Political Kavita: आने वाले हैं शिकारी मेरे गांव में Lyrics In Hindi ! Aane Wale Hai Shikari Mere Ganv Me
Political Kavita Rajendra Rajan
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सहारनपुर (Sahatanpur) के मशहूर गीतकार राजेंद्र राजन (Rajendra Rajan) की राजनीति के परिदृश्य पर लिखी कविता अक्सर लोग गुनगुनाते नज़र आते हैं. आने वाले हैं शिकारी मेरे गांव में. इस कविता से वो काफी फेमस हुए थे राजेंद्र राजन का कोरोना दौरान निधन हो गया था लेकिन उनकी कविताएं आज भी प्रासंगिक हैं
आने वाले हैं शिकारी मेरे गांव में (Aane Wale Hai Shikari Mere Ganv Me - Rajendra Rajan)
आने वाले हैं शिकारी मेरे गाँव में
जनता है चिन्ता की मारी मेरे गाँव में
फिर वही चौराहे होंगे, प्यासी आँख उठाए होंगे
सपनों भीगी रातें होंगी, मीठी-मीठी बातें होंगी
मालाएँ पहनानी होंगी, फिर ताली बजवानी होगी
दिन को रात कहा जाएगा, दो को सात कहा जाएगा
आने वाले हैं मदारी मेरे गाँव में
जनता है चिन्ता की मारी मेरे गाँव में
आने वाले हैं शिकारी मेरे गाँव में.....
शब्दों-शब्दों आहें होंगी, लेकिन नक़ली बाँहें होंगी
तुम कहते हो नेता होंगे, लेकिन वे अभिनेता होंगे
बाहर-बाहर सज्जन होंगे, भीतर-भीतर रहजन होंगे
सब कुछ है फिर भी माँगेंगे, झुकने की सीमा लाँघेंगे
आने वाले हैं भिखारी मेरे गाँव में
जनता है चिन्ता की मारी मेरे गाँव में
आने वाले हैं शिकारी मेरे गाँव में....
उनकी चिन्ता जग से न्यारी, कुरसी है दुनिया से प्यारी
कुरसी है तो भी खल-कामी, बिन कुरसी के भी दुष्कामी
कुरसी रस्ता कुरसी मंज़िल, कुरसी नदिया कुरसी साहिल
कुरसी पर ईमान लुटाएँ, सब कुछ अपना दाँव लगाएँ
आने वाले हैं जुआरी मेरे गाँव में
जनता है चिन्ता की मारी मेरे गाँव में
आने वाले हैं शिकारी मेरे गाँव में.....