Shailputri Mata Puja Vidhi : नवरात्रि के पहले दिन माँ दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की इस विधि विधान से करें पूजा
नवरात्रि के पहले दिन माँ दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा ( Shailputri Mata Ki Puja ) होती है. नवरात्र के प्रथम दिवस माता शैलपुत्री की किस विधि विधान से पूजा की जाती है.आइए जानते हैं.
Shailputri Mata Puja Vidhi : शारदीय नवरात्र 26 सितंबर से शुरू हो रहे हैं, नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग अलग नौ स्वरूपों की पूजा होती है.प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा ( Shailputri Mata Ki puja ) होती है. प्रथम दिन ही कलश स्थापना की जाती है. यहाँ पढ़ें कलश स्थापना की विधि एवं शुभ मुहूर्त...
कौन है शैलपुत्री..
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां शैलपुत्री हिमालय की पुत्री हैं.इनका जन्म शैल अर्थात पत्थर से हुआ था जिसके कारण इन्हें शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है.मां अपनी भक्तों की प्रार्थना सुनने बैल पर सवार होकर आती हैं और एक हाथ में कमल का पुष्प व दूसरे में त्रिशूल धारण करती हैं.
मां शैलपुत्री की पूजा विधि (Mata Shailputri Puja Vidhi)
नवरात्र महापर्व ( Navratri 2022 ) के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा ( Shailputri Mata ki puja ) करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान कर लें और पूजा घर की साफ-सफाई करें. इसके बाद एक चौकी स्थापित करें और उसे गंगाजल से सिक्त कर दें.
फिर चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं और उसपर माता के सभी स्वरूपों को स्थापित करें. इसके बाद मां शैलपुत्री की वंदना करते हुए व्रत का संकल्प लें और सफेद रंग का पुष्प अर्पित करें.इसके बाद अक्षत और सिंदूर अर्पित करें.इस बात का ध्यान रखें कि आप मां शैलपुत्री को सफेद रंग का वस्त्र अर्पित करें और घाय के घी से बने मिष्ठान का भोग लगाएं.अंत में घी का दीपक जलाएं और माता की आरती करें. यहाँ पढ़ें शैल पुत्री माता की आरती...