Uttar Pradesh News : संतों ने बनाया धर्म सेंसर बोर्ड इस तरह करेगा काम शंकराचार्य ने जारी की गाइडलाइन
उत्तर प्रदेश के संतों ने एक धर्म सेंसर बोर्ड का गठन किया है, इस बोर्ड के गठन का उद्देश्य बताते हुए सन्तो ने बताया कि यह फिल्मों में दिखाई जा रही अश्लीलता औऱ हिन्दू धर्म से किया जा रहे खिलवाड़ को रोकने का काम करेगी.
Dharm Censor Board : पठान फ़िल्म के गाने 'बेशर्म रंग' में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण द्वारा पहने कपड़ो के रंग को लेकर शुरु हुआ विवाद धर्म सेंसर बोर्ड के गठन तक पहुँच गया है.
दरअसल यूपी के सन्तो ने मिलकर धर्म सेंसर बोर्ड का गठन किया है. इस बोर्ड के गठन का उद्देश्य बताते हुए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि फिल्मों में धार्मिक किरदारों के साथ लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है.इसके लिए एक धर्म सेंसर बोर्ड के गठन की जरूरत पड़ी है. उन्होंने कहा कि यह बोर्ड सेंसर बोर्ड का विरोधी नहीं है, उसके पूरक बोर्ड के रूप में काम करेगा. इस बोर्ड का उद्देश्य फिल्मों से पूरी तरह अश्लीलता बन्द करना है.
उन्होंने बताया कि धर्म सेंसर बोर्ड के सदस्य फिल्मों के कंटेंट पर ही निगाह रखेंगे. अगर सनातन धर्म के विरुद्ध कोई आपत्तिजनक कंटेंट या दृश्य फिल्मों या सीरियल्स में डाले जाएंगे तो उसे हटाने के लिए धर्म सेंसर बोर्ड उन पर दबाव बनाएगा. उसके बाद भी कटेंट या दृश्य को नहीं हटाने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि यह कार्रवाई कानूनी के साथ-साथ सामाजिक भी होगी. जिसका सीधे तौर पर असर फिल्म निर्माता निर्देशकों की इनकम पर भी पड़ेगा
इस बोर्ड में पूरे देश से अलग अलग क्षेत्रों से लोगों को शामिल किया गया है.धर्म सेंसर बोर्ड के संरक्षक खुद ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती हैं. धर्म सेंसर बोर्ड में एक प्रमुख सदस्य समेत में अलग-अलग क्षेत्रों के कुल नौ सदस्य नामित किए गए हैं. इसमें सुरेश मनचंदा प्रमुख सदस्य नामित किए गए हैं. जबकि डॉ पीएन मिश्र, स्वामी चक्रपाणि महाराज, मानसी पाण्डेय, तरुण राठी, कैप्टन अरविंद सिंह भदौरिया, प्रीति शुक्ला, डॉ गार्गी पंडित जी, डॉ.धर्मवीर जी सदस्य बनाए गए हैं.