यही बात आदित्यनाथ को योगी बनाती है..!
- By शुभम मिश्रा
- Published 20 Apr 2020 12:00 AM
- Updated 27 Mar 2023 04:02 PM
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट लंबे समय से बीमार चल रहे थे जिनका आज दिल्ली के एम्स में निधन हो गया..पिता की मृत्यु की सूचना जैसे ही उनको मिली उनका मन अचानक द्रवित हो उठा..आँखें छलक उठीं..लेकिन कर्तव्यबोध उनको डिगा न सका..पिता के प्रति प्रेम और राष्ट्र के प्रति समर्पण का सीएम वो पत्र.. जो यथार्थ रूप में आदित्यनाथ को योगी बनाता है..उनकी देश के प्रति ऐसी भावना को शब्दों में बता रहे हैं शुभम मिश्रा..
लखनऊ:यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का एक नया रूप कोरोना महामारी के दौरान देखने को मिला है।एक ऐसा सीएम जो दिन रात जनता की सेवा में लगा हुआ है।आबादी के लिहाज़ से देश का सबसे बड़ा राज्य सीएम की ग़जब की कार्यकुशलता के चलते कई अन्य राज्यों की तुलना में कोरोना के संक्रमण को काफ़ी हद तक कंट्रोल किए हुए है।
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जब प्रदेश का सीएम किसी भी मोर्चे की लड़ाई को सबसे पहली पंक्ति पर खड़े होकर लड़ता है तो उसके नीचे काम करने मंत्री और अधिकारियों को अपने आआप ही प्रेरणा मिलती है।
सीएम ने कोरोना के विरुद्ध जारी इस जंग में जिस तरह से कार्य किया है और कर रहें हैं।उस यूपी मॉडल की चर्चा देश ही नहीं पूरे विश्व में हो रही है। shubham mishra article
मैं ये क्यों लिख रहा हूँ कि 'यही बात आदित्यनाथ को योगी बनाती है।' उसके पीछे है आज घटित हुई दुःखद घटना।दरअसल सोमवार सुबह योगी के पिता आनन्द सिंह बिष्ट की दिल्ली के एम्स में मौत हो गई है।उनको कल ही एम्स में भर्ती कराया गया था लेकिन राज्य की चिंता में लगे योगी देखने नहीं जा पाए थे।आज जिस वक्त सीएम योगी को अपने पिता के मौत की सूचना मिली उस समय वह सरकार के उच्चाधिकारियों के साथ कोरोना को लेकर मीटिंग कर रहे थे।पिता की मौत की सूचना पर उनकी आँखों से आंसू तो निकले लेक़िन कुछ पल में ही अपने आप को संभालते हुए उन्होंने मीटिंग को जारी रखा।
ये उम्मीद की जा रही थी योगी पिता के अंतिम दर्शन करने जाएंगे।लेकिन उन्होंने अपने परिजनों को पत्र लिखकर जो कहा है शायद उसको पढ़कर हर किसी के आंखों में आँसू आ जाएं। cm yogi father death
पत्र में सीएम योगी ने लिखा है कि- "अपने पूज्य पिताजी के कैलाशवासी होने पर मुझे भारी दुःख एवं शोक है।वे मेरे पूर्वाश्रम के जन्मदाता हैं। जीवन में ईमानदारी कठोर परिश्रम एवं निस्वार्थ भाव से लोक मंगल के लिए समर्पित भाव के साथ कार्य करने का संस्कार बचपन में उन्होंने मुझे दिया।
अन्तिम क्षणों में उनके दर्शन की हार्दिक इच्छा थी, परन्तु वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई को यूपी की 23 करोड़ जनता के हित में आगे बढ़ाने का कर्तव्यबोध के कारण मैं न कर सका। कल 21 अप्रैल को अन्तिम संस्कार के कार्यक्रम में लॉकडाउन की सफलता तथा महामारी कोरोना को परास्त करने की रणनीति के कारण भाग नहीं ले पा रहा हूं। पूजनीया मां, पूर्वाश्रम से जुड़े सभी सदस्यों से भी अपील है कि वे लॉकडाउन का पालन करते हुए कम से कम लोग अन्तिम संस्कार के कार्यक्रम में रहें। पूज्य पिताजी की स्मृतियों को कोटि-कोटि नमन करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हूं। लॉकडाउन के बाद दर्शन करने आऊंगा।"
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह सिद्ध कर दिया है कि एक आदर्श राजा का न तो कोई धर्म होता है और न ही उसके कोई सांस्कारिक रिश्ते राज्य की प्रजा(जनता) ही राजा के लिए पुत्र और माता-पिता के सामान होती है।जब प्रजा पर संकट हो तो राजा के लिए हर निजी सुख व दुःख से बढ़कर प्रजा की रक्षा व सेवा करना सबसे बड़ा धर्म होता है।