महाशिवरात्रि पर बन रहा है दुर्लभ संयोग.. इस विधि विधान से करें पूजा तो होगा लाभ!
चार मार्च यानी सोमवार को महाशिवरात्रि पर्व है इस बार महाशिवरात्रि में बेहद ही दुर्लभ संयोग बन रहा है.. और ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि इस बार महाशिवरात्रि पर सही विधि विधान से पूजा करने वाले लोगों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी...पढ़े युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट।
फ़तेहपुर: इस बार का महाशिवरात्रि कई मायनों में बेहद खास होने वाला है।सबसे बड़ी बात ये है कि भगवान शिव की अराधना के लिए सबसे उपयुक्त दिन सोमवार को माना जाता है और इस बार का महाशिवरात्रि चार मार्च, सोमवार को ही है।महाशिवरात्रि पर इस बार एक और अहम संयोग बन रहा है।इस दिन प्रयागराज में चल रहे कुंभ का अंतिम शाही स्नान भी है। महाशिवरात्रि मनाने के पीछे हिंदू पुराणों में अनेक मान्यताओं का जिक्र है।इसमें सबसे प्रमुख ये है कि इसी दिन भगवान शंकर का जन्म हुआ था।
महाशिवरात्रि के पीछे मान्यताएं...
हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव इसी दिन शिवलिंग रूप में प्रकट हुए थे। एक अन्य प्रचलित किवदंती के अनुसार ब्रह्मा ने महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शंकर के रौद्र रूप का धारण किया था।मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शंकर और माता पार्वती परिणय सूत्र में बंधे थे।
महाशिवरात्रि में पूर्ण होती है मनोकामनाएं...
भगवान शंकर में आस्था रखने वाले भक्तों के लिए महाशिवरात्रि का दिन बेहद भक्तिमय होता है और इस दिन सच्चे मन से भक्तगण भगवान शंकर की विधि अनुसार पूजा अर्चना करते है। महाशिवरात्रि के दिन ऐसी मान्यता है कि उपवास रखने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. महाशिवरात्रि का व्रत लड़कियां अच्छे पति की प्राप्ति के लिए और महिलाएं वैवाहिक जीवन सुखमय हो इसलिए भी रखती हैं।
महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखते हैं तो रखें इन बातों का ध्यान...
1. सूर्योदय से पहले स्नान कर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं
2. दिन में फलाहार करना चाहते हैं तो कर सकते हैं
3. शाम के समय भी पैर-हाथ धोकर पूजा करें
4. रात में बिना नमक या सेंधा नमक से बना भोजन ग्रहण करें
महाशिवरात्रि के दिन शुभ मुहूर्त...
शुभ मुहूर्त प्रारंभ- शाम के साढ़े चार बजे से
शुभ मुहूर्त खत्म- शाम सात बजकर पांच मिनट पर।