Independence Day Speech In Hindi: स्वतंत्रता दिवस का सबसे दमदार भाषण ! पढ़ते ही रोंगटे खड़े हो जाएंगे

Independence Day Speech In Hindi
आजादी के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर दिया गया यह भावनात्मक और जोशीला भाषण हर भारतीय के दिल में गर्व, कृतज्ञता और देशभक्ति की लहर जगाता है. इसमें स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान, एकता की ताकत और भविष्य की जिम्मेदारी पर गहरी बातें की गईं.
Independence Day Speech In Hindi: आजादी के 79वें वर्ष में जब तिरंगा हवा में लहराता है, तो हर भारतीय के दिल में गर्व के साथ एक गहरी नमी भी भर जाती है. यह नमी उन आंसुओं की है, जो उन माताओं ने बहाए थे जिन्होंने अपने लाल देश के लिए कुर्बान कर दिए. यह दिन सिर्फ जश्न का नहीं, बल्कि उन लम्हों को महसूस करने का है जब गुलामी की बेड़ियां टूटकर आज़ादी में बदल गईं.
जब मां ने बेटे की अर्थी पर तिरंगा ओढ़ाया
स्वतंत्रता दिवस का यह पावन अवसर हमें उन वीर सपूतों की याद दिलाता है जिनकी तलवारों की धार और क्रांतिकारी नारों की गूंज ने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला दी थी. सोचिए, वह मां कैसी रही होगी, जिसने अपने जवान बेटे की अर्थी पर तिरंगा ओढ़ाते हुए कहा—"बेटा, तेरा खून मिट्टी में मिला, पर देश की इज्जत बचा ली."
भगत सिंह की फांसी के फंदे पर मुस्कुराती आंखें, चंद्रशेखर आज़ाद की पिस्टल की अंतिम गोली, और नेताजी सुभाषचंद्र बोस का “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा” का आह्वान आज भी हर भारतीय के सीने में आग भर देता है.
"लहू से सींची आज़ादी, यह बाग हमें महका कर दे गई, कुर्बानियों की खुशबू, हर दिल में जोश जगा कर दे गई.जब तक इस धरती पर सूरज-चांद चमकते रहेंगे, भारत माता के वीर सपूत अमर गाथाएं गाते रहेंगे."
आज़ादी हमें यूं ही नहीं मिली, इसके लिए लहू की नदियां बही थीं. अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस आज़ादी की रक्षा करें, इसे और मजबूत बनाएं. हमें जात-पात, धर्म और भाषा के भेदभाव से ऊपर उठकर एकजुट होना होगा, क्योंकि “जब तक सूरज चांद रहेगा, भारत तेरा नाम रहेगा” यह सिर्फ गीत नहीं, बल्कि हमारी आत्मा की आवाज है.
आज हमें यह भी देखना होगा कि क्या हम अपने वीरों के सपनों का भारत बना पाए हैं. गरीबी, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी जैसी चुनौतियां आज भी हमारे सामने हैं. इनसे लड़ने के लिए हमें वही जज्बा, वही त्याग और वही देशभक्ति चाहिए जो हमारे पूर्वजों के खून में बहती थी.
जब हम तिरंगे के नीचे खड़े होते हैं, तो वह सिर्फ कपड़े का टुकड़ा नहीं, बल्कि उन लाखों बलिदानों की गवाही है जिनकी वजह से आज हम खुले आसमान के नीचे सांस ले रहे हैं. हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम इस देश की मिट्टी का कर्ज चुकाने के लिए अपना हर संभव प्रयास करेंगे.
"सरफरोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना, बाजुएं-कातिल में है.
मर मिटेंगे वतन पर, यह वादा है हमारा,भारत मां के चरणों में, जीवन सारा न्योछावर हमारा."
भविष्य का भारत हमारी मेहनत, एकता और संकल्प से ही बनेगा. विज्ञान, शिक्षा, खेल, कृषि और सेना—हर क्षेत्र में हमें उत्कृष्टता की नई ऊंचाइयां छूनी होंगी. हमें यह साबित करना होगा कि भारत केवल अतीत की शौर्यगाथाओं का देश नहीं, बल्कि भविष्य की नई ऊंचाइयों का निर्माता भी है.
इस स्वतंत्रता दिवस पर आइए हम सब मिलकर यह प्रण लें कि जब तक इस धरती पर हमारी सांसें चल रही हैं, हम भारत माता के गौरव, सम्मान और अखंडता की रक्षा करेंगे.
वो जंग अभी बाकी है, जो खुद से लड़नी होगी, हर बुराई को मिटाकर, भारत को सजाना होगा.
तिरंगे की शान हमेशा ऊंची रखना हमारा धर्म है, क्योंकि यह मातृभूमि ही हमारा सबसे बड़ा कर्म है."