीठा हो तो शुद्ध है।

चना और अरहर की दाल:-

दालों में खेसारी दाल की मिलावट की जाती है। खेसारी दाल में एक विशेष प्रकार के जहरीला रसायन होता है। इसके सेवन से स्नायु कमजोर पड़ जाते है। पाचन तंत्र प्रभावित होता है गुर्दे में पथरी होने की आशंका रहती है।

विभिन्न मसाले:

विभिन्न मसालों में कंकड़ ,पत्थर ,रेत, मिटटी, लकड़ी का बुरादा अदि मिलकर बेचे जाते है। इससे आहार तंत्र के रोग आंत और दांत प्रभावित होते है|

चायपती: 

इसमें कृत्रिम रंग , लौह चूर्ण तथा प्रयोग हो चुकी चाय की पतियों,का पाउडर मिलाया जाता है। इससे आहार तंत्र और पाचनतंत्र प्रभावित होता है।

काली मिर्च:

इसमें पपीते के बीजों का मिश्रण किया जाता है।

दूध जिसे WHO ने सफ़ेद ज़हर कहा है:-

दूध में सफ़ेद रंग, पानी, यूरिया, वाशिंग पाउडर, आदि मिलकर बेचा जाता है । दूध में मिले यूरिया से किडनी फेल हो सकती है।

सन 2018 में एनिमल वेल्फेयर बोर्ड के सदस्य मोहन सिंह अहलूवालिया की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में बिकने वाला 68.7 फीसदी दूध और दूध से बना प्रोडक्ट मिलावटी है। यह फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) की ओर से तय मानकों ने कहीं भी मेल नहीं खाता है। अहलूवालिया के मुताबिक, भारत में मिलावट के लिए ऐसी चीजों का इस्तेमाल होता है जो सीधे तौर पर आकी सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं। आम तौर पर देश में जिन चीजों की मिलावट से दूध और दूध के प्रोडक्ट तैयार किया जाता है उनमें डिटर्जेंट, कास्टिक सोडा, ग्लूकोज, सफेद रंग और रिफाइंड ऑयल शामिल है।

शहद-

शहद में गुड़, अथवा खांड की चाशनी तथा शक्कर की मिलावट की जाती है।

सब्जी:-

सब्जी को हरा रंग देने के लिए प्रयोग किए जाने वाला मेलेकाइट ग्रीन लीवर, आंत, किडनी सहित पूरे पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाता है। विशेषज्ञों के अनुसार अधिकतर बीमारियों की वजह पाचन तंत्र का ठीक से काम न करना होता है। 

फल:-

फलों को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए कार्बाइड रसायनों का प्रयोग किया जाता है। ये रसायन फलों को तो समय से पहले पका देते हैं, लेकिन इनका प्रभाव फलों की गुणवत्ता पर पड़ता है।

Tags:

Latest News

Fatehpur News: सरकंडी में जांच के दौरान बवाल ! प्रधान पक्ष और शिकायतकर्ताओं में चलीं लाठियां, जान बचाकर भागी टीम Fatehpur News: सरकंडी में जांच के दौरान बवाल ! प्रधान पक्ष और शिकायतकर्ताओं में चलीं लाठियां, जान बचाकर भागी टीम
उत्तर प्रदेश के Fatehpur जिले के सरकंडी गांव में विकास कार्यों की जांच उस समय बवाल में बदल गई, जब...
आज का राशिफल 17 दिसंबर 2025: इस राशि के जातकों को अचानक हो सकता है धनलाभ ! जानिए सभी का दैनिक भाग्यफल
Fatehpur News: 15 दिन पहले हुई थी शादी, सड़क हादसे में बुझ गया घर का चिराग, मेहंदी भी नहीं उतरी थी और उजड़ गया सुहाग
Statue of Liberty Collapse: तेज हवाओं ने ढहा दी स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी की प्रतिमा ! सोशल मीडिया में वायरल हुआ वीडियो
आज का राशिफल 15 दिसंबर 2025: सफला एकादशी के दिन किस पर बरसेगी भगवान विष्णु की कृपा ! जाने सभी राशियों का दैनिक राशिफल
Fatehpur News: मंडल स्तरीय युवा उत्सव में फतेहपुर की बेटी अक्षिता शुक्ला ने रचा इतिहास, कहानी लेखन में प्रथम स्थान
पंकज चौधरी को प्रदेश और नितिन नबीन को राष्ट्रीय स्तर की जिम्मेदारी ! जानिए दोनों नेताओं की कुल संपत्ति कितनी है

Follow Us