Please enable JavaScript to support our website by allowing ads.

ADVERTISEMENT

Munawwar Rana Passes Away: दिल को छू लेती थीं इनकी शेरों-शायरियां ! मशहूर शायर मुनव्वर राना का लंबी बीमारी के चलते निधन, राम मंदिर पर फैसले से भी थे ख़फ़ा

Munawwar Rana Passes Away: दिल को छू लेती थीं इनकी शेरों-शायरियां ! मशहूर शायर मुनव्वर राना का लंबी बीमारी के चलते निधन, राम मंदिर पर फैसले से भी थे ख़फ़ा
मशहूर शायर मुनव्वर राणा : Image Credit Original Source

मशहूर उर्दू शायर मुनव्वर राणा बायोग्राफी

माँ से जुड़ी दिल को छू लेने वाली नज्म और शेरों-शायरियां कहने वाली आवाज थम गई. मशहूर उर्दू शायर (Famous Urdu Poet) मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) का 71 वर्ष की उम्र में बीमारी के चलते लखनऊ (Lucknow) में निधन हो गया. उनके यादगार शेरों-शायरियों और नज़्म की पूरी दुनिया कायल थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इनके निधन पर शोक जताते हुए श्रद्धाजंलि दी है.

ADVERTISEMENT

मशहूर शायर मुनव्वर राणा का लंबी बीमारी के चलते निधन

मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) जाने-माने प्रसिद्ध उर्दू शायर (Urdu Poet) जिनकी शेरों-शायरियां और नज्में हमेशा दिलों को छू लेती हैं. मुनव्वर राणा ने खास तौर पर अपने 'मां' पर कहे शेरों से ज्यादा ख्याति मिली. जो लोगों के दिलो में बसती चली गयी. 71 वर्ष की उम्र में लंबी बीमारी के चलते उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. मुनव्वर अपने पीछे अपनी पत्नी नायला राणा, 5 बेटियां सुमैया राणा, फोजिया राणा, उरूसा राणा, हिबा राणा, अर्शिया राणा और बेटे तबरेज राणा को छोड़ गए हैं.

कौन थे मुनव्वर राणा (Who Is Munawwar Rana)?

शायर मुन्नवर राणा (Poet Munawwar Rana) का जन्म 26 नवम्बर 1952 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली (Raebareli) जिले में हुआ था. उर्दू साहित्य और कविताओं में शुरू से ही रुचि रही. मुनव्वर की मां का निधन साल 2016 में हुआ था, मुनव्वर को शेरों व शायरी और गजलें लिखने का शुरू से शौक था. धीरे-धीरे मुनव्वर को अपनी इस कला यानी शेरों-शायरियों (Poetry) में लोकप्रियता मिलने लगी. उनका यह शेर सबकी जुबा पर रहता है, 'किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकां आयी, मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में मां आयी' यह काफी लोकप्रिय हुआ.

माँ से जुड़ी नज्में और शेर भी काफी लोकप्रिय रहे. उनके प्रसिद्ध शेरों व नज्मो के लिए वर्ष 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी नवाजा गया. हालांकि लगभग एक साल बाद पुरस्कार लौटा दिया. इसके साथ ही अमीर खुसरो पुरस्कार (Ameer Khusro Award), मीर तकी मीर पुरस्कार, गालिब पुरस्कार, डॉ. जाकिर हुसैन पुरस्कार और सरस्वती समाज पुरस्कार शामिल हैं. उनकी रचनाओं का कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है.

मुनव्वर राणा राम मंदिर पर आए फैसले से थे नाराज

उर्दू शायर मुनव्वर राणा का विवादों से भी उनका गहरा नाता रहा, राम मंदिर पर फैसला आने के बाद मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) ने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) पर सवाल उठाया था. उनका कहना था कि विवादित जमीन पर जो फैसला सुनाया गया उसमें कहीं न कहीं हिंदुओं का पक्ष लिया गया. इस बयान के बाद काफी विवाद बढ़ गया था.

Read More: उत्तर प्रदेश के इन 15 उत्कृष्ट शिक्षकों का होगा सम्मान, सीएम योगी देंगे पुरस्कार, जानिए किन जनपदों को मिला सौभाग्य

यही नहीं किसान आंदोलन पर ट्विटर पर एक शेर लिखा जिसपर फिर से विवाद बढ़ा. मुनव्वर राणा ने कहा था कि संसद भवन को गिराकर वहां खेत बना देना चाहिए, जिसपर बवाल मचा था. आज यह आवाज हमेशा के लिए शांत हो गयी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए श्रद्धांजलि दी है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. एक्स पर उन्ही का शेर लिखा, तो अब इस गांव में रिश्ता हमारा खत्म होता है, फिर आंखें खोल ली जाएं कि सपना खत्म होता है.  देश के जाने माने शायर मुनव्वर राना का निधन अत्यंत ह्रदयविदारक. 

Read More: School Closed In UP: फतेहपुर में बारिश और बाढ़ के चलते बंद हुए स्कूल ! जानिए क्या हुआ है आदेश

शायर मुनव्वर राणा के कुछ मशहूर शेर

अभी ज़िंदा है माँ मेरी, मुझे कुछ भी नहीं होगा, मैं जब घर से निकलता हूँ दुआ भी साथ चलती है.

Read More: यूपी में शिक्षक सम्मान की बड़ी घोषणा: फतेहपुर समेत प्रदेश के 66 शिक्षकों को मिलेगा राज्य अध्यापक पुरस्कार

मिट्टी में मिला दे कि जुदा नहीं हो सकता, अब इससे ज्यादा मैं तेरा नहीं हो सकता.

छू नहीं सकती मौत भी आसानी से इसको, यह बच्चा अभी मां की दुआ ओढ़े हुए है.

लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती, बस एक मां है जो मुझसे खफा नहीं होती.

लिपट को रोती नहीं है कभी शहीदों से, ये हौसला भी हमारे वतन की माओ में है, ये ऐसा कर्ज है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता, मैं जबतक घर न लौटूँ मेरी माँ सजदे में रहती है.

किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकां आयी, मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में मां आयी.

ADVERTISEMENT

Latest News

यूपी में शिक्षक सम्मान की बड़ी घोषणा: फतेहपुर समेत प्रदेश के 66 शिक्षकों को मिलेगा राज्य अध्यापक पुरस्कार यूपी में शिक्षक सम्मान की बड़ी घोषणा: फतेहपुर समेत प्रदेश के 66 शिक्षकों को मिलेगा राज्य अध्यापक पुरस्कार
उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षक दिवस से पहले परिषदीय स्कूलों के 66 शिक्षकों को राज्य अध्यापक पुरस्कार देने की घोषणा...
उत्तर प्रदेश के इन 15 उत्कृष्ट शिक्षकों का होगा सम्मान, सीएम योगी देंगे पुरस्कार, जानिए किन जनपदों को मिला सौभाग्य
Sindoor Lal Chadhayo Aarti PDF: शेंदूर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुख को आरती लिरिक्स, गणेश जी इस आरती से दूर होते हैं कष्ट
Vodafone Idea का धमाका ऑफर: 1 रुपये में मिलेगा 4,999 रुपये का वार्षिक रिचार्ज प्लान, जानें कैसे
IAS Aunjaneya Kumar Singh Biography: पत्रकारिता से आईएएस तक का सफर, जानिए क्यों चर्चा में हैं आंजनेय कुमार सिंह
UP Gold Silver Rate Today 26 August: यूपी में क्या है आज का सोने चांदी का ताजा भाव
आज का राशिफल 26 अगस्त 2025: हरतालिका तीज पर चमकेगी इन राशियों की किस्मत

Follow Us