
लखनऊ:भाजपा सांसद साक्षी महाराज का विवादित बयान कहा हिरण्य कश्यप के खानदान की हैं ममता बनर्जी.!
अपने बयानों से लगातार विवादों में रहने वाले उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से सांसद साक्षी महराज एक बार फिर चर्चा में हैं..इसबार उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन्हें हिरण्य कश्यप के खानदान की बात दिया है..पढ़े युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट...

लखनऊ: कभी उन्नाव लोकसभा क्षेत्र की जनता को वोट न देने पर श्राप देने वाले बीजेपी सांसद साक्षी महाराज इसबार अपने विवादित बयानों से फिर चर्चा में हैं। इसबार उनके निशाने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं। दरअसल साक्षी महाराज ने ममता बनर्जी पर विवादित टिपण्णी की है।बताया जा रहा है कि हरिद्वार में साक्षी महाराज ने ममता बनर्जी को हिरण्यकश्यप की खानदान का बताया।
उन्होंने कहा जो जय श्री राम बोलने पर जेल भेजने की बात करती हैं।ऐसे लोगों के विषय में क्या कहा जाए.? बंगाल का नाम आते ही त्रेता युग की याद आती है। जब राक्षस राज हिरण्य कश्यप ने जय श्री राम बोलने पर अपने बेटे को जेल में डाल कर यातनाएं दी थीं वहीं काम बंगाल में ममता भी यही कर रही हैं। जय श्री राम बोलने पर जेल में डाल रही हैं और यातनाएं दे रही हैं। ममता कहीं हिरण्य कश्यप के खानदान की तो नहीं हैं ? साक्षी महाराज ने कहा कि ममता का शासन अलगाववाद से कम नहीं है। इससे बंगाली काफ़ी दुःखी हैं और इसका खामियाजा ममता को भुगतान पड़ेगा। आने वाले विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की जनता उनको सबक सिखाएगी और वहां बीजेपी की सरकार बनेगी।
यह भी पढ़े:कौन हैं देश के सबसे ग़रीब सांसद...जो आज भी घास फूस की झोपड़ी में रहकर साइकिल से चलते हैं!
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है। पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनावों में हार का सामना करने वाली तृणमूल कांग्रेस को बीजेपी ने जय श्री राम लिखा दस लाख पोस्टकार्ड भेजने का फैसला किया है।पश्चिम बंगाल से बीजेपी के नवनिर्वाचित सांसद अर्जुन सिंह ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री के आवास पर 10 लाख पोस्टकार्ड भेजने का निर्णय किया है जिन पर जय श्रीराम लिखा होगा। तृणमूल कांग्रेस के विधायक रह चुके अर्जुन सिंह आम चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे। उन्होंने यह बात बीजेपी कार्यकर्ताओं के समूह पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने के बाद कही जो उस स्थान के बाहर प्रदर्शन के दौरान जय श्रीराम के नारे लगा रहे थे जहां तृणमूल कांग्रेस के नेता बैठक कर रहे थे।