
विश्वकप के बीच भारत के 'जांबाज' क्रिकेट खिलाड़ी ने कर दी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास की घोषणा
भारत की तरफ़ से लंबे समय तक खेलते हुए हर भारतीय क्रिकेट फैन के दिलों पर राज करने वाले युवराज सिंह ने सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया..पढ़े युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट।

युगान्तर प्रवाह डेस्क: क्रिकेट जीवन के साथ जिंदगी में भी काफ़ी उतार चढ़ाव देखने वाले भारतीय टीम के धाकड़ बल्लेबाजो में से एक रहे युवराज सिंह ने सोमवार को अचानक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
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ग़ौरतलब है कि पिछले काफ़ी समय से वह टीम से बाहर चल रहे थे।और टीम में पुनः वापसी के लिए संघर्षरत थे,लेक़िन आज दोपहर दो बजे एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर उन्होंने अपने सन्यास की घोषणा कर दी। युवराज सिंह की गिनती भारत के उन जांबाज क्रिकेट खिलाड़ियों में होती थी जिसने मैदान पर भी हर मैच को जंग की तरह लिया और भारत को दो विश्व कप जिताने में अहम भूमिका निभाई,आईसीसी द्वारा साल 2007 में पहली बार आयोजित किए गए 20-20 ओवरों वाले विश्वकप में भारत की तरफ़ से शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए विश्व विजेता बनाया इसके बाद 2011 के 50 ओवरों के वर्ल्डकप में भी पूरे टूर्नामेंट में युवराज ने गेंद और बल्ले दोनों से शानदार प्रदर्शन किया इसके लिए उन्हें मैन ऑफ द टूर्नामेंट का भी पुरुस्कार मिला था। फिर जब युवराज सिंह को कैंसर तब भी वह लड़कर लौट आया। आज मीडिया से रूबरू होते हुए युवराज सिंह देश को संदेश दे दिया कि सालों के प्यार के लिए शुक्रिया और देश की जर्सी में जो कुछ किया उसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।
युवराज सिंह ने रविवार को ही मीडिया तक यह संदेश पहुंचा दिया था कि वो सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस के ज़रिए कुछ कहना चाहते हैं।इशारा साफ था कि कुछ बड़ा ऐलान होने वाला है और मकसद भी जाहिर हो चुका था। युवी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया और अब वो कभी भी भारत की तरफ से मैदान पर दहाड़ देते नहीं दिखाई देंगे। एक युग का अंत हुआ।
युवराज ने अपने करियर की शुरुआत सौरव गांगुली की कप्तानी में साल 2000 में नैरोबी में की थी। तब केन्या के खिलाफ पदार्पण वनडे मुकाबले में उनकी बैटिंग नहीं आई थी। युवी ने अपना आखिरी वनडे दो साल पहले 30 जून 2017 को वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था।