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BJP Foundation Day : भारतीय जनसंघ से बीजेपी कैसे बन गई दुनिया की सर्वोच्च राजनीतिक पार्टी

BJP Foundation Day 2023 : भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का 43वां स्थापना दिवस है. 6 अप्रैल 1980 को इसकी शुरुवात हुई थी हालाकि इसकी वैचारिक उत्पति की बात करें तो इसकी शुरुवात 1951 में ही हो गई थी. आइए जानते हैं कि भारतीय जनसंघ से बीजेपी कैसे बन गई दुनिया की सबसे मजबूत राजनीतिक पार्टी?

BJP Foundation Day : भारतीय जनसंघ से बीजेपी कैसे बन गई दुनिया की सर्वोच्च राजनीतिक पार्टी
बीजेपी स्थापना दिवस 2023 कैसे बनी दुनिया की सर्वोच्च पार्टी
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हाईलाइट्स

  • भाजपा ने मनाया बीजेपी का 43वां स्थापना दिवस प्रधानमंत्री ने की हनुमान जी से तुलना
  • 6 अप्रैल 1980 को हुआ था भारतीय जनता पार्टी का गठन अटल बिहारी वाजपेई बने थे अध्यक्ष
  • भारतीय जनसंघ से जनता पार्टी और फिर भारतीय जनता पार्टी का कैसे हुआ गठन जाने इतिहास ?

BJP Foundation Day 2023 : भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 43वें स्थापना दिवस के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी की तुलना हनुमान जी से करते हुए कहा कि जिस प्रकार हनुमान जी बुराइयों का अंत करते हुए मजलूमों का साथ देते हैं वैसे ही बीजेपी करोड़ों भारतीयों का साथ देते हुए समाज से अत्याचार और बुराइयों का अंत कर रही है. उन्होंने हनुमान जी को याद करते हुए कहा कि "कवन सो काज कठिन जग माहीं। जो नहिं होइ तात तुम्ह पाहीं॥" जिस प्रकार हनुमान जी के लिए कोई कार्य कठिन नहीं था जिसको वो कर नहीं सकते थे उसी तरह भाजपा के कार्यकर्ता उनके आदर्शों में चलते हुए देश को आगे बढ़ा रहें हैं 

क्या है भारतीय जनसंघ की स्थापना का इतिहास?

भारतीय जनता पार्टी (BJP) की आधिकारिक नीव 6 अप्रैल 1980 में रखी गई थी लेकिन इसकी आधारशिला श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा 1951 में ही रखी गई थी.भाजपा के गठन बात करें तो 6 अप्रैल, 1980 को इसका गठन किया गया था और नई दिल्ली के कोटला मैदान में आयोजित एक कार्यकर्ता सम्मेलन में इसकी आधिकारिक घोषणा करते हुए प्रथम अध्यक्ष के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी को चुना गया था जबकि मुस्लिम चेहरे के रूप में सिकंदर बख्त को महासचिव बनाया गया था.

अगर भाजपा की पृष्ठभूमि की बात करें तो आजादी के बाद जब गांधी की हत्या हुई तो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) पर प्रतिबंध लगा दिया गया. सरदार पटेल की मृत्यु के बाद कांग्रेस की विचारधारा से विमुख होकर डॉ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कांग्रेस से त्यागपत्र देते हुए देश में एक राजनीतिक बदलाव की शुरुवात की. संघ के बिखराव को सहेजते हुए उन्होंने 21 अक्टूबर, 1951 को दिल्ली के राघोमल आर्य कन्या उच्च विद्यालय में हुई में भारतीय जनसंघ की स्थापना की और सबकी सहमति से डॉ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी को अध्यक्ष चुना गया.

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भारतीय जनसंघ ने राष्ट्रीय मुद्दों को उठाते हुए कश्मीर को किसी भी प्रकार का विशेषाधिकार देने का विरोध किया साथ ही तत्कालीन प्रधानमंत्री पं0 जवाहरलाल नेहरु की नीतियों का विरोध करते रहे. देश में पहली बार 1967 में भारतीय जनसंघ और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी को हार का सामना करना पड़ा.

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भारतीय जनसंघ का जनता पार्टी में विलय और बीजेपी का गठन...

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भारत में सत्तर के दशक में जब देश में इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं तो देश में गुजरात सहित कई राज्यों में आंदोलन शुरू हो गए जिसने बिहार का छात्र आंदोलन भी प्रमुख रहा कहते हैं कि 1967 का छात्र आंदोलन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया तत्कालीन सीएम केबी सहाय भी उस दौरान हुए चुनाव में हार गए थे. 1971 में भारत पाक और बांग्लादेश युद्ध के दौरान देश में बाह्य आपातकाल लगाया गया था जो युद्ध के बाद भी जारी रहा जिसका भी विरोध होने लगा था.

इसके फलस्वरूप भारत में 25 जून, 1975 को दूसरी बार आंतरिक आपातकाल लगाते हुए देश के सभी बड़े नेता नजरबंद कर दिया गया और कइयों को जेल में डाल दिया गया साथ ही समाचार पत्रों पर ‘सेंसर’ लगा कर बंद कर दिया गया. इसके विरोध में देश भर में आंदोलन होने लगे. साल 1977 में लोकसभा भंग कर दी गई और देश पुनः लोकसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ा हो गया. उस दौरान सारे विपक्षी दल एक जुट हो गए और जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में जनता पार्टी की स्थापना की गई. 1 मई, 1977 को भारतीय जनसंघ का विलय जनता पार्टी में कर दिया गया.

लेकिन दो से ढाई वर्षों के बीच जनता पार्टी में बिखराव होने लगा कहा गया कि जो सदस्य राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े हैं वो किसी अन्य दल में सदस्यता नहीं ले सकते जिससे विमुख होकर इससे अलग होकर कई सदस्यों ने 6 अप्रैल 1980 में अटल बिहारी वाजपेई के नेतृव में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की.

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