Ayodhya Tala News: ताले की नगरी अलीगढ़ से दुनिया का सबसे विशाल ताला पहुंचा अयोध्या नगरी ! देखने वालों का लगा तांता
राम लला की प्राण प्रतिष्ठा (Pran pratistha) को लेकर अयोध्या में हर कोई बढ़चढ़कर सहभागिता दिखा रहा है. दुनिया भर से उपहार (Gifts) पहुंच रहे हैं. अब ज्यादा समय नहीं रह गया है. हर कोई तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है. इसी कड़ी में ताले (Lock) के लिए मशहूर अलीगढ़ (Aligarh) जिले से 400 किलोग्राम का विश्व का सबसे बड़ा ताला अयोध्या (Ayodhya) पहुंचा. विशाल ताले को देखने की लोगों में होड़ मची रही. ताला और चाभी दोनों ही मन्दिर ट्रस्ट को सौंप दिया गया.

अलीगढ़ से अयोध्या पहुंचा अनोखा विशाल ताला
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिला (Aligarh) जो तालों के लिए मशहूर (Famous Of Lock) है. कहा जाता है यहां के तालों की बात ही अलग है. यहां रहने वाले ताला कारोबारी ने अयोध्या के लिए एक विशेष ताला (Special Lock) बनाया. जिसका वजन 400 किलोग्राम है. शनिवार को इस विशाल ताले को अयोध्या (Ayodhya) लाया गया. जब यह अद्भुत और विशाल ताला (Vishal Lock) रामनगरी पहुंचा तो मौजूद हर शख्श उस ताले को निहारता ही रहा. दरअसल इतना बड़ा ताला आजतक किसी ने नहीं देखा. ताला ट्रक से पहुंचते ही देखने वालों का तांता लग गया. हर कोई ताले के साथ सेल्फी और फोटो खींचने में मशगूल रहा. इस दौरान रामभक्तों ने जय श्री राम के नारे भी लगाए.
किसने बनाया ये अनोखा ताला
इस विशाल ताले को अलीगढ़ (Aligarh) निवासी ताला कारीगर सत्य प्रकाश शर्मा और उनकी पत्नी रुक्मणि शर्मा ने बनाया है. इस ताले को बनाने (Make Lock) में करीब 6 माह का समय लगा है. इस ताले की अगर लंबाई और चौड़ाई की बात करें तो 6 फीट 2 इंच लंबा जबकि 2 फीट साढ़े 9 इंच चौड़ा है. इस ताले को बनाने में 65 किलोग्राम पीतल का प्रयोग किया गया है. चाभी भी बड़ी खास है तीन फीट चार इंच लंबी करीब 30 किलोग्राम की है. करीब 5 लाख रुपये का खर्च आया है.
सत्यप्रकाश शर्मा का था सपना
ताला कारीगर सत्यप्रकाश शर्मा की बीते 12 दिसम्बर को मौत हो गयी थी, उनका सपना था सबसे बड़ा ताला बनाना जिसे फिर पत्नी रुकमणी व उनके बेटे महेश ने पूरा किया. यह ताला राम मंदिर में लगेगा फिलहाल इस ताले को ट्रस्ट को सौप दिया गया है. सभी लोग इस विशाल ताले की झलक पाने के लिए बेताब दिखाई दिए. हर कोई इस विशेष ताले की तस्वीर खींचता रहा. हालांकि इतना बड़ा ताला किस जगह पर लगेगा तो यह मंदिर ट्रस्ट (Mandir Trust) वाले ही बता सकेंगे.