महंगा सोना अब नहीं रोकेगा आपके सपने ! अब 37,000 में हॉलमार्क के साथ खरीदें ज्वेलरी
Gold Rate 9 Carat
सोने की कीमत 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार होने से आम लोग गोल्ड ज्वेलरी नहीं खरीद पा रहे थे. लेकिन अब सरकार ने 9 कैरेट सोने पर हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी है. इससे ग्राहक सिर्फ 37-38 हजार रुपये में हॉलमार्क वाली सस्ती और सुरक्षित गोल्ड ज्वेलरी खरीद सकेंगे.

9 Carat Jewellery Benefits: अगर सोने की बढ़ती कीमतों ने आपके सपनों को रोक रखा है, तो अब राहत की खबर है. सरकार ने 9 कैरेट गोल्ड ज्वेलरी पर भी हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी है, जिससे कम कीमत में शुद्धता की गारंटी के साथ गहने खरीदे जा सकेंगे. सिर्फ 37 हजार में अब महिलाएं अपने गहनों का शौक पूरा कर सकती हैं, वो भी पूरी सुरक्षा और भरोसे के साथ.
9 कैरेट गोल्ड बना कम बजट वालों की पहली पसंद
बीते कुछ समय में सोने की कीमतें आसमान छू रही हैं. 24 कैरेट गोल्ड का रेट 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच चुका है. ऐसे में 22 कैरेट ज्वेलरी भी 90 हजार से ज्यादा की पड़ रही है. यही कारण है कि अब लोग 9 कैरेट गोल्ड की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
इसकी कीमत 37,000 से 38,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच है, जो कि आम ग्राहक की जेब के हिसाब से काफी किफायती है. कम बजट में स्टाइलिश और आकर्षक ज्वेलरी पहनने की चाहत रखने वालों के लिए 9 कैरेट गोल्ड एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरा है.
सरकार ने बढ़ाया भरोसा, अब 9 कैरेट पर भी हॉलमार्क अनिवार्य
इससे ग्राहक जान सकेंगे कि उन्हें जो गहना मिल रहा है, वह 9 कैरेट शुद्धता वाला है या नहीं. हॉलमार्किंग से यह सुनिश्चित होगा कि कम कैरेट के बावजूद गहनों की गुणवत्ता और शुद्धता में कोई समझौता न हो. इससे ग्राहकों का भरोसा बढ़ेगा और ठगी से भी बचाव होगा.
क्यों बढ़ रही है 9 कैरेट ज्वेलरी की डिमांड
कम दाम में अच्छे डिजाइनों की तलाश में ग्राहक अब 9 कैरेट ज्वेलरी की ओर रुख कर रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसकी कीमत कम होने के बावजूद इसमें शानदार डिजाइनों की संभावना रहती है.
क्योंकि कम कैरेट होने से यह मजबूत होती है और उस पर काम करना आसान होता है. यही नहीं, इसकी शुद्धता 37.5% तय होती है और अब हॉलमार्किंग से इसकी गुणवत्ता की पुष्टि भी हो जाएगी. इस वजह से मिडिल क्लास परिवारों में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है.
BIS ऐप से करें हॉलमार्क की जांच, रहें ठगी से सुरक्षित
अगर आप 9 कैरेट ज्वेलरी खरीद रहे हैं, तो उसकी हॉलमार्किंग को जांचना बेहद जरूरी है. इसके लिए BIS ने BIS-Care नाम का मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया है. इस ऐप के जरिए आप ज्वेलरी पर अंकित HUID (Hallmark Unique Identification) नंबर को दर्ज करके उसकी असलियत जांच सकते हैं. इसके अलावा BIS की वेबसाइट पर भी आप इसकी जांच कर सकते हैं. यह पारदर्शिता ग्राहकों को आत्मविश्वास देती है कि जो गहना वे पहन रहे हैं, वह असली और प्रमाणित है.
एक्सपोर्ट और रोजगार में भी मिलेगा बढ़ावा
9 कैरेट ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग अनिवार्य होने से न केवल घरेलू ग्राहकों को फायदा मिलेगा बल्कि इसका लाभ निर्यात क्षेत्र में भी दिखेगा. विदेशों में 9 कैरेट गोल्ड की अच्छी मांग है और वहां की मान्यता के अनुसार अब भारत में भी इसका प्रमाणित निर्माण संभव होगा.
इससे ज्वैलरी इंडस्ट्री को वैश्विक बाजार में नई पहचान मिलेगी और छोटे कारीगरों, ज्वैलर्स को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे. सरकार का यह कदम लंबे समय में उद्योग और ग्राहकों दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.