Loksabha Chunav 2024: बीजेपी लोकसभा चुनाव में काट सकती है टिकट, फतेहपुर कानपुर में ये हो सकते हैं प्रबल दावेदार
Loksabha Election 2024: बीजेपी मिशन 2024 को लेकर यूपी के संसदीय क्षेत्रों में परिवर्तन कर सकती है जिसमें फतेहपुर कानपुर सहित करीब डेढ़ दर्जन सीटों में बदलाव हो सकता है साथ ही जिन सीटों पर अभी तक बीजेपी का कब्जा नहीं है उन सीटों पर तैयारियां तेज़ हो गईं हैं. जानिए सूत्रों के हवाले से क्या कहता है गणित

हाईलाइट्स
- मिशन 2024 के भाजपा कर रही है मंथन प्रदेश की डेढ़ दर्जन सीटों में हो सकता है बदलाव
- जनता में लोकप्रियता के आधार पर मिलेगा लोकसभा का टिकट
- लोकसभा चुनाव में योगी सरकार के कई मंत्री विधायकों को मिल सकता है टिकट
Loksabha Chunav 2024: भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और यूपी सरकार मिशन 2024 को लेकर लगातार अपनी तैयारियों में जुटी हुई है. बीजेपी के कद्दावर नेता 30 जून तक चलने वाले अपने महाजनसंपर्क अभियान के तहत लगातार कार्यक्रम कर रहें हैं और अपने युवा संगठनों के साथ-साथ पूरी टीम को एकजुट करके काम करने का संदेश दे रहे हैं.
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में 80 पर 80 सीटों के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती. माना जा रहा है कि बीजेपी इस बार प्रदेश की सभी सीटों पर इंटरनल सर्वे और अन्य लोगों से फीडबैक लेने के बाद ही टिकट देने का निर्णय करेगी. जनता के अंदर अगर अपने सांसद के प्रति गलत फीडबैक है तो उन सीटों पर परिवर्तन किया जा सकता है.
फतेहपुर सहित कानपुर में ये हो सकते हैं प्रबल दावेदार (Loksabha Chunav 2024)
कांग्रेस के गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली से मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को मैदान में उतारा जा सकता है. भारतीय जनता पार्टी अपने मौजूदा सांसदों का इंटरनल सर्वे के आधार पर और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता को देखते हुए रिपोर्ट कार्ड तैयार कर रही है.
यूपी की 80 सीटों के लिए भाजपा अभी से कर रही है तैयारी (Loksabha Election 2024)
भाजपा संगठन लोकसभा चुनाव के लिए यूपी में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. कहते हैं दिल्ली का रास्ता यूपी से ही होकर जाता है. विपक्ष से लेकर सत्ताधारी पार्टी प्रदेश से अधिक से अधिक सीटें जीतने के लिए जोर आजमाइश करने में जुटीं हैं. जानकारी के मुताबिक बीजेपी पिछले दो वर्षों से उन 14 सीटों पर ध्यान केंद्रित किए है जिनपर वो काबिज नहीं हो सकी है. इस बार संगठन उन सीटों पर प्रबल दावेदारों को चुनकर उन पर मोहर लगा सकती है. नगर निकाय चुनाव में बड़ी जीत के बाउजूद प्रदेश के कद्दावर नेता विपक्ष को कोई मौका ना देते हुए जनता के बीच पहुंच रहे हैं.