Up Bhagyalakshmi Yojana 2023 : जन्म लेते ही बेटियों को सरकार की ओर से मिलेगी इतनी राशि, जानिए इस भाग्यलक्ष्मी स्कीम के बारे में
आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों को जन्म से ही सूबे की योगी सरकार भाग्यलक्ष्मी योजना के तहत उन्हें धनराशि का लाभ दिया जा रहा है.हालांकि उत्तर प्रदेश में यह योजना 2017 से चल रही है. बेटियों के जन्म होते ही सरकार 50 हज़ार रुपये का बांड देती है.इसी के साथ बेटी की मां को 5100 रुपये भी बेटी के परवरिश के लिए दिया जाता है.बेटी के 21 वर्ष तक यह बांड 2 लाख रुपये हो जाता है.
हाईलाइट्स
- यूपी सरकार की भाग्यलक्ष्मी योजना, जन्म लेते ही बेटियों को मिलेगा 50 हज़ार रुपये
- परवरिश के लिए माँ को 5100 की राशि प्रदान की जाएगी,शिक्षण के लिए भी मदद
- 21 वर्ष के हो जाने पर शादी के लिए 2 लाख रूपय की आर्थिक मदद, आवेदन के लिए यूपी निवास प्रमाण पत्र व बै
Uttar Pradesh's Bhagyalakshmi Yojana : बेटियों के प्रति समाज की इस नकारात्मकता सोच को जड़ से खत्म करना जरूरी है.दिनोंदिन बेटियों की संख्या घट रही है.कारण एक यह भी है कि गर्भ में लिंग का कुछ लोग परीक्षण करा लेते हैं.और बेटियों को गर्भ में ही मारने का अपराध कर डालते हैं.इस सोच को हटाने के मकसद से बेटियों को समाज में आगे बढ़ाने की दिशा में यूपी सरकार भाग्यलक्ष्मी योजना लेकर आई है.
जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग वाले परिवारों की जन्म लेने वाली बेटियों को जन्म से ही सरकार इस योजना के तहत आर्थिक मदद करेगी.यही नहीं शिक्षा के समय भी वित्तीय मदद दी जाएगी.उसके लिये शिक्षा जरुरी है.चलिए सरकार की इस भाग्यलक्ष्मी योजना के बारे में विस्तारपूर्वक बताते हैं, कि कैसे इस योजना का लाभ ले सकते हैं. और किस तरह से आवेदन करना होगा..
गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों में जन्मी बेटियों के लिए है यह स्कीम
कई लोगों के मन मे सवाल होगा कि आखिर यह भाग्यलक्ष्मी योजना क्या है. यह योजना सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है.बेटियों की लगातार घटती संख्या को देखते हुए यह स्कीम धरातल पर लाई गई.जो लोग गरीबी रेखा से नीचे आते हैं,या यूं कहें कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग वाले परिवार से आते हैं.उनके लिए यह योजना है.
जन्म लेते ही बेटियों को 50 हज़ार रुपये की आर्थिक मदद
बेटी के जन्म लेते ही इस योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाता हैं. जन्म लेते ही सरकार 50 हज़ार रुपये का बांड देती है.इसके साथ ही बेटी के पालन-पोषण के लिए साथ में बेटी की मां को 5100 रुपये दिए जाते हैं.एक परिवार में जन्मी दो बेटियों के लिए यह स्कीम है.फिर आगे शिक्षा के समय राशि को खाते में भेजा जाता है.
2017 से चल रही है यह योजना
उत्तर प्रदेश में यह योजना पिछले 6 वर्षो से चल रही है.उत्तर प्रदेश में भाग्यलक्ष्मी योजना 2017 में शुरू की गई थी. इस योजना में प्रदेश सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग वाले परिवारों में जन्म लेने वाली बेटियों को आर्थिक मदद करती है.बेटियों को स्वावलंबी बनाना सरकार का मकसद है.शिक्षा और पालन पोषण के तहत वित्तीय सहायता राशि परिवार को दी जाती है.समाज में बेटियों को आगे बढ़ाया जाए और बेटियों को लेकर नकारात्मकता सोच को बदला जाए.इन सभी बिन्दुओ को देखते हुए सरकार ने यह योजना शुरू की है.
ऐसे करें रजिस्ट्रेशन ये रहेंगे डॉक्युमेंट्स
यदि आप इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं या आप इसके पात्र में आते है. यदि आपकी आय सालाना 2 लाख रुपये से ऊपर नहीं है.तो आप रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.रजिस्ट्रेशन के लिए आप अपने नजदीकी सरकार द्वारा संचालित ई मित्र सेंटर जाकर पंजीकरण कराएं. रजिस्ट्रेशन का कोई पैसा नहीं लगता है.
ये लगेंगे डॉक्युमेंट्स
दस्तावेज की बात करें तो आवेदक बेटी का आधारकार्ड, जाति प्रमाण पत्र, बालिका का जन्म प्रमाण पत्र, यूपी का निवास प्रमाण पत्र, परिवार का आय प्रमाण पत्र, माता-पिता का आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ, बैंक अकॉउंट की डिटेल, घर का पता व मोबाइल नंबर यह सब आवश्यक है.इन सबके बिना आप रजिस्ट्रेशन नहीं करा सकते हैं.
किस तरह से मिलेगी आर्थिक मदद
बेटी के जन्म समय पर ही सरकार 50 हजार रूपये का बांड परिवार को देगी.पालन के लिए उसी समय मां को 5100 रुपये की राशि प्रदान करेगी.अब बेटी जैसे-जैसे स्कूल जाने लायक होगी.और बेटी के कक्षा 6 में पहुँचते ही, खाते में 3 हज़ार रुपये भेजे जाएंगे.कक्षा 8 में 5 हज़ार रुपये ,हाईस्कूल में 7 हज़ार रुपये और इंटर में पहुंचने पर 8 हज़ार रुपये खाते में ट्रांसफर किये जायेंगे.जब बेटी 21 वर्ष शादी के लायक होगी ,तो शादी में आर्थिक मदद के लिए 2 लाख रुपये की वित्तीय मदद माता-पिता को दी जाएगी. शिक्षा प्राप्त करने के लिए बेटी का सरकारी शिक्षण में दाखिला होना आवश्यक है.बीपीएल कार्ड धारकों के लिए यह योजना बेटी के जन्म लेते ही एक्टिव हो जाती है.