
Karwa Chauth 2022 पर शुक्र अस्त का साया,क्या इस बार करवा चौथ मनाना है अशुभ.जान लें पूरी सच्चाई
करवा चौथ व्रत को लेकर इस बार एक अजीब तरह का तर्क कुछ ज्योतिषाचार्यों द्वारा किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि शुक्र अस्त होने की वजह से इस बार जिनका पहला करवा चौथ होने जा रहा है, वह इसको न मनाएं. लेकिन औऱ विद्वान इस तर्क से कहां तक सहमत हैं आइए जानते हैं. Karwa chauth shukra asta 2022

Karwa Chauth Shukra Asta 2022 : पूरे देश में लोकप्रिय, हिन्दू धर्म के ख़ास व्रत त्योहारों में से एक करवा चौथ का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है.इस बार यह तिथि 13 अक्टूबर को पड़ रही है. लेकिन इस साल करवा चौथ व्रत को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां चल रही हैं,जिसके चलते महिलाएं कन्फ्यूज हो रहीं हैं. Karwa Chauth 2022 Par Shukra Asta Ka Prabhav

इस समय शुक्र तारे का अस्त चल रहा है, जिसे शुक्र अस्त कहा जाता है. ऐसी मान्यता है जब इस तारे का अस्त होता है तो कोई भी शुभ कार्य या नए काम नहीं किए जाते हैं, जैसे शादी विवाह, मुंडन, छेदन, गृह प्रवेश, दुकान का उद्घाटन आदि.शुक्र का उदय 20 नवम्बर को होगा. Karwa chauth shukra asta 2022
कुछ ज्योतिष के आचार्य दावा कर रहे हैं कि इस बार जिनका पहला करवा चौथ है, मतलब नवविवाहिता हैं वह इस साल करवा चौथ का व्रत न रखें. ऐसी बात कहने वाले इन विद्वानों का तर्क है कि नए काम की शुरुआत शुक्र अस्त से नहीं करना चाहिए औऱ पहला करवा मतलब इसकी शुरुआत आप करने जा रहीं हैं.(Shukra Asta Impact on Karwa Chauth 2022)
निराधार हैं ऐसे दावे औऱ तर्क..
हमने महिलाओं की इसी कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए देश के जानें माने ज्योतिषाचार्य औऱ भारत सरकार में एक प्रतिष्ठित पद पर अपनी सेवाएं दे रहें पंडित ईश्वर दीक्षित से जरिए दूरभाष बात की. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि शुक्र अस्त करवा चौथ से कोई लेना देना नहीं है, सभी सुहागिन महिलाएं बिना किसी संशय के अपनी परम्पराओ औऱ भारतीय संस्कृति के अनुसार करवा चौथ व्रत रह सकती हैं. Karwa chauth 2022 Par Shukra Asta Ka Saya
जब हमने दूसरे ज्योतिषाचार्यों द्वारा दिए जा रहे तर्कों पर प्रश्न किया तो, पंडित ईश्वर दीक्षित ने बताया कि जो लोग ऐसे भ्रामक दावे कर रहें हैं वह बताएं कि यह किस ज्योतिष की किताब, या धर्म शास्त्र, पुराण आदि में लिखा हुआ है कि शुक्र अस्त के चलते करवा न मनाएं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि धर्म शस्त्रों में करवा चौथ का ऐसा उल्लेख नहीं मिलता है जैसा आजकल के चलन में चल रहा है. Karwa Chauth Shukra Asta Ka Prabhav
शास्त्रों में इस दिन गणेशपूजा का विधान बताया गया है. हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि करवा चौथ सैकड़ो साल पुरानी हमारी परंपराओ में रहा है इस लिए सभी को अपनी अपनी लोकरीति के अनुसार इसे मनाना चाहिए.(Shukra Asta Impact on Karwa Chauth 2022)
उल्लेखनीय है कि करवा चौथ पर सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लम्बी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं औऱ रात को चंद्रोदय के समय चंद्रमा का दर्शन पूजन कर पति के हाँथ से जल पीकर व्रत तोड़ती हैं.(Shukra Asta Impact on Karwa Chauth 2022)