कानपुर कांड:विकास दुबे आख़िर है कौन..जिसने पूरे यूपी को हिला दिया है..!
कानपुर देहात ज़िले में गुरुवार देर रात हुई घटना ने पूरे यूपी को हिला दिया है।हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे नाम के एक अपराधी को पकड़ने गई पुलिस टीम पर उसने हमला कर दिया जिसमें एक सीओ समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए हैं..विकास दुबे आख़िर है कौन..आइए जानते हैं युगान्तर प्रवाह की इस रिपोर्ट में..
कानपुर:गुरुवार आधी रात यूपी के कानपुर देहात ज़िले में हुए वीभत्स कांड के बाद हर किसी के ज़बान में विकास दुबे का नाम है।विकास दुबे वही है जिसको पकड़ने के लिए पुलिस की टीमें गई हुई थीं।लेकिन उसने अपने गैंग के साथ मिलकर पुलिस टीम पर हमला कर दिया।हमले में बिल्हौर सीओ, एक इंस्पेक्टर, दो उपनिरीक्षक सहित आठ पुलिस कर्मी मारे गए।ख़बर आई है कि शुक्रवार दोपहर तक पुलिस पूरे इलाक़े की घेरेबंदी कर बदमाशो की तलाश कर रही है।इस दौरान दो बदमाशों के भी मारे जाने की ख़बर है।
कौन है विकास दुबे..
कानपुर देहात के चौबेपुर थाना क्षेत्र के विकरू गांव का रहने वाला विकास बचपन से ही आपराध की दुनियां में नाम बनाना चाहता था।युवावस्था में ही उसने लड़कों की फ़ौज खड़ी कर की इसके बाद वह लूट, डकैती, वसूली आदि जघन्य अपराधों को अंजाम देने लगा।कई हत्याओं में भी वह शामिल रहा।इस वक्त उसके ऊपर 60 आपराधिक केस दर्ज हैं जिनमें 50 केस हत्या या हत्या के प्रयास से सम्बंधित हैं।
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विकास दुबे का काला कारोबार प्रदेश में कानपुर देहात से लेकर इलाहाबाद व गोरखपुर तक फैला है। वह कोरोबारी तथा व्यापारी से जबरन वसूली के लिए कुख्यात है।
अपराध की वारदातों को अंजाम देने के दौरान विकास कई बार गिरफ्तार हुआ। एक बार तो लखनऊ में एसटीएफ ने उसे दबोचा था। कानपुर में एक रिटायर्ड प्रिंसिपल सिद्धेश्वर पांडेय हत्याकांड में इसको उम्र कैद हुई थी। वह जमानत पर बाहर आ गया था। पंचायत और निकाय चुनावों में इसने कई नेताओं के लिए काम किया और उसके संबंध प्रदेश की सभी प्रमुख पार्टियों से हो गए। राजनेताओं के सरंक्षण से राजनीति में एंट्री की और नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीत गया था।
विकास दुबे ने 2018 में अपने चचेरे भाई अनुराग पर जानलेवा हमला बोला था। उसने जेल में रहकर पूरी साजिश रची थी। जेल रहकर ही चचेरे भाई की हत्या करा दी। इसके बाद अनुराग की पत्नी ने विकास समेत चार लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराया था।
वर्ष 2001 में प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार में संतोष शुक्ला को दर्जाप्राप्त राज्यमंत्री बनाया गया था।सन्तोष शुक्ला से विकास की पुरानी दुश्मनी चली आ रही थी।विकास ने शिवली थाने के बाहर ही सन्तोष शुक्ला की हत्या कर दी थी।लेकिन इस मामले में गवाहों के मुक़र जाने व साक्ष्यों के अभाव में विकास को अदालत ने बरी कर दिया था।
विकास ने 15 वर्षों से जिला पंचायत सदस्य पद पर कब्जा कर रखा है। पहले विकास खुद जिला पंचायत सदस्य रहा, फिर चचेरे भाई अनुराग दुबे को बनवाया और मौजूदा समय में विकास की पत्नी ऋचा घिमऊ से जिला पंचायत सदस्य है। कांशीराम नवादा, डिब्बा नेवादा नेवादा, कंजती, देवकली भीठी समेत दस गांवों में विकास के ही इशारे पर प्रधान चुने जाते थे। इन गांवों में कई बार प्रधान निर्विरोध निर्वाचित हुए, वहीं बिकरू में 15 वर्ष निर्विरोध ग्राम प्रधान चुना जाता रहा है।