
Loksabha Election 2024 Date: लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान आज ! देश में लागू हो जाएगी आचार संहिता, जान लें नियम व शर्तें
Lok Sabha Chunav 2024
लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Election 2024) की तारीखों का ऐलान (Announced) आज चुनाव आयोग करने वाला है. इसके साथ ही पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू (Code Of Conduct Implement) हो जाएगी. दोपहर 3 बजे चुनाव आयोग प्रेस वार्ता करते हुए लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करेंगे. इसके साथ ही कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का भी ऐलान किया जाएगा. घोषणा होते ही चुनाव आयोग सबसे शक्तिशाली हो जाएगा, आचार संहिता लगते ही कुछ नियम व शर्तें बनाई गई है जिनका पालन करना अनिवार्य है.

आज लोकसभा चुनाव की तारीखो का एलान
आज से देश में आदर्श आचार संहिता (Code Of Conduct) लागू हो जायेगी. चुनाव आयोग (Election Commission) प्रेस कांफ्रेंस कर चुनाव की तारीखों का एलान करेगा. दरअसल जब चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) या विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करता है. उसी दिन से आदर्श आचार संहिता भी लागू हो जाती है जिसके कुछ नियम व शर्ते (Terms And Conditions) बनाई गई हैं. आचार संहिता का राजनीतिक दलों के सभी प्रत्याशियों को गंभीरता से पालन करना होगा. आचार संहिता के दौरान जिन चीज़ों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं वे इस प्रकार हैं.
क्या है आचार संहिता?
अब बात आती है कि आदर्श आचार संहिता (Code Of Conduct) क्या होती है, जब चुनाव की तारीखों की घोषणा होती है तो आचार संहिता लग जाती है. चुनाव को स्वतंत्र व निष्पक्ष, बिना भयपूर्ण वातावरण में कराए जाने की व्यवस्था को भारतीय निर्वाचन आयोग के द्वारा आचार संहिता लागू की जाती है और उनका अनुपालन सुनिश्चित कराया जाता है. जिसे आचार संहिता कहते हैं. यदि आचार संहिता के नियमों व शर्तों का कोई भी उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का भी प्रावधान है. आदर्श आचार संहिता की शुरुआत 1960 केरल में हुए विधानसभा चुनाव से हुई थी.
आचार संहिता के दौरान नियम व शर्तें
आदर्श आचार संहिता (Code Of Conduct) लागू होते ही कई नियम व शर्ते लग जाती हैं. चुनाव आयोग ने आचार संहिता से जुड़े कुछ नियम व शर्तें तय की हैं. आचार संहिता लागू होते ही सरकारी ऐलानों पर प्रतिबंध रहेगा. मतलब चुनाव आयोग के दिशा निर्देश पर चुनाव का ऐलान होने के बाद मंत्रियों व अन्य अधिकारियों को किसी भी वित्तीय अनुदान की घोषणा या वायदे करने से रोक लगाई जाती है. साथ ही किसी भी प्रकार की परियोजनाओं को शुरू करने पर भी रोक रहेगी. लोकार्पण, शिलान्यास पर भी रोक लगाई गई है. शासन- प्रशासन अधिकारी व कर्मचारियों का ट्रांसफर भी नहीं कर सकती है. सरकारी गाड़ी, विमान व बंगले का प्रयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता. प्रत्याशी सरकारी मशीनरी या मतदाताओं को पैसों का प्रलोभन नहीं दे सकता.
सरकार किसी भी सरकारी अधिकारी व कर्मचारी का तबादला नहीं कर सकती, ना ही पोस्टिंग कर सकती है. यदि किसी का तबादला या पोस्टिंग जरूरी है तो उसे आयोग से अनुमति लेनी होगी. सरकारी पैसे का इस्तेमाल विज्ञापन या जनसंपर्क के लिए नहीं किया जा सकता अगर ऐसे विज्ञापन चल रहे तो उन्हें हटाने के निर्देश है. किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा या कोई महामारी है या सरकार कोई उपाय करना चाहती है, जिस पर चुनाव आयोग की अनुमति लेना अनिवार्य है. चुनावी बैठक और रैली को आयोजित करने के लिए प्रशासन व पुलिस से अनुमति लेनी होगी और जो नियम बनाए गए हैं रैली को दौरान उनका गंभीरता से पालन करना होगा.
रैली व जुलूस के लिए परमिशन अनिवार्य
धार्मिक स्थल का इस्तेमाल कर चुनाव प्रचार नहीं किया जा सकता. प्रचार के लिए राजनीतिक पार्टियों कितनी भी गाड़ियां जिसमें टू व्हीलर भी शामिल है उसका इस्तेमाल कर सकती है लेकिन इसके लिए रिटर्निग ऑफिसर की अनुमति अनिवार्य होगी. रैली या जुलूस के लिए पुलिस से अनुमति लेना अनिवार्य है. रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक डीजे का इस्तेमाल नहीं हो सकता और ना ही कोई रैली होगी. आचार संहिता के दौरान मंत्री, मुख्यमंत्री या विधायक पर भी कई तरह की पाबंदियां लग जाती हैं यानी अगर सरकार कुछ भी करना चाहती है तो पहले उसे आयोग को बताना होगा. चुनाव प्रक्रिया में शामिल किसी भी अधिकारी को नहीं बुलाया जा सकता है.
उल्लंघन पर दण्डात्मक कार्रवाई का प्रावधान
आचार संहिता के दौरान कोई भी इन नियमों व शर्तों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है उसपर दण्डात्मक कार्रवाई का भी प्रावधान है. कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी उल्लंघन करते पाया जाता है तो उसके प्रचार करने पर रोक लगाई जा सकती है इसके साथ ही मुकदमा तक दर्ज किया व जेल तक भेजा जा सकता है.