Kanpur News : कानपुर के 129 वर्ष पुराने यतीमखाने के आश्रय स्थल को क्यों बंद करना पड़ा,क्या है जे जे एक्ट?
कानपुर में 129 वर्षों से संचालित यतीमखाना में आश्रय स्थल संस्था को बंद करना पड़ रहा है इस आश्रय स्थल पर 4 दर्जन से ज्यादा बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा था, बताया जा रहा कि इस आश्रय स्थल का जेजे एक्ट में रजिस्ट्रेशन नहीं था जिसके बाद निर्णय लिया गया कि बिना रजिस्ट्रेशन के ऐसे आरफेनेज को बन्द कर दिया जाए.
हाईलाइट्स
- कानपुर में बिना पंजीकरण के चल रहे यतीमखाना आश्रय स्थल को करना पड़ा बंद
- आश्रय स्थल में रह रहे बच्चों को किया जा रहा सुपुर्द
- 129 वर्ष पुराने परेड स्थित यतीमखाना में है आश्रय स्थल
Yatimkhana's shelter had to be closed in Kanpur : कानपुर के परेड स्थित यतीम खाना के आश्रय स्थल को जे जे एक्ट की कानूनी औपचारिकता पूरी न हो पाने के कारण बंद करना पड़ा है ,आपको बता दें कि यह यतीमखाना 1894 से मुस्लिम ऑर्फनेज कानपुर स्थापित है, किशोर न्याय अधिनियम 2015 यानी जेजे एक्ट में इस यतीमखाना का रजिस्ट्रेशन न होना व कई मानक नही सही पाए गए जिसके बाद अधिकारियों की मौजूदगी में बच्चों को उनके माता-पिता को सुपुर्द करने का कार्य किया जा रहा है और यहां आश्रय स्थल को बंद किया जा रहा है.
जेजे एक्ट के सेक्शन 41 के तहत नहीं था रजिस्ट्रेशन
कानपुर के इस यतीमखाना का संचालन अंजुमन यतीमखाना इस्लामिया करती है यहां वर्तमान में 42 बच्चे है जिन्हें यहां से शिफ्ट कर उनके माता पिता को सौंपा जा रहा है. सोमवार को प्रोबेशन अधिकारी व एसीएम की मौजूदगी में परेड स्थित यतीमखाना पहुंचकर कार्यवाही की गई, इस यतीमखाना में आश्रय स्थल के मानक पूरे नही पाए गए सेक्शन 41 के तहत पंजीकरण न होना जिसकी वजह से फिलहाल इस स्थल को बंद करना पड़ा .
क्या कहा डीएम ने
डीएम विशाख जी अय्यर ने बताया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के द्वारा जे जे एक्ट में जिनका पंजीकरण है वे ही इन बाल गृहों का संचालन कर सकते हैं यहां जेजे एक्ट के सेक्शन 41 के तहत पंजीकरण नहीं हुआ और कई मानक पूर्ण नही पूरे मिले जिसके बाद इस संस्था को बंद करने का निर्देश दिया गया है, एसीएम और प्रोबेशन अधिकारी की मौजूदगी में बच्चों को उनके गार्जियंस को सुपुर्द किया जा रहा है.