
भारत की बेटियों ने रचा इतिहास: हरमनप्रीत की कप्तानी में टूटा 52 साल का इंतज़ार, शेफाली और दीप्ति बनीं विश्वविजेता
भारत ने आखिरकार महिला क्रिकेट के इतिहास में वो कर दिखाया, जिसका इंतज़ार दशकों से था. नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए रोमांचक फाइनल में हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को 34 रन से हराकर पहली बार महिला वनडे वर्ल्ड कप अपने नाम किया. शेफाली वर्मा की तूफानी बल्लेबाजी और दीप्ति शर्मा की घातक गेंदबाजी ने भारत को 52 साल पुराने सपने को साकार करने में अहम भूमिका निभाई.
IND W vs SA W Final: जब भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने विजयी ट्रॉफी को आसमान में उठाया, तो पूरे स्टेडियम में "भारत माता की जय" के नारे गूंज उठे. फाइनल मुकाबला सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि भारत की बेटियों के संघर्ष, आत्मविश्वास और अदम्य जज़्बे की कहानी बन गया. बारिश से बाधित इस रोमांचक मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 298 रन बनाए और फिर गेंदबाजी में साउथ अफ्रीका को 264 रन पर रोककर इतिहास रच दिया.
शेफाली वर्मा की तूफानी बल्लेबाजी ने रखी जीत की नींव

दीप्ति शर्मा का धैर्य और जिम्मेदारी से भरा अर्धशतक
जब मिडल ओवरों में शेफाली, जेमिमा और हरमनप्रीत सस्ते में आउट होकर लौट गईं, तब दीप्ति शर्मा ने भारतीय पारी को संभाला. उन्होंने 58 गेंदों में 54 रन की संयमित और समझदारी भरी पारी खेली. दीप्ति ने ऋचा घोष (34 रन) के साथ मिलकर भारत को 250 के पार पहुंचाया. उनकी यह पारी न केवल रन बोर्ड बढ़ाने में मददगार रही, बल्कि टीम को स्थिरता भी दी. यह उनका टूर्नामेंट का तीसरा अर्धशतक रहा, जो साबित करता है कि वे भारतीय टीम की सबसे भरोसेमंद ऑलराउंडर हैं.
साउथ अफ्रीका की धमाकेदार शुरुआत पर भारत की सटीक वापसी
साउथ अफ्रीका ने 299 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए बेहतरीन शुरुआत की. कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट और बिट्स ने पहले विकेट के लिए 51 रन जोड़े. लेकिन अमनजोत कौर के बिजली जैसी तेज थ्रो ने बिट्स को रन आउट कर भारत को पहली सफलता दिलाई. इसके बाद भारत ने समय-समय पर विकेट निकालते हुए दबाव बनाया. हालांकि, कप्तान लौरा ने शतक (101 रन) जमाकर उम्मीदें कायम रखीं, लेकिन उन्हें दूसरे छोर से कोई साथ नहीं मिला.
हरमनप्रीत का दांव और शेफाली की गेंदबाजी ने पलटा खेल
हरमनप्रीत कौर ने कप्तानी में एक साहसिक कदम उठाया जब उन्होंने ओपनर शेफाली को गेंद थमाई. यह फैसला मैच टर्निंग पॉइंट साबित हुआ. शेफाली ने अपने पहले ही ओवर में सुने लुस (25) को आउट किया और फिर दूसरे ओवर में मारिजान कैप (4) को विकेट के पीछे कैच आउट करवाया. यह दो झटके साउथ अफ्रीका के मनोबल को तोड़ गए. हरमनप्रीत की यह रणनीतिक चाल टीम की जीत की नींव साबित हुई.
दीप्ति शर्मा का पंजा: पांच विकेट लेकर रचा इतिहास
मैच के आखिरी हिस्से में दीप्ति शर्मा ने साउथ अफ्रीका की सारी उम्मीदें खत्म कर दीं. कप्तान लौरा जब 101 रन पर सेट थीं, तभी दीप्ति ने उन्हें अमनजोत के हाथों कैच आउट करवाया. इसके बाद साउथ अफ्रीका की पारी ढह गई. दीप्ति ने कुल 5 विकेट लेकर ‘प्लेयर ऑफ द फाइनल’ का खिताब जीता. उन्होंने गेंदबाजी में ऐसी सटीक लाइन और लेंथ रखी कि साउथ अफ्रीका की बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं बचा.
भारत की ऐतिहासिक जीत पर जश्न की लहर
भारत की ऐतिहासिक जीत के बाद पूरे देश में जश्न की लहर दौड़ गई. हरमनप्रीत कौर और टीम के बाकी खिलाड़ियों की आंखों में खुशी के आंसू थे. डीवाई पाटिल स्टेडियम तिरंगे के रंगों में रंग गया. हरमनप्रीत ने जीत के बाद कहा, “यह ट्रॉफी सिर्फ भारतीय टीम की नहीं, उन करोड़ों बेटियों की है जिन्होंने सपने देखे और हार नहीं मानी.” भारत ने पहली बार महिला वनडे वर्ल्ड कप जीतकर दुनिया को दिखा दिया कि अब महिला क्रिकेट में भारत नई ताकत बन चुका है.
