Indian Student In Ukraine:यूक्रेन से लौटे कानपुर के छात्र ने सुनाई दर्दनाक दास्तां
- By युगान्तर प्रवाह संवाददाता
- Published 03 Mar 2022 05:28 PM
- Updated 03 Nov 2023 04:42 PM
युक्रेन औऱ रूस के मध्य जारी युद्ध के बीच कई हज़ार भारतीय छात्र यूक्रेन में फंस गए हैं.कुछ हज़ार अभी तक वापस भारत लौट पाए हैं.लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में छात्र वहां फंसे हुए हैं. Indian Student In Ukraine
Kanpur News:यूक्रेन में हर तरफ़ तबाही का मंजर फैला हुआ है.रूस द्वारा आक्रमण बोले जाने के बाद हजारों निर्दोष लोगों की जानें चली गईं हैं.यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए रह रहे कई हज़ार छात्र छात्राएं यूक्रेन का एयर स्पेस बन्द होने के चलते फंस गए हैं.जिन्हें भारत सरकार के प्रयासों से वापस भारत लाया जा रहा है.लेकिन अभी से हजारों की संख्या में छात्र वहां फंसे हुए हैं.इस बीच युक्रेन से वापस लौटे छात्रों ने वहां के जो हालात बताए हैं वह काफ़ी डरावने हैं. Indian Student In Ukraine
कानपुर में चकेरी के मंगला विहार सेकेंड निवासी सेवानिवृत्त कैप्टन विजय यादव के बेटे निर्दोष यादव बुधवार को घर पहुंच गए.सकुशल लौटे बेटे को गले से लगाकर माता-पिता फफक पड़े.कहा कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते बेटे को यूक्रेन नहीं भेजेंगे. Ukraine Russia News in Hindi
निर्दोष इवानो मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र हैं.वे मंगलवार को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच गए थे.निर्दोष ने बताया कि यूक्रेन में भारतीयों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है.पहले यूक्रेन के लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है.500 में बमुश्किल 30 भारतीयों को निकलने का मौका मिलता है.निर्दोष ने कहा कि भारतीयों को निशाना बनाने के पीछे यूक्रेन की सोची समझी चाल है. Kanpur Student In Ukraine
बार्डर पर यूक्रेन के लोगों के लिए अलग गेट बने हैं, भारतीयों के लिए अलग। वह भी थोड़ा सा खोला जाता है.बार्डर पर पहुंचने के लिए 20 से 30 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है.
किसी भी बस में खड़े होकर सफर करना प्रतिबंधित है. ऐसे में छात्रों को बसें भी मुश्किल से मिल रहीं हैं.सबसे अधिक परेशानी कीव में फंसे लोगों को उठानी पड़ रही हैं. क्योंकि वहीं पर हमले हो रहे हैं.लोग घर, मेट्रो, संस्थाओं आदि में बने बंकरों में छिपे हैं. रुपये न होने से खाने पीने की परेशानी है.
चुकाने पड़े कई गुना ज्यादा पैसे..
निर्दोष ने कहा कि अगर समय रहते भारत सरकार से सही दिशा-निर्देश मिल जाते तो यह परेशानी न खड़ी होती. बताया कि कॉलेज में 100 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है.इसलिए कोई छात्र अपना भविष्य दांव पर नहीं लगाना चाहता.इसी वजह से शुरू में छात्र वहां से नहीं निकले.निर्दोष ने बताया कि वापसी के लिए टाटा एयरलाइंस का टिकट एक लाख रुपये से अधिक का मिला.पहले यह 25 हजार में था.
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