
मिड डे मील नून रोटी प्रकरण-पत्रकारों पर डीएम मिर्जापुर का दिया हुआ ज्ञान पढ़कर सिर पकड़ लेंगे आप..प्रिंट मीडिया के लिए बताए नियम!
मिर्जापुर के प्राथमिक विद्यालय में मिड डे मील का नून रोटी प्रकरण लगातार चर्चा में बना हुआ है।जिसका कारण है कि मिड डे मील के दौरान रोटी के साथ नमक बांटे जाने का वीडियो जिस पत्रकार ने बनाया था उसके और उस ख़बर के सोर्स के खिलाफ ही अब गम्भीर आपराधिक धाराओं में मुकदमा डीएम के आदेश के बाद दर्ज हो गया..पढ़े इस प्रकरण में युगान्तर प्रवाह की फॉलोअप रिपोर्ट।

डेस्क:उत्तर प्रदेश में पत्रकारों को अब पत्रकारिता करनी है तो पहले मिर्जापुर के मौजूदा डीएम अनुराग पटेल से ज्ञान ले लेना चाहिए कि पत्रकारिता कैसे करनी है।
मिर्जापुर के सरकारी प्राथमिक विद्यालय का नून रोटी प्रकरण तो आपको याद ही होगा।यह वही मामला है जिसके बाद मिर्जापुर जिला प्रशासन के साथ साथ योगी सरकार की भी जमकर छीछालेदर हुई थी।डीएम ने आनन फानन में मिड डे मील के इंचार्ज अध्यापक सहित दो लोगो को तुरंत ही निलंबित कर दिया और शेष कई जिम्मेदार अधिकारियों के ऊपर जांच बैठा दी थी।लेक़िन ये तो बात हुई वीडियो वायरल होने के तुरंत बाद की।
अब डीएम साहब ने उस पत्रकार को निशाने में लिया जिसने इस खबर का वीडियो बनाया था,और डीएम साहब ने इस ख़बर का वीडियो बनाने वाले पत्रकार पवन जायसवाल और इस ख़बर के सोर्स उस गाँव के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार पाल के ऊपर गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करवा दिया।
क्योंकि यही तो वो खबर थी जिसने मिर्जापुर में चल रहे इस बड़े भृष्टाचार को सबके सामने उजागर कर दिया था।
अब जब पत्रकार पवन जायसवाल पर मुकदमा दर्ज हो गया है तो देश भर में पत्रकारों और विपक्षी दलों के साथ साथ आम जनता भी मिर्जापुर प्रशासन की इस दमनकारी नीति के विरोध में हैं।
सोमवार को विभिन्न जिलों में पत्रकारों ने बैठकें और विरोध प्रदर्शन कर पत्रकार के ऊपर दर्ज मुकदमों को रद्द करने की मांग की।
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अब बात करते हैं डीएम मिर्जापुर के उस बयान की जो उन्होंने आज दिया है जिसमें वो बता रहें कि किसी को यदि पत्रकार बनना है या वो पत्रकारिता कर भी रहा है तो उसे सबसे पहले मुझसे ज्ञान ले लेना चाहिए!मंगलवार को जब इस पूरे मामले पर पत्रकारों ने डीएम से बाईट ली तो उन्होंने कहा कि चूंकि वीडियो बनाने वाले पत्रकार पवन जायसवाल प्रिंट मिडिया के पत्रकार हैं तो उन्होंने वीडियो क्यों बनाया उनको यदि कंही पर कुछ अनियमता लग रही थी तो फ़ोटो खींचनी चाहिए और उसको अखबार में छपाना चाहिए था।डीएम के अनुसार प्रिंट मीडिया का पत्रकार यदि किसी ख़बर का वीडियो बनाता है तो साजिश है।
ख़बर के शुरुआत में ही डीएम के बयान का वीडियो लगा हुआ है आप डीएम साहब के ज्ञान को देख सकते हैं।
अब मिर्जापुर के मौजूदा डीएम अनुराग पटेल बताएंगे कि आपको पत्रकारिता कैसे करनी है।अब डीएम साहब को यह ज्ञान कहां से मिला या किसने दिया कि प्रिंट मीडिया का पत्रकार वीडियो नहीं बना सकता है यह तो खैर वो ही जाने।
लेक़िन पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से प्रदेश भर में पत्रकारों को डराने व धमकाने का प्रयास सरकारी अफसरों द्वारा किया जा रहा है वो बेहद ही निंदनीय है।
