Vishu Kya Hota Hai: विशु क्या होता है ? मलयाली इसे नववर्ष के रूप में क्यों मनाते हैं, श्री कृष्ण से जुड़ी है आस्था

Vishu Festival
विशु (Vishu) भारत के केरल (Kerala) में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है इस साल यह त्यौहार 14 अप्रैल को मनाया जाएगा. पुराणों के अनुसार इस दिन बड़े ही विधि विधान से भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा अर्चना की जाती है इस त्योहार से जुड़ी कई कहानियां (Stories) प्रचलित है.
विशु पर्व का महत्व (Vishu Kya Hota Hai)
विषु का पर्व (Vishu Festival) केरल (Kerala) में बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है इस पर्व को सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है. मलयालम कैलेंडर (Malayalam Calendar) के अनुसार इसे नववर्ष (Malayalam New Year) के रूप में मनाया जाता है इस बार इस त्यौहार को 14 अप्रैल के दिन मनाया जाएगा जो भगवान विष्णु (Vishnu) और कृष्णा (Krishna) को समर्पित है.


क्यों मनाया जाता है विशु पर्व (Vishu Kya Hota Hai)
मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण द्वारा राक्षस नरकासुर का वध कर बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल की थी, इसलिए इस दिन विष्णु और कृष्ण भगवान की पूजा की जाती है मलयालम कैलेंडर के अनुसार यह मेष महीने का पहला दिन होता है.
विशु पर्व मनाने की विधि (Vishu Kya Hota Hai)
इस त्यौहार को मनाने के लिए लोग जल्दी उठते है स्नान करने के बाद नए वस्त्र धारण कर मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करते हैं इसके बाद विषुक्कणी (झांकी ) के दर्शन करते हैं मलयालम भाषा में विषु का मतलब भगवान विष्णु होता है और कणी का मतलब देखना होता है इससे पहले इनके दर्शन करने के 1 दिन पहले से ही सारी तैयारियां शुरू हो जाती हैं.
सबसे पहले भगवान विष्णु के दर्शन करने के लिए एक कांस्य के बर्तन में कच्चा आम, चावल, दर्पण, नया कपड़ा, पान का पत्ता और सुपारी रखी जाती है. इसके बाद इस बर्तन के पास दीप जलाया जाता है.
सुबह बुजुर्ग परिवार के सदस्यों की आंखें बंद करके विषुक्कणी तक ले जाया जाता है इसके दर्शन कराते ही बुजुर्ग द्वारा घर के सदस्यों को भेंट के रूप में रुपए दिए जाते हैं यही नहीं इस मौके पर 26 प्रकार के अलग-अलग शाकाहारी व्यंजन बनाए जाते हैं जिन्हें "सघ" कहा जाता है.