Sawan Sampat Shanivar: सावन में शिव के साथ शनि भी होते हैं प्रसन्न ! जानिए संपत शनिवार का महत्व, पूजा विधि और लाभ
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सावन को शिव का प्रिय महीना माना जाता है, लेकिन इस दौरान शनि देव की उपासना भी विशेष फलदायी मानी गई है. हर शनिवार संपत शनिवार (Sampat Shanivar) कहलाता है, जिसमें शनिदेव को प्रसन्न करने से जीवन की हर बाधा दूर होती है. जानिए इसका महत्व, पूजा विधि और उपाय.

Sawan Sampat Shanivar: सावन का महीना शिव भक्ति और आस्था का प्रतीक माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी महीने के शनिवारों को संपत शनिवार कहा जाता है, जो शनि देव की कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ अवसर होता है? यह मान्यता है कि सावन के शनिवार को शनिदेव की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन में संपत्ति, सुख-शांति और रोग-मुक्ति की प्राप्ति होती है. साथ ही शिव और विष्णु दोनों देवताओं का आशीर्वाद भी मिलता है. जानिए पंडित गोविंद शास्त्री जी के अनुसार उपाय.
सावन में सिर्फ सोमवार ही नहीं, शनिवार भी होता है बेहद खास
सावन के महीने को भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है. इस दौरान श्रद्धालु हर सोमवार को शिव मंदिरों में दर्शन और पूजन के लिए उमड़ते हैं. लेकिन ज्योतिषीय मान्यताओं और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो सावन के शनिवार भी अत्यंत फलदायी माने जाते हैं. इन्हें 'संपत शनिवार' कहा जाता है. इस दिन की गई शनि पूजा से शिव, विष्णु और शनिदेव तीनों की कृपा प्राप्त होती है.
जल तत्व का महीना सावन और शनि की भूमिका
पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, सावन जल तत्व प्रधान महीना होता है, लेकिन इसमें वायु तत्व की कमी हो जाती है. इसका असर व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है. मन में बेचैनी, पाचन संबंधी समस्याएं और स्नायु तंत्र की गड़बड़ियां इस दौरान बढ़ जाती हैं. वायु तत्व के स्वामी शनिदेव माने जाते हैं. ऐसे में शनि की उपासना करके इन समस्याओं से राहत पाई जा सकती है.
संपत्ति और सुख-समृद्धि दिलाता है संपत शनिवार
संपत शनिवार की पूजा विधि: कैसे करें शनि को प्रसन्न
संपत शनिवार को सुबह स्नान ध्यान के बाद व्रत रखने का संकल्प लें. सायंकाल पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का बड़ा दीपक जलाएं. पहले शिवजी के मंत्रों का जाप करें, जैसे– “ॐ नमः शिवाय”. इसके बाद शनि मंत्र का जाप करें– “ॐ शं शनैश्चराय नमः”. इसके पश्चात किसी निर्धन व्यक्ति को भोजन कराएं या अन्न दान करें. इससे शनि दोष शांत होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है.
विशेष उपाय: नीम की लकड़ी से करें हवन, पाएं दिव्य फल
शनिवार की शाम को नीम की लकड़ी से यज्ञ करना अत्यंत शुभ माना जाता है. एक साफ स्थान पर हवन कुंड बनाएं और उसमें काले तिल डालकर “ॐ शं शनैश्चराय स्वाहा” मंत्र का 108 बार उच्चारण करते हुए आहुति दें. हवन के बाद काली चीज़ों जैसे काले तिल, काली उड़द, काला कपड़ा, या लोहे की वस्तु का दान करें. ऐसा करने से शनि की कृपा वर्ष भर बनी रहती है और दुर्भाग्य दूर होता है.