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Interim Budget 2024: संसद में कल वित्त मंत्री पेश करेंगी अंतरिम बजट ! क्या है भारत के बजट का इतिहास? आम बजट और अंतरिम बजट के अंतर को जानिए

Interim Budget 2024: संसद में कल वित्त मंत्री पेश करेंगी अंतरिम बजट ! क्या है भारत के बजट का इतिहास? आम बजट और अंतरिम बजट के अंतर को जानिए
वित्त मंत्री, निर्मला सीतारमण, फोटो साभार सोशल मीडिया

Interim Budget 2024

लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) से पहले देश का अंतरिम बजट (Interim Budget), 1 फरवरी 2024 यानी कल सुबह 11 बजे संसद भवन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minsiter Nirmala Sitaraman) पेश करेंगी. हालांकि इस बजट में कोई बड़ा एलान होगा या नहीं यह तो कल जब बजट का पिटारा खुलेगा तभी पता चलेगा. फिलहाल उम्मीदें तो सबकी टिकी ही हुई हैं. लोकसभा चुनाव से पहले निर्मला सीतारमण इस साल अपना छठवां बजट पेश करेंगी. भारत के अबतक के इतिहास में 91 दफा आम बजट पेश हुआ है.

बजट से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

आजाद भारत के इतिहास (Indian History) में बजट (Budget) को संसद भवन में वित्त मंत्री (Finance Ministers) पेश करते आ रहे हैं. कुछ मौके ऐसे भी आये कि जब प्रधानमंत्री (Prime Minister) को भी बजट पेश करना पड़ा. चलिए बहुत से लोग बजट से सम्बंधित कुछ अहम इतिहास को नहीं जानते होंगे. पहला बजट कब पेश हुआ, आजाद भारत के इतिहास में अबतक कितने बजट पेश हो चुके हैं. इसके साथ ही कितने वित्त मंत्रियों ने बजट पेश किया, आम बजट और अंतरिम बजट में क्या अंतर है, रेल बजट कब आम बजट में शामिल हुआ इन सब बातों को नीचे इस आर्टिकल के जरिये बताएंगे.

बजट शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई, पहला बजट कब आया

सबसे पहले तो यह जान लें कि बजट (Budget) शब्द कहाँ से आया है. बजट शब्द की उत्तपत्ति फ्रेंच भाषा के लातिन शब्द बुल्गा से हुई है. इसका अर्थ है चमड़े का थैला, जो मध्य फ्रांसीसी बौगेट से आया है फिर यह अंग्रेजी शब्द बोगेट बना और फिर शब्द बजट आया. भारतीय बजट राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित तिथि पर संसद (Parliament) में प्रस्तुत किया जाता है. आजादी से पहले ब्रिटिश हुकूमत में 18 फरवरी 1860 को पहला बजट परिषद में पेश किया गया था. इस बजट को पेश करने वाले जेम्स विल्सन थे. अब बात आती है आज़ादी के बाद यानी ब्रिटिश हुकूमत के यहां से पलायन करने के बाद भारत के इतिहास में पहला बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था. एक और खास बात यह कि वर्ष 1955 तक बजट अंग्रेजी में पेश किया जाता था, 1955-56 में बजट हिंदी में पेश किया जाने लगा. 

पहले शाम 5 बजे अब सुबह 11 बजे होता है पेश

साल 1999 तक बजट शाम 5 बजे पेश होता था, फिर 1999-2000 में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने सुबह 11 बजे बजट पेश किया. तबसे हर साल 11 बजे सुबह बजट पेश होता है. एक बात और कि 2016 तक रेल बजट और आम बजट को अलग-अलग पेश किया जाता था. वर्ष 2017 में रेल बजट को आम बजट में शामिल कर लिया गया. यही नहीं तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jetley) के द्वारा पहली दफा 1 फरवरी को बजट पेश हुआ था. तबसे 1 फरवरी को यह बजट पेश होने लगा. इस दफा छठी बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) बजट पेश (Present Budget) करेंगी. यह उनके लिए बड़ी उपलब्धि भी है.

आजादी के बाद भारत के इतिहास में पहला बजट पेश, कुछ मौकों पर प्रधानमंत्री ने भी किया पेश

आजाद भारत के इतिहास में पहला बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था. इस बजट को पेश करने वाले वित्त मंत्री आरके षणमुगम शेट्टी थे. भारत में जो बजट पेश किया जाता रहा है उसकी जड़ कहीं न कहीं ब्रिटेन से जुड़ी हुई है. भारत के अबतक के इतिहास में तत्कालीन वित्त मंत्री मोरारजी देसाई (Morarji Desai) ने सबसे ज्यादा 10 बार आम बजट पेश किया है. इसके बाद नम्बर आता है पी चिदंबरम (P. Chidambaram) का जिन्होंने नौ बार, प्रणव मुखर्जी (Pranav Mukherjee) ने भी 9 बार, यशवंत राव चह्वाण (Yashwant Rav Chahwan) ने 7 बार, सीडी देशमुख (C. D Deshmukh) ने 7 बार, यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने 7 बार, मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने 6 बार और टीटी कृष्णमाचारी (T. T Krishnamichari) ने भी 6 बार आम बजट पेश किया है. इसके अलावा पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने भी प्रधानमंत्री रहते हुए बजट पेश किया है. 1947 से लेकर के अभी तक कुल 91 बार आम बजट पेश किया जा चुका है, जिसमें सामान्य और अंतरिम दोनों शामिल हैं, 4 मौकों पर विशेष बजट पेश किए गए हैं.

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आमबजट और अंतरिम बजट में अंतर

पिछले वर्ष वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आम बजट पेश किया था, अबकी दफा क्योंकि लोकसभा चुनाव होने है तो अंतरिम बजट 2024-25 पेश (Present Interim Budget) करेंगी. चुनाव से पहले तक पूरा बजट बनाया जाता है. चुनाव के परिणाम कुछ भी हो सकते हैं इसलिए चुनाव होने को हो इससे पहले ही जो खर्चे व अन्य चीज़ों की जरूरत होगी उसकी जानकारी अंतरिम बजट में दी जाती है. फिर जब नई सरकार आती है तो पूरे साल का बजट लेकर आती है जिसे आम बजट कहते हैं. अंतरिम बजट साल का नहीं बल्कि कुछ महीनों का होता है. आम बजट में जनता के लिए कई सौगातें मिलती है, हर किसी को इस बजट से बड़ी उम्मीद रहती है

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अंतरिम बजट कुछ महीनों के लिए वैध

अंतरिम बजट (Interim Budget) उस साल पेश किया जाता है जब लोकसभा चुनाव होने वाले हों. जबकि अन्य वित्त वर्ष (Financial Year) में आम बजट या पूर्ण बजट पेश करते हैं. अंतरिम बजट नई सरकार बनने से पहले पेश होता है यह आम बजट से छोटा बजट होता है. अंतरिम बजट में चल रही योजनाओं के लिए आवश्यक राशि दिए जाने का प्रावधान है. माना जाता है नई योजनाओं की शुरुआत नहीं की जाती है. आम बजट में बड़ी घोषणाएं करने से बचा जाता है नई सरकार के पूर्ण बजट तक लागू रहता है.

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अंतरिम बजट दो महीने के लिए वैध (Valid) होता है जरूरत पड़ने पर बढ़ाया भी जा सकता है. आम बजट सरकार के निर्देश पर एक साल के लिए पेश किया जाता है. आम बजट से टैक्स पे, देश व लोगों को बहुत उम्मीदें रहती हैं, इसमें राजस्व, खर्च, कर प्रस्ताव, नीतिगत पहल व वित्तीय खर्चों को रखा जाता है. आम बजट का उद्देश्य देश के सामाजिक व आर्थिक द्रष्टिकोण से सुधार करना और लोगों को अच्छा जीवन जीने में मदद करना है. अंतरिम बजट का उद्देश्य है कि चुनाव से पहले एक स्थिति बनाना है जिसे नई सरकार को सुरक्षित स्थिति में शुरू करने का मौका मिले.

बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री 

सीडी देशमुख (1951-57)

मोरारजी देसाई (1959-64, 1967-70)

वाई बी चह्वाण (1971-75)

वीपी सिंह (1985-1987)

मनमोहन सिंह (1991-96)

यशवंत सिन्हा (1998-2004)

पी. चिदंबरम (1996-98, 2004-09, 2013-14)

प्रणब मुखर्जी (1982-85, 2009-13)

अरुण जेटली (2014-19)

पीयूष गोयल (2019)

निर्मला सीतारमण (2019-2023)

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