Please enable JavaScript to support our website by allowing ads.

Padmini Ekadashi 2023 : पुरुषोत्तम मास में आने वाली कमला एकादशी के व्रत का है विशेष महत्व, 19 साल बाद बन रहे हैं शुभ संयोग

Padmini Ekadashi 2023 : पुरुषोत्तम मास में आने वाली कमला एकादशी के व्रत का है विशेष महत्व, 19 साल बाद बन रहे हैं शुभ संयोग
पदमिनी एकादशी व्रत 2023 का विशेष महत्व : फोटो प्रतीकात्मक

सावन मास के बीच में ही इस बार अधिक मास शुरू हो गए हैं.पुरुषोत्तम मास के शुक्लपक्ष में पड़ने वाली एकादशी का बड़ा महत्व है.इसे पद्मिनी एकादशी और कमला एकादशी भी कहते हैं.यह एकादशी शनिवार 29 जुलाई को मनाई जायेगी.इस एकादशी में व्रत करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और सभी दुखों का नाश होता है.


हाईलाइट्स

  • पद्मिनी एकादशी को ही कमला एकादशी कहा जाता है,शनिवार को है एकादशी
  • यह एकादशी तीन साल में अधिक मास के समय पर ही आती है,इस एकादशी के व्रत का विशेष महत्व
  • भगवान श्री हरि की विधि विधान से करें शुभमुहूर्त में पूजन,पुण्य की होगी प्राप्ति

Padmini Ekadashi fast of Purushottam month : हमारे सनातन धर्म में कई तरह के व्रतों के पूजन का विशेष महत्व है.जो पुण्यप्राप्ति की ओर ले जाते हैं.ऐसा ही एक व्रत एकादशी का होता है.हालांकि यह एकादशी और पड़ने वाली एकादशी से काफी अलग है.क्योंकि यह एकादशी तीन साल में अधिक मास के समय में एक बार आती है.इसे पद्मिनी एकादशी,पुरुषोत्तम एकादशी और कमला एकादशी (Kamla Ekadashi) भी कहा जाता है.

इसमें भगवान श्री हरि का विधिविधान से व्रत कर पूजन किया जाता है.ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः का जप करना चाहिए.घर पर पूजन करें या तीर्थ स्थान पर इसका फल कई गुना बढ़ता ही जाता है. आइये आपको पद्मिनी एकादशी के व्रत के पूजन व इसको लेकर एक कथा भी प्रचलित है,विस्तारपूर्वक बताएंगे.

भगवान श्रीकृष्ण ने इस एकादशी को माना है श्रेष्ठ

भगवान श्रीकृष्ण ने हर तीन वर्ष में पुरुषोत्तम मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी जिसे पद्मिनी एकादशी व कमला एकादशी भी कहा जाता है.इस एकादशी को सबसे श्रेष्ठ माना है.इस एकादशी में विधि विधान से भगवान श्री विष्णु का व्रत और पूजन करने से घर में सुख समृद्धि के साथ ही संतान,यश और वैकुंठ की प्राप्ति होती है.सभी पापों का भी नाश होता है.

Read More: हरतालिका तीज व्रत कथा Hindi PDF: हरतालिका तीज की पौराणिक व्रत कथा जिसे शिव ने पार्वती को सुनाया था

दो शुभ योग के साथ बन रहा शुभ संयोग करें हरि पूजन

Read More: Dhanteras Me Kya Kharide: धनतेरस में क्या खरीदना होता है शुभ? जानिए शुभ मुहूर्त, धन्वंतरि, कुबेर और मां लक्ष्मी की पूजा से मिलने वाले लाभ

इस बार यह पद्मिनी एकादशी 29 जुलाई शनिवार को मनाई जा रही है.दो योग भी इस एकादशी में शुभ संयोग लेकर आ रहे हैं. ब्रह्म योग और इंद्र योग बन रहे हैं.ब्रह्म योग सुबह 9 बजकर 34 मिनट तक रहेगा.फिर इंद्र योग शुरू हो जाएगा.इस शुभमुहूर्त पर पूजन करने से अधिक पुण्य का लाभ मिलता है.पद्मिनी एकादशी का विधि विधान से व्रत रखने से और पूजन करने से भगवान श्री हरि प्रसन्न होते हैं.

Read More: शारदीय नवरात्रि कलश स्थापना 2025: हाथी पर सवार होकर आ रहीं हैं मां जगदम्बा ! दस दिन रहेगा पर्व, अद्भुद संयोग

इस एकादशी को कमला एकादशी क्यों कहा जाता है

कमला माता लक्ष्मी का ही एक नाम है.कमला एकादशी का व्रत करने से हर तरह के सुखों व आनन्द की प्राप्ति होती है.घर पर जप करने से एक गुना पुण्य,गौशाला में सौ गुना,तीर्थ क्षेत्रो में हज़ार गुना,तुलसी के पास ,जनार्दन की पूजा पर लाख गुना और शिव जी और विष्णु जी के तीर्थो पर पूजन करने से करोड़ों गुना फल प्राप्त होता है.इस दिन सुबह जल्द स्नान व व्रत कर भगवान श्री हरि की तपस्या और पूजन करना चाहिए.दुनिया के समस्त मोह को त्यागते हुए, इस दिन केवल श्री हरि का नाम जपना चाहिए.ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जप करना चाहिए.

एक कथा है प्रचलित कमला एकादशी की कथा सुनने से मिलता है पुण्य 

उज्जयिनी नगरी में एक ब्राह्मण के 5 पुत्र थे ,जिसमें से एक पुत्र जयशर्मा जो सबसे छोटा था.वह गलत मार्ग पर निकल पड़ा.माता-पिता ने इस पुत्र का परित्याग कर दिया.फिर जयशर्मा निकल पड़ा और वह एक हरिमुनि आश्रम जा पहुंचा.जहां समस्त पापों का नाश करने वाली कमला एकादशी की कथा सुनाई जा रही थी. जयशर्मा वही कथा सुनने बैठ गया.इस कथा से जयशर्मा प्रभावित हुआ.और सभी के साथ इसका व्रत किया.

माता लक्ष्मी ब्राह्मण की भक्ति से हुईं प्रसन्न

आधी रात को माता लक्ष्मी ने ब्राह्मण को दर्शन दिए और कहा जयशर्मा मैं तुम्हारी भक्ति से प्रसन्न हूँ. बताओ क्या वर चाहिए.जयशर्मा ने कहा मां मुझे ऐसा वर बताइए जिसकी कथा में साधु संत सभी एकाग्र रहते हैं. माता ने कहा हे ब्राह्मण कमला एकादशी व्रत की कथा सुनना उत्तम है.इससे सभी दुखों और पापों का नाश हो जाता है.जो पुरुष इस एकादशी का विधिविधान से पूजन और व्रत करते हैं,उन्हें अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.

 

 

Latest News

UP Fatehpur News: दलालों का अड्डा बना जिला अस्पताल ! सीएमएस की छापेमारी में 4 दलाल पुलिस हिरासत में UP Fatehpur News: दलालों का अड्डा बना जिला अस्पताल ! सीएमएस की छापेमारी में 4 दलाल पुलिस हिरासत में
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिला अस्पताल में मरीजों से इलाज के नाम पर धन उगाही करने वाले चार दलालों को...
Fatehpur News: फतेहपुर मंदिर मक़बरा विवाद ! देव दीपावली में सड़क पर महिलाओं ने की पूजा, एक नामजद सहित 21 पर मुकदमा
Fatehpur News: न्याय के लिए दहाड़ मारकर रोया शख्स, फिर DM कार्यालय के सामने खुद पर डाल लिया पेट्रोल
आज का राशिफल 4 नवंबर 2025: मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन राशियों पर क्या होगा प्रभाव, जानिए आज का भाग्यफल
UPPCL News: फतेहपुर में बिजली विभाग के SDO पर ठेकेदार का हमला ! ऑफिस में घुसकर सिर फोड़ा, खून से लथपथ पहुंचे अस्पताल
UP Gold Rate Today 3 November 2025: लखनऊ से वाराणसी तक जानें आज सोने-चांदी के ताजा रेट, 24 कैरेट गोल्ड 1.19 लाख के पार
3 नवंबर 2025 का राशिफल: आज चमक उठेगी इन चार राशियों की किस्मत ! बाकी को रहना होगा सावधान

Follow Us