MP Journalist News: एसपी ने चाय पर पत्रकारों को बुलाकर लात घूंसे और चप्पलों से किया स्वागत ! खिलाफ़ ख़बर लिखोगे तो यही हश्र होगा
MP Bhind Journalist News
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भिंड (Bhind) जिले में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर पत्रकारों को एसपी असित यादव ने चाय के बहाने बुलाकर थानेदारों से चप्पलों से पिटवाया. खनन माफिया के खिलाफ खबर छापने पर जात पूछकर अपमान किया गया. इस घटना से पत्रकारों में भय व्याप्त हो गया है कई पत्रकार जिला छोड़कर भोपाल पहुंच गए हैं और न्याय की गुहार लगा रहे हैं.

MP Bhind Journalist News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भिंड (Bhind) में पत्रकारों के साथ ऐसी बदसलूकी हुई जो कल्पना से परे है. जिस दिन दुनिया ने प्रेस स्वतंत्रता का जश्न मनाया, उसी दिन कलम के सिपाहियों की लात-घूंसे से पिटाई हुई.
खनन माफिया पर खबर चलाना पत्रकारों को इतना भारी पड़ा कि खुद एसपी ने उन्हें अपने चैंबर में चाय पर बुलाया और फिर थानों के प्रभारी अफसरों से चप्पलों से पिटवाया. लोकतंत्र की रक्षा के लिए लिखने वालों को जात पूछकर अपमानित किया गया, सबूत मिटाए गए और परिवारों को झूठे केसों में फंसाने की धमकियां दी गईं.
एसपी असित यादव का चैंबर बना यातना कक्ष, पुलिस अधिकारियों ने मिलकर पीटा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़ित पत्रकारों ने आरोप लगाया कि एसपी असित यादव (IPS Asit Yadav) ने उन्हें चाय पर बुलाया था. लेकिन जैसे ही वे पहुंचे, उन्हें एसपी चैंबर में घेर लिया गया और चप्पलों व बेल्टों से पीटा गया. पिटाई करने वालों की फेहरिस्त लंबी है.
एसपी असित यादव (IPS Asit Yadav) के साथ एडिशनल एसपी संजीव पाठक, सीएसपी दीपक तोमर, फूप थाना प्रभारी सत्येंद्र राजपूत, ऊमरी थाना प्रभारी शिव प्रताप सिंह, भारौली थाना प्रभारी गिरीश शर्मा, सिटी कोतवाली प्रभारी बृजेंद्र सेंगर, देहात कोतवाली प्रभारी मुकेश शाक्य, बरौही थाना प्रभारी अतुल भदौरिया और साइबर सेल के एएसआई सत्यवीर सिंह ने पत्रकारों पर सामूहिक हमला बोला.
जात पूछकर की गई पिटाई, मोबाइल से सबूत मिटाए
एक दलित पत्रकार ने बताया कि मारपीट से पहले उसकी जाति पूछी गई और फिर उसे खासतौर पर निशाना बनाया गया. एक चैनल के रिपोर्टर ने बताया कि पुलिसकर्मी रात 12 बजे उनके घर पहुंचे, मोबाइल छीना और उसमें मौजूद पुलिस के खिलाफ सारे वीडियो-फोटो सबूत डिलीट कर दिए. पत्रकारों को खुलेआम धमकी दी गई कि अगली बार अगर पुलिस के खिलाफ कुछ लिखा या दिखाया, तो नतीजा और भी बुरा होगा.
हर बार यही हश्र होगा: एसपी की धमकी के बाद दहशत
एसपी असित यादव (IPS Asit Yadav) ने पत्रकारों से कहा, “जहां उंगली करनी है करो अगर पुलिस के खिलाफ कुछ भी लिखा, तो तुम्हारा यही हश्र होगा.” इस खुलेआम दी गई धमकी ने पूरे जिले के पत्रकारों में डर भर दिया है. कई रिपोर्टर अपने परिवार समेत भिंड छोड़कर भोपाल (Bhopal) पहुंच चुके हैं. और सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे हैं. वहीं कुछ पत्रकारों ने कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को शिकायत दी है और निष्पक्ष जांच की मांग की है.
पहले भी विवादों में रहे हैं असित यादव, बालाघाट से हटाए जा चुके हैं
गौरतलब है कि ये पहली बार नहीं है जब एसपी असित यादव (IPS Asit Yadav) पर गंभीर आरोप लगे हैं. बालाघाट में भी एक आरएसएस प्रचारक के साथ मारपीट मामले में उनका नाम सामने आया था, जिसके चलते उन्हें उस वक्त हटाया गया था. अब भिंड (Bhind Journalist News) में दोबारा वही क्रूरता दिखाना उनकी कार्यशैली और राजनीतिक संरक्षण पर सवाल उठाता है.
विपक्ष का वार: “क्या यही है भाजपा का नया लोकतंत्र?”
मामले ने सियासी रंग भी ले लिया है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने एक्स पर तीखा हमला करते हुए लिखा, “कई पत्रकारों को चप्पलों से पिटवाना क्या भाजपा शासित मध्यप्रदेश में ‘नया लोकतंत्र’ है?” उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) से सीधा सवाल किया कि क्या पुलिस की गुंडागर्दी अब सरकारी नीति बन चुकी है?
अब सवाल ये है कि जब पत्रकारों की कलम को चप्पलों से कुचला जा रहा हो, तो आम नागरिक के अधिकारों की क्या गारंटी बचती है? क्या मुख्यमंत्री मोहन यादव दोषियों पर कार्रवाई करेंगे, या लोकतंत्र को लहूलुहान देख कर भी मौन साधे रहेंगे?