Pran-Pratishtha Invitation: प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण ससम्मान ठुकराया कांग्रेस ने ! कार्यक्रम को बताया बीजेपी और आरएसएस का इवेंट
22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में दिग्गजों का जमावड़ा लगेगा. इस कार्यक्रम के लिए कांग्रेस के तीन नेताओं को भी निमन्त्रण भेजा गया था. जिसे कांग्रेस ने ससम्मान अस्वीकार (Rejected) कर दिया है. कांग्रेस ने बीजेपी पर राम मंदिर को चुनावी लाभ बताते हुए बड़ा आरोप लगाया है.
कांग्रेस का बड़ा आरोप, मंदिर को बनाया राजनीतिक प्रोजेक्ट
बुधवार को कांग्रेस पार्टी की ओर से बड़ा बयान सामने आया है. 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम (Life Consecration) के निमंत्रण को कांग्रेस (Congress) ने अस्वीकार (Rejected) कर दिया है. अब इस कार्यक्रम में कोई भी कांग्रेस का नेता शामिल नहीं होगा. कांग्रेस का बयान सामने आया है जिसमें कहा गया है कि यह अर्द्धनिर्मित मन्दिर बीजेपी (Bjp) और आरएसएस (Rss) का राजनीतिक मुद्दा है. मन्दिर समय से पहले पूरा बना नहीं है और उद्घाटन की तैयारी हो रही है. इन लोगों ने इसे राजनीतिक प्रोजेक्ट बना दिया है. यह लोग आगामी चुनाव का लाभ इसमें देख रहे हैं.
न्योता को ससम्मान कांग्रेस ने किया अस्वीकार
अयोध्या राम मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम राजनेता, उद्योगपति और सिनेमा जगत व क्रिकेट जगत व साधू-संत उपस्थित रहेंगे. जिसको लेकर पिछले कई दिनों से अयोध्या में तैयारियां चल रही है. प्राण-प्रतिष्ठा (Life Consecration) कार्यक्रम के एक सप्ताह पहले ही अन्य कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे. सभी को निमंत्रण कार्ड (Invitation Card) भी भेजा गया है. उधर कांग्रेस पार्टी को भी प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम का निमंत्रण भेजा गया है. निमन्त्रण कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी व अधीर रंजन चौधरी को भेजा गया था, जिसे कांग्रेस ने ससम्मान अस्वीकार (Rejected) कर दिया है.
अर्द्धनिर्मित मन्दिर को बना डाला राजनीतिक मुद्दा
प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम (Life Consecration) के महज 11 दिन शेष रह गए हैं, ऐसे में कांग्रेस के नेताओ ने इस कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया. कांग्रेस ने जारी बयान में कहा कि भगवान राम सबके हैं, करोड़ो भारतीय भगवान राम की पूजा अर्चना करते हैं. धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता है, लेकिन बीजेपी और आरएसएस ने अयोध्या के राम मंदिर को ही राजनीतिक प्रोजेक्ट बना दिया है. इससे साफ दिखता है कि इस अर्द्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन समय से पहले क्यों किया जा रहा है. जाहिर है आगामी चुनाव का लाभ लेने के लिए भाजपा ने ऐसा किया है. हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय के 2019 के निर्णय को स्वीकार करते हुए एवं लोगों की आस्था के सम्मान में मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी व अधीर रंजन चौधरी बीजेपी और आरएसएस के इस आयोजन निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकारते हैं.
बीजेपी नेताओं की आई प्रतिक्रिया
उधर कांग्रेस के निमन्त्रण अस्वीकार करने के बाद भाजपा के तमाम नेताओं का बयान सामने आया है. भाजपा नेता सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि जो लोग राम को मानते ही नहीं थे कुछ भी बहाना बना सकते हैं. यह कार्यक्रम न्यास का है हम चुनाव को ध्यान में रखकर कोई ऐसा काम नहीं करते सड़क भी बनाते हैं और अन्य दूसरे काम भी करते हैं और भाजपा नेता अनिल एंटनी ने कांग्रेस के इस फैसले को विनाशकाले विपरीत बुद्धि बताया.