Please enable JavaScript to support our website by allowing ads.

राजनीति:समाप्त हुआ आडवाणी युग.!अब मोदी'शा'युग..

राजनीति:समाप्त हुआ आडवाणी युग.!अब मोदी'शा'युग..

भाजपा के युगपुरुष और पितामह कहे जाने वाले लालकृष्ण आडवाणी का युग अब समाप्त हो गया..उनकी परम्परागत गांधीनगर लोकसभा सीट से उनका टिकट भाजपा ने काट दिया है.. पढ़े आडवाणी के पूरे राजनीतिक सफ़र पर युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट

राजनीति: भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक लालकृष्ण आडवाणी का नाम लिया जाता है लेकिन सत्ता के शिखर पर पहुंचने के बाद यदि उन्हें दर्किनार कर दिया जाए तो इसे भाजपा युग नहीं मोदी’शा’ युग कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगा। क्योंकि जिसप्रकार से आडवाणी को उनकी परम्परागत सीट गांधीनगर से टिकट काट हटाया गया है उससे तो यही लगता है कि सत्ता का नशा जब शीश में चढ़ता है तो उन्माद आना स्वाभाविक है। भाजपा को फर्श से अर्श तक ले जाने वाले शख्स की राजनीति से ऐसे विदाई होगी किसी ने सोचा भी नहीं था। ग़ौरतलब है कि आडवाणी ने कभी भी ये नहीं कहा था कि मैं इस बार का चुनाव नहीं लड़ूंगा। मोदी’शा’ युग की भाजपा भले ही यह दलील दे कि खुद आडवाणी ने चुनाव लड़ने से मना किया है ये किसी के गले नहीं उतरेगा। भाजपा का ऐसा रुख कहीं उसके राजनीतिक सफ़र में ताबूत की आखिरी कील न साबित हो जाए।

लालकृष्ण आडवाणी का राजनीतिक सफऱ...

अविभाजित भारत के कराची में 8 नवम्बर 1927 को पैदा हुए लालकृष्ण आडवाणी बंटवारे के बाद भारत में आकर बसे। अपने राजनीतिक सफ़र में लाल कृष्ण ने काफ़ी संघर्ष किया। आडवाणी ने अपने राजनीतिक सफ़र की शुरुआत जनसंघ पार्टी में अटल बिहारी बाजपेयी के सहयोगी के रूप में शुरू की थी।

आडवाणी की राजनीतिक यात्रा में गांधीनगर का सबसे अहम योगदान रहा है। 1970 से लेकर 1989 तक 19 साल वह राज्यसभा से चुने जाते रहे। नौंवीं लोकसभा में 1989 में उन्होंने पहली बार नई दिल्ली से लोकसभा चुनाव जीता। 1991 में 10वीं लोकसभा में उन्होंने गुजरात के गांधीनगर से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।

Read More: फतेहपुर में पूर्व मंत्री के खिलाफ दाखिल हुआ आरोप पत्र: चुनाव में पकड़े गए थे हजारों साड़ियों के बंडल, जानिए क्या है मामला

जैन हवाला कांड में नाम आने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। उसके बाद उन्होंने 1996 में चुनाव नहीं लड़ने फैसला करते हुए एलान किया कि जब तक कि हवाला कांड से नाम नहीं हट जाता चुनाव नहीं लड़ेंगे। साल1998 में   क्लीन चिट मिलने के बाद उन्होंने गांधीनगर सीट से चुनाव जीतकर फिर संसद पहुंचे। इसके बाद से 19 साल तक वह इसी सीट से जीतकर संसद पहुंचते रहे।

आडवाणी ने इसके बाद 1999, 2004, 2009, और 2014 में लोकसभा चुनाव जीता। इस समय वह सातवीं बार लोकसभा सांसद के रूप में सक्रिय हैं। इनमें से छह बार वह गांधीनगर से सांसद चुने गए।

Tags:

Related Posts

Latest News

आज का राशिफल 02 दिसंबर 2025: इन राशियों को हो सकती है परेशानी ! जानिए मेष से लेकर मीन तक सभी राशियों का हाल आज का राशिफल 02 दिसंबर 2025: इन राशियों को हो सकती है परेशानी ! जानिए मेष से लेकर मीन तक सभी राशियों का हाल
02 दिसंबर 2025 का दिन कई राशियों के लिए चुनौतियों से भरा हो सकता है. कुछ जातकों को आर्थिक और...
Fatehpur News: 20 करोड़ से अधिक की ठगी, पूरे देश में 31 मुकदमे ! फतेहपुर की घटना ने उजागर किया इंटरनेशनल साइबर गैंग
Unnao Dulhan News: सात फेरों से पहले ही प्रेमी के साथ फरार हुई दुल्हन, कुछ देर पहले ही हुआ था जयमाल
आज का राशिफल 01 दिसंबर 2025: भगवान भोलेनाथ करेंगे बेड़ा पार ! तीन राशियों के जीवन में होगा परिवर्तन, जानिए सभी का हाल
उत्तर प्रदेश सहित 9 राज्यों में बढ़ी SIR की डेड लाइन: प्रशासन और BLO कर रहे थे दबाव में काम, जानिए अंतिम डेट
Fatehpur News: आधी रात सब्बल से पत्नी को उतारा मौत के घाट ! फिर खुद पहुंच गया थाने, मची सनसनी
Cyclone Ditwah In UP: चक्रवाती तूफान दितवाह से कांपेगा उत्तर प्रदेश ! अगले 48 घंटे में गिरेगा तापमान, इन जिलों पर पड़ सकता है असर

Follow Us