Parliament Special Session: संसद के 75 साल की यात्रा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की चर्चा, पूर्व प्रधानमंत्रियों को किया इस तरह से याद
- By युगान्तर प्रवाह संवाददाता
- Published 18 Sep 2023 04:40 PM
- Updated 19 Sep 2023 10:14 AM
संसद के विशेष सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा को सम्बोधित किया. संसद के 75 साल के इस ऐतिहासिक सत्र का आखिरी दिन है. जिसके बाद अब आगे से सत्र नए संसद भवन में शुरू होंगे. पीएम मोदी ने कहा कि हम भले ही नए संसद भवन में जाएंगे, लेकिन ये पुराना भवन देश की उन ऐतिहासिक स्मृतियों को आने वाली पीढ़ियों को याद दिलाता रहेगा.
हाइलाइट्स
संसद के विशेष सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा को किया सम्बोधित
पूर्व प्रधानमंत्रियों को किया याद, संसद के 75 वर्ष की यात्रा पर की चर्चा
आज इन पुराने संसद में आखिरी दिन,मंगलवार से नए भवन में शुरू होगा सत्र
Pm discussed the journey of 75 years of Parliament : संसद के विशेष सत्र के पहले दिन की चर्चा शुरू की गई. सदन में 75 वर्षो की स्मृतियों की चर्चा की जा रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने पुराने भवन में आख़िरी बार सम्बोधित किया. अब आगे से जो भी सत्र आयोजित किये जायेंगे वे नए भवन में होंगे. पीएम ने आज संसद के 75 वर्ष की ऐतिहासिक यात्रा को स्मरण किया. देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों के दिए गए योगदान को भी याद किया. पीएम ने इस विशेष सत्र को सम्बोधित करते हुए और क्या कहा आपको बताते हैं.
संसद भवन के 75 वर्षो की यात्रा पर चर्चा
सदन में संसद के 75 वर्षों पर सोमवार को चर्चा की जा रही है. पहले दिन संसद के विशेष सत्र को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा को सम्बोधित किया. उन्होंने इस दौरान पुराने भवन के पुरानी और ऐतिहासिक स्मृतियों को सबके सामने बताया. कहा कि यह पुराना ऐतिहासिक संसद भवन हम सबके लिए प्रेरणा का काम करेगा और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगा. विशेष सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, यह सत्र भले ही छोटा है, लेकिन समय के हिसाब से यह बहुत बड़ा है. यह सत्र ऐतिहासिक निर्णयों का सत्र है. संसद की 75 साल की यात्रा अब नए मुकाम से शुरू हो रही है.
पुराना भवन आने वाली पीढ़ियों को देगा प्रेरणा
पीएम मोदी ने कहा कि 75 साल की संसद की यात्रा को याद करने का समय है. आज हम सब इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं. इस भवन से हम सभी ने बहुत कुछ सीखा और प्रेरणा भी ली. हम भले नए भवन में जाएंगे, लेकिन पुराना भवन भी आने वाली पाढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा का काम करेगा. इसी सदन ने हमें संविधान दिया. मोदी ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू जी, लाल बहादुर शास्त्री जी, इंदिरा जी, अटल जी, मनमोहन जी ने इसी सदन के माध्यम से देश को अलग दिशा दी. यह समय इन सभी लोगों के सदन में गौरवपूर्ण योगदान को याद करने का है. सरदार पटेल, लोहिया जी, आडवाणी जी ऐसे अनगिनत नाम हैं, जिन्होंने हमारे सदन को समृद्ध किया है.
नेहरू जी के उस भाषण की गूंज प्रेरित करती रहेगी
प्रधानमंत्री ने कहा कि पंडित नेहरू के भाषण की गूंज प्रेरित करती रहेगी. ये वही सदन है जहां आज़ादी से पहले भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने अपने बम से अंग्रेजी हुकूमत को हिला दिया था, वो पंडित नेहरू के 'एट द स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट' भाषण की गूंज हमें प्रेरित करती रहेगी. इसी सदन में अटल जी ने कहा था कि सरकारें आएंगी, जाएंगी, लेकिन ये देश रहना चाहिए. इसी सदन में इमरजेंसी देखी.
अपनी सरकार के कार्यकाल पर पीएम मोदी ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास का मंत्र, कई ऐतिहासिक निर्णय के साथ ही दशकों से लंबित विषयों का समाधान भी इसी सदन में हुआ था. अनुच्छेद 370 के लिए इसी सदन में चर्चा हुई. यह सदन अनुच्छेद 370 हटने का गवाह भी बना.
G-20 पूरे देश की सफलता
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में G-20 शिखर सम्मेलन पर कहा कि G-20 की सफलता 140 करोड़ देशवासियों की है और ये किसी व्यक्ति, किसी दल की सफलता नहीं है. उन्होंने कहा,देश इस बात पर हमेशा गर्व करेगा कि जब भारत अध्यक्ष था तब अफ्रीकी संघ G-20 का सदस्य बना.
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