Parenting Tips: बच्चों की बेहतर परवरिश और उनके भविष्य को संवारने के लिए अपनाएं ये टिप्स
बच्चों की सही परवरिश (Upbringing) और उन्हें सही सीख देने की हर मां-बाप की ख्वाहिश होती है कि उनका बच्चा भी आने वाले भविष्य में उनके बताए हुए रास्ते पर चलकर अपना जीवन सफल बनाएं लेकिन कई बार अपने बच्चों को सही शिक्षा देने के प्रेशर में मां-बाप बच्चों पर गुस्सा भी करते हैं जो बच्चों को मानसिक रूप से परेशान करता है ऐसे में आज हम आपको बच्चों की परवरिश से संबंधित टिप्स (Tips) देने जा रहे हैं जिन्हें फॉलो कर आप अपने बच्चों को अच्छी तालीम या प्रशिक्षण (Training) दे सकते हैं.

बच्चों की बेहतर परवरिश ऐसे करें
बच्चों की अच्छी परवरिश कोई आसान काम नहीं है फिर चाहे बच्चे छोटे हो या बड़े माता-पिता को बच्चों से बहुत तरह की उम्मीदें होती हैं फिर चाहे वह खाने की बात हो क्या उनकी पसंद और ना पसंद का ख्याल रखना हो इन सारी बातों का ध्यान केवल माता-पिता को ही देखना पड़ता है शायद इसीलिए कहा जाता है कि बच्चों की परवरिश करना हर किसी के बस की बात नहीं है क्योंकि जब बच्चे कुछ भी गलत करते हैं तो लोग उनके माता-पिता को ही गलत ठहराते हैं और जब कुछ अच्छा करते हैं तो इसका सारा श्रेय उनके माता-पिता को ही जाता है बच्चों को सही राह और अच्छे-गलत की पहचान कराना माता-पिता का कर्तव्य होता है आज के आर्टिकल के माध्यम से हम माता-पिता को कुछ ऐसे टिप्स देंगे जिसके जरिए वह अपने बच्चों पर बिना डांट फटकार लगाये ही उन्हें सही राह दिखा सकते है ताकि उनका भविष्य और भी ज्यादा उज्जवल हो सके.

गलती करने पर बच्चों को प्यार से समझाएं
हर माता-पिता का यह सपना होता है कि उनकी संतान भविष्य में सफल हो लेकिन यह हर बार मुमकिन नहीं है बच्चों का सफल या असफल होने के लिए केवल बच्चा ही जिम्मेदार नहीं होता है इसमें बच्चों के माता-पिता को उसका गुरु कहा जाता है ऐसे में माता-पिता बच्चों द्वारा किसी भी तरह की कोई गलती की जाने पर उन्हें डांटने के बजाय अच्छे बुरे की सीख दे सकते हैं ऐसा करने से बच्चों के दिमाग में कोई नेगेटिव असर नहीं होता है बल्कि प्यार से समझाने पर बच्चों को हर चीज जल्दी समझ में आती है.
जितना हो सके बच्चों को दें समय
अमूमन ऐसा देखा जाता है कि अभिभावक अपने काम को लेकर इतना व्यस्त हो जाते हैं कि बच्चों और माता-पिता के बीच काफी दूरियां बढ़ जाती हैं हालांकि ऐसा नहीं है कि माता-पिता अपने बच्चों को चाहते नहीं है लेकिन वह अपने बच्चों को इस बात का एहसास नहीं दिला पाते हैं जिससे भी बच्चा काफी डिप्रैस हो जाता है ऐसे में जितना हो सके बच्चों को ज्यादा से ज्यादा समय दे, ताकि वह आपको अपने माता-पिता के साथ-साथ अच्छा दोस्त भी माने ऐसा करने से बच्चा अपने मन की हर बात आपसे जरूर शेयर करेगा.
गलती करने पर बच्चों से मांग सकते हैं माफी
अक्सर हमें बचपन से यही सिखाया जाता है कि जब हम कोई गलती करते हैं तो हमें माफी जरूर मांगनी चाहिए लेकिन यह चीज केवल बच्चों के लिए नहीं बल्कि बड़ों को भी अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए क्योंकि यदि आप कोई गलती करने पर उसे स्वीकारते हैं तो बच्चा भी आपको देखकर यही सीखेगा और जब वह कोई गलती करेगा तो वह भी आपसे माफी मांगेगा.
अनुशासन है बहुत जरूरी
जीवन में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण है लेकिन यह भी केवल बच्चों तक ही सीमित नहीं है ऐसे में पेरेंट्स को यह सुनिश्चित करने के लिए की आप अपने बच्चों की सही पवरिश कर रहे हैं उन्हें अनुशासन जरूर सिखाएं जिसमें अच्छे से बात करना और अपने काम को समय से करना समय से खेलना कूदना और पढ़ाई करना शामिल है.
वर्तमान में अक्सर ऐसा देखा जाता है कि जो बच्चा कोई गलती करता है तो उसको डांट फटकार के साथ कभी-कभी चिल्लाकर अक्सर माता-पिता अपशब्द भी बोल देते हैं ऐसा बोलने से बच्चे को मानसिक रूप से काफी गहरा सदमा भी पहुंचता है ऐसे में जितना हो सके तो बच्चों को इस तरह से न डांटे बल्कि किसी भी तरह की कोई गलती होने पर अकेले में उसको समझाने का प्रयास करें. इससे बच्चा अपनी गलती को जल्दी समझेगा उदाहरण के तौर पर आप किसी ऑफिस में काम करते हैं यदि आपसे कोई गलती हो गई तो आपका बॉस स्टाफ के सामने आपको डांट फटकार लगाए तो आपको कैसा लगेगा ठीक उसी तरह से बच्चों को हर किसी के सामने डांटने से बचे क्योकि बच्चों का भी आत्मसम्मान होता है.