Anurag Kashyap Brahman: फुले’ फिल्म से फैला ज़हर ! अनुराग कश्यप बोले- ब्राह्मणों के चेहरे पर मूत दूं, देश में उबाल
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अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) के विवादित बयान पर ब्राह्मण समाज में आक्रोश फैल गया है. फिल्म ‘फुले’ को लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि ब्राह्मणों के चेहरे पर मूतने का मन करता है. इस टिप्पणी के बाद एफआईआर दर्ज हुई और देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

Anurag Kashyap Brahman: फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। इस बार उन्होंने ऐसा बयान दिया है जिसने सिनेमा से बाहर निकलकर सीधे जातीय अस्मिता और सम्मान को आघात पहुंचाया है. अपनी आगामी फिल्म ‘फुले’ को लेकर सेंसर बोर्ड से भिड़ने के दौरान उन्होंने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा “अब मन करता है ब्राह्मणों के चेहरे पर पेशाब कर दूं” इस टिप्पणी के बाद पूरे देशभर में ब्राह्मण समुदाय में गुस्से की लहर दौड़ गई है. कई जगह विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं और सोशल मीडिया पर उनका बहिष्कार और गिरफ्तारी की मांग तेज हो गई है.
जाति पर विमर्श से सीधा अपमान: अनुराग का बयान या सामाजिक ज़हर?
अनुराग कश्यप ने जब सोशल मीडिया पर अपनी फिल्म ‘फुले’ को लेकर सेंसर बोर्ड की आपत्तियों पर नाराजगी जाहिर की, तो उन्होंने एक लंबा पोस्ट लिखा जिसमें देश में जातिवाद की मौजूदगी पर सवाल उठाए. लेकिन यही पोस्ट उनके लिए जहर बन गया जब उन्होंने “ब्राह्मणों के चेहरे पर पेशाब करने” जैसी अश्लील और अपमानजनक टिप्पणी कर दी.
यह बात किसी डायलॉग या फिल्म के हिस्से में नहीं, बल्कि खुद उनके निजी अकाउंट से पोस्ट की गई. उन्होंने इसे एक निजी भावना बताया, लेकिन ब्राह्मण समाज ने इसे सीधे तौर पर अपने अस्तित्व और सम्मान पर हमला माना. सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि अगर यह बात किसी दूसरे धर्म या जाति को लेकर कही जाती, तो अब तक कानूनी शिकंजा कस चुका होता.
देशभर में ब्राह्मण समाज का उबाल, सड़कों से सोशल मीडिया तक विरोध
अनुराग कश्यप के बयान के बाद देश के कोने-कोने में ब्राह्मण संगठनों का गुस्सा फूट पड़ा है. बनारस, पटना, प्रयागराज, भोपाल, लखनऊ और जयपुर जैसे शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिसमें उनके पुतले जलाए गए और गिरफ्तारी की मांग की गई. वहीं सोशल मीडिया पर #ArrestAnuragKashyap, #BanPhuleMovie और #AntiBrahminAnurag जैसे ट्रेंड टॉप पर चल रहे हैं.
खास बात ये है कि विरोध अब केवल संगठनों तक सीमित नहीं रहा, सामान्य ब्राह्मण परिवारों और युवा वर्ग ने भी खुलकर अपनी नाराजगी जताई है. वे इसे जातीय द्वेष और मानसिक हिंसा का रूप बता रहे हैं. लोगों का कहना है कि अनुराग कश्यप की अभिव्यक्ति की आजादी अब एकतरफा नफरत फैलाने का हथियार बन चुकी है, जिसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
माफी या तंज? अनुराग की सफाई ने और भड़काया विवाद
बढ़ते बवाल के बीच अनुराग कश्यप ने सोशल मीडिया पर माफी की एक पोस्ट शेयर की, लेकिन वो भी माफी से ज्यादा चुनौती जैसी नजर आई. उन्होंने कहा, “मैं माफी मांगता हूं, लेकिन पूरी पोस्ट के लिए नहीं — सिर्फ उस एक लाइन के लिए जिसे गलत संदर्भ में लिया गया” इसके बाद उन्होंने लिखा कि “ब्राह्मण लोग, औरतों को बख्श दो, इतना तो शास्त्रों में भी है” उनके इस बयान को लोगों ने एक और परोक्ष हमला माना.
बॉम्बे हाईकोर्ट के अधिवक्ता आशुतोष जे दुबे ने उनके खिलाफ FIR दर्ज करवा दी है, जिसमें कई संगीन धाराएं जोड़ी गई हैं. अब मामला सोशल मीडिया से निकलकर कानूनी दायरे में प्रवेश कर चुका है, और अनुराग की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं.