Kargil Vijay Diwas : सेना के जवानों की आहुति और उनके परिवारों का त्याग,करगिल युद्ध का ऐसा था इतिहास

भारत के इतिहास में 26 जुलाई 1999 का दिन कोई नहीं भूल सकता.पाकिस्तान के सैनिकों ने घुसपैठियों के रूप में करगिल की हज़ारों फीट ऊंची-ऊंची बर्फीली पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया था.तब भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय के नाम के साथ सैकड़ों भारतीय जवानों की शहादत के बाद आखिरकार पाकिस्तान को धूल चटाकर तिरंगा लहराया. आज के दिन भारत की जीत का एलान कर दिया गया.तबसे करगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.

Kargil Vijay Diwas : सेना के जवानों की आहुति और उनके परिवारों का त्याग,करगिल युद्ध का ऐसा था इतिहास
26 जुलाई 1999 करगिल युद्ध का ऐतिहासिक दिन

हाईलाइट्स

  • देश मना रहा है करगिल विजय दिवस, करगिल युद्ध के ऐतिहासिक दिनों को किया जा रहा याद
  • वीर जवानों की शहादत को नमन,देश भर में आयोजित हो रहे कार्यक्रम
  • कारगिल युद्ध पर भारतीय सेना का पराक्रम और शौर्य ,भारतीय सेना ने पाकिस्तान को हराया था,26 जुलाई 1999

Indian Army hoisted tricolor Kargil Vijay Diwas : देश के लिए भारत के वीर सपूतों के बलिदान को आज देश याद कर रहा है.26 जुलाई 1999 का वह दिन इतिहास के सुनहरे अक्षरों में लिखा गया.84 दिन चले इस युद्ध मे सैकड़ो भारतीय जवानों की शहादत के बल पर ही यह सुनहरा दिन देशवासियों को नसीब हुआ. कारगिल विजय दिवस पराक्रम और शौर्य का प्रतीक है.आज देश करगिल विजय दिवस की 24 वीं वर्षगांठ मना रहा है.और शहीदों को नमन कर रहा है.हम आपको बताएंगे कि वो ऐतिहासिक करगिल युद्ध कब शुरू हुआ. जिसमें हमारे जवानों ने देश की आन,बान और शान के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर भारत की जीत में अग्रणी भूमिका निभाई थी..

3 मई 1999 को भारतीय सेना को चौकियों पर कब्जों की मिली सूचना

ए मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी,जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी.. ये देशभक्ति गीत स्वर्गीय लता मंगेशकर का सुनकर आज भी आंखों में आंसू आ जाते हैं. 3 मई 1999 का वह दिन जब करगिल युद्ध की शुरुआत हुई. जब चरवाहों ने सूचना दी कि घुसपैठियो ने भारतीय सैन्य चौकियों पर कब्जा कर लिया है.भारतीय सेना ने युद्ध का एलान कर दिया.देश के वीर घर से मां का आशीर्वाद लेकर निकल पड़े इस धरती माँ की सुरक्षा में..

ऑपरेशन विजय नाम के साथ शुरू किया भारतीय सेना ने ऑपरेशन

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सर्द और ठिठुरती रातों के बीच दुश्मन से हर मोड़ पर भारतीय सेना के जवानों ने टक्कर ली..ग्लेशियर से सफेद चादर में ढकी 16 हज़ार फिट ऊंची पहाड़ियों पर पाकिस्तानी सैनिकों ने कब्जा कर लिया था. जब भारतीय सेना को जानकारी लगी तो उन्होंने इस ऑपरेशन का नाम 'ऑपरेशन विजय' रखा. 8 मई 1999 को ऑपरेशन विजय की शुरुआत हुई.जिसमें कुछ वीर शहीद हुए. तब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने कहा इसका जवाब हम जरूर देंगे.ऑपरेशन का लक्ष्य एलओसी और भारतीय क्षेत्रों पर कब्जा करना था.

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भारतीय सेना के पराक्रम और जाबांजी की बदौलत लहराया तिरंगा

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26 मई 1999 को भारतीय वायु सेना ने भारतीय सेना के साथ मिलकर ऊंची पहाड़ियों पर स्थित सैन्य चौकियों पर कब्जा किये पाकिस्तानी सैनिकों पर धावा बोल दिया.जिसमें दोनों ओर से गोले दागे गए, विस्फोट,फायरिंग हुई.दुश्मन ऊपर से अटैक कर रहा था जबकि भारतीय सेना नीचे से.फिर भी भारतीय सेना का आक्रमण इतना जोरदार था, कि आखिरकार भारतीय सेना ने पाकिस्तान को धूल चटाते हुए इन भारतीय सैन्य चौकियों पर कब्जा किया और तिरंगा लहराया.

26 जुलाई 1999 को हुआ जीत का एलान

26 जुलाई 1999 को भारत की जीत का एलान भी हुआ.इस ऑपरेशन में भारत की ओर से 527 जवान शहीद हुए,1363 जवान जख्मी हुए थे.उधर 600 से ज्यादा पाकिस्तान सैनिकों की भी मौत हुई थी.तबसे भारत के इतिहास में आज का दिन करगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.24वीं वर्षगांठ के अवसर पर देश भर में शहीदों के सम्मान में परेड,कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं.इस बार भी भारतीय सेना करगिल युद्ध स्मारक पर दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित कर रही है.

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