Please enable JavaScript to support our website by allowing ads.

गांधी जयंती विशेष-अपने जन्मदिन पर अंतिम बार प्रार्थना सभा में क्या बोले थे गांधी..जानें यहाँ.!

गांधी जयंती विशेष-अपने जन्मदिन पर अंतिम बार प्रार्थना सभा में क्या बोले थे गांधी..जानें यहाँ.!
फ़ोटो साभार-गूगल

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज 150वी जयंती पूरे विश्व मे बड़े ही धूमधाम से मनाई जा रही है।इस अवसर पर आइए जानते हैं कि गांधी ने अंतिम बार अपने जन्मदिन के अवसर पर प्रार्थना सभा मे क्या कुछ कहा था..

डेस्क-आज महात्मा गांधी की 150वीं जयंती का उत्सव भारत ही नहीं पूरी दुनिया में मनाया जा रहा। महात्मा गांधी की हत्या दिल्ली में प्रार्थना-सभा में जाते हुए हुई थी।लेकिन इस पर कम ध्यान दिया गया है कि गांधी जी ने प्रार्थना-सभा के रूप में अपने समय में, और स्वतंत्रता-संग्राम के दौरान एक अनोखी नैतिक-आध्यात्मिक और राजनीतिक संस्था का आविष्कार किया था।थोड़े आश्चर्य की बात यह है कि आज भी यानी गांधी जी के इहलोक छोड़ने के इतने बरसों बाद भी सेवाग्राम में हर दिन सुबह-शाम प्रार्थना-सभा होती है। उसमें सभी धर्मों से पाठ होता है जिनमें हिंदू, इस्लाम, ईसाइयत, बौद्ध, जैन, यहूदी, पारसी आदि शामिल हैं।भारत की आजादी के बाद गांधी ने अपने जन्मदिन पर 2 अक्टूबर 1947 को उस प्रार्थना सभा मे बोलते हुए कहा था..

ये भी पढ़े-शारदीय नवरात्रि2019:माँ चंद्रघंटा को इस विधि विधान से पूजा कर करें प्रसन्न..!

भाइयो और बहनो,
आज एक सिख भाई मेरे पास आए थे।उन्होंने कहा कि मुझसे किसी ने पूछा कि आपने गुरु अर्जुन देव की वाणी तो सुनाई, परंतु दसवें गुरु गोविंद सिंह जी ने उसमें तबदीली कर दी, इस बारे में आप क्या कहोगे? इतिहास सिखाया जाता है कि गुरु गोविंद सिंह तो मुसलमानों के दुश्मन की हैसियत से पैदा हुए।लेकिन ऐसा मानने का कोई सबब नहीं, क्योंकि दसवें गुरु साहब ने करीब-करीब यह कहा है जो गुरु अर्जुन देव ने कहा था। गुरुनानक की बात ही क्या। वह तो कहते हैं कि मेरे नजदीक हिंदू, मुसलमान, सिख में कोई अंतर नहीं है। कोई पूजा करे, कोई नमाज़ पढ़े, सब एक है।एक ब्राह्मण पूजा करता है तो दूसरे धर्म वाले भगवान को कोसता है, ऐसा नहीं, मुसलमान नमाज पढ़ते हैं. पूजा और नमाज दोनों एक ही चीज हैं।मानुस सब एक हैं, वाणी दूसरी-दूसरी है।गुरु गोविंद सिंह ने कहा है कि मानुस सब एक हैं और एक के अनेक प्रभाव है तो पीछे मैं मान लेता हूं कि हम सब एक हैं, अनेक हैं।और देखने में तो अनेक भेष हैं, लेकिन वैसे सब एक हैं. व्यक्ति तो करोड़ों हैं, लेकिन स्वभाव से एक हैं। गुरु गोविंद सिंह ने कहा हैं, "एकै कान, एकै देह, एकै बैन।" पीछे कहा, देवता कहो, अदेव कहो, यक्ष कहो, गंधर्व कहा, तुर्क कहो" वह सब न्यारे-न्यारे हैं, वही गुरु गोविंद सिंह जी कहते हैं-" देखत तो अनेक भेष हैं, उसका प्रभाव एक है।" बैनके माने बाणी है, बाणी तो एक है, जबान एक है।और आतिश वह एक है।क्या मुसलमानों के यहां एक सूरज है और हम और आप लोगों के लिए कोई दूसरा सूरज है?

ये भी पढ़े-UP byelection:मंच पर पहुंचे पिता तो फफक कर रो पड़ा भाजपा प्रत्याशी..सड़क किनारे है सब्जी की छोटी सी दुकान.!

Read More: लोक अदालत टोकन: अगर कट चुका भारी ट्रैफिक चालान तो जुर्माना माफ कराने का सुनहरा मौका ! जानिए कहां लग रही है Lok Adalat

वह तो सबके लिए एक ही है. वह कहते हैं आब, पानी भी एक है।गंगा बहती है तो गंगा नहीं कहती है कि खबरदार, कोई तुर्क हो तो मेरा जल नहीं पी सकता है, बादलों में से जल आता है तब बादल नहीं कहते हैं कि मैं आता हूं पर मुसलमानों के लिए नहीं, पारसियों के लिए नहीं, मैं तो सिर्फ हिंदुओं के लिए हूं।यूनियन सरकार हिंदुओं के ही लिए हो, ऐसा नहीं। यह हो नहीं सकता।कुरान कहो, सीता कहो, पुराण कहो, सब एक ही हैं, लेकिन लिबास अलग-अलग पहना दिया है। अरबी जबान में लिखो तो पीछे उसको कहो कुरान है, नागरी लिपि में लिखो, संस्कृत में लिखो, मगर समझकर पढ़ो तो चीज एक ही है।तो वह कहते हैं कि सब एक हैं, और ऐसा कहकर खत्म करते हैं।

Read More: Delhi Red Fort Blast: तेज धमाके से दहल उठी दिल्ली ! अब तक 10 लोगों की मौत 30 से अधिक घायल, पूरे देश में हाई अलर्ट

ये भी पढ़े-नहीं रहे शोले के 'कालिया'..शोले फ़िल्म से मिली थी शोहरत..!

Read More: अब खत्म हुई महंगी GST की झंझट: केवल दो स्लैब में सिमटी पूरी Tax व्यवस्था, जानिए 22 सितंबर से क्या सस्ता होगा और महंगा

गुरु गोविंद सिंह ने यह सिखाया है।मैंने पूछा कि पंडितजी, अगर गुरु गोविंद सिंह ने, आप कहते हैं वैसे किया भी हो, तो वह गलत बात थी।जब लड़ाई होती थी तो हिंदू-मुसलमान लड़ाई में मरते थे, घायल भी होते थे और जख्मी भी, लेकिन जो जिंदा होते थे उनको गुरु साहब का एक समझदार शिष्य पानी देने का काम करता था।उसने मुसलमानों को भी पानी पिलाया, हिंदुओं को भी और सिखों को भी।उसने कहा, मुझे गुरु महाराज ने ऐसा ही सिखाया है कि तेरे नजदीक न कोई मुसलमान है, न कोई सिख है, न कोई हिंदू है, सब-के-सब इन्सान हैं और जिससे पानी की हाजत हो तो उसको पानी देना है।वह ऐसा थोड़े ही कहते थे कि अगर कोई हिंदू जख्मी हो गया है तो मरहम-पट्टी लगा दें लेकिन अगर कोई मुसलमान जख्मी पड़ा है तो उसको वैसे ही छोड़ दो।उन्होंने पूछा, लेकिन गुरुजी तो मुसलमानों के साथ लड़े थे?

ये भी पढ़े-वारदात:खुले में दलित बच्चों ने की शौच..दबंगो ने पीट पीटकर मार डाला.!

तो लड़े तो सही, लेकिन उन मुसलमानों के साथ लड़े जिन्होंने इंसानियत और इंसाफ के रास्ते को छोड़ दिया था, उन्होंने अपने मजहब को छोड़ दिया था।वह दानी पुरुष थे, निर्लिप्त थे, अवतारी पुरुष थे, उनके लिए मेरे-तेरे का सवाल नहीं था। लेकिन हां, वह अपनी रक्षा तो करते थे, लड़ाई करते थे, इसमें कोई शक नहीं। सिख दावा करे कि नहीं, हम तो अहिंसक हैं तो वह तो गलत बात होगी।वह कृपाण रखते हैं, लेकिन गुरु ने सिखाया कि कृपाण रक्षा के लिए है, वह कृपाण तो मासूम की रक्षा के लिए है।जो दूसरों को तंग करता है उस जालिम के साथ लड़ने के लिए वह कृपाण है।कृपाण बूढ़ी औरतों को काटने के लिए नहीं है, बच्चों को काटने के लिए नहीं है, औरतों को काटने के लिए नहीं है, जो निर्दोष बेगुनाह आदमी हैं उनको काटने के लिए नहीं है। कृपाण का तो वह काम नहीं है।जो गुनहगार है और जिसपर इल्जाम साबित हो गया है कि यह गुनहगार है, पीछे वह मुसलमान हो, कोई भी हो, सिख भी क्यों न हो, उसके पेट में वह कृपाण चली जाएगी।आप लोग कृपाण जिस तरीके से आज खोलते हैं वह तो जहालत की बात है।ऐसे लोगों के पास से कृपाण छीनी जाए तो कोई गुनाह नहीं माना जायगा, क्योंकि उन्होंने धर्म तो छोड़ दिया है, सिखने कृपाण का दुरुपयोग किया है।

ये भी पढ़े-फतेहपुर:विहिप बजरंग दल द्वारा गरीबों की बस्ती में किया गया निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन..बिन माँ के ग़रीब बच्चे की मदद के लिए आगे आया बजरंग दल.!

आज तो मेरी जन्मतिथि है। मैं तो कोई अपनी जन्मतिथि इस तरह से मनाता नहीं हूं।मैं तो कहता हूं कि फाका करो, चर्खा चलाओ, ईश्वर का भजन करो, यही जन्मतिथि मनाने का मेरे खयाल में सच्चा तरीका है।मेरे लिए तो आज यह मातम मनाने का दिन है।मैं आज तक जिंदा पड़ा हूं।इस पर मुझको खुद आश्चर्य होता है, शर्म लगती है, मैं वही शख्स हूं कि जिसकी जबान से एक चीज निकलती थी कि ऐसा करो तो करोड़ों उसको मानते थे।पर आज तो मेरी कोई सुनता ही नहीं है।मैं कहूं कि तुम ऐसा करो "नहीं, ऐसा नहीं करेंगे"-ऐसा कहते हैं।"हम तो बस हिंदुस्तान में हिंदू ऐसा कहते हैं। "हम तो बस हिंदुस्तान में हिंदू ही रहने देंगे और बाकी किसी के पीछे रहने की जरूरत नहीं है।" आज तो ठीक है कि मुसलमानों को मार डालेंगे, कल पीछे क्या करोगे? पारसी का क्या होगा और क्रिस्टीका का क्या होगा और पीछे कहो अंग्रेजों का क्या होगा? क्योंकि वह भी तो क्रिस्टी हैं? आखिर वह भी क्राइस्ट को मानते हैं, वह हिंदू थोड़े हैं? आज तो हमारे पास ऐसे मुसलमान पड़े हैं जो हमारे ही हैं, आज उनको भी मारने के लिए हम तैयार हो जाते हैं तो मैं यह कहूंगा कि मैं तो ऐसे बना नहीं हूं।जब से हिंदुस्तान आया हूं मैंने तो वही पेशा किया कि जिससे हिंदू, मुसलमान सब एक बन जाएं।धर्म से एक नहीं, लेकिन सब मिलकर भाई-भाई होकर रहने लगें।

लेकिन आज तो हम एक-दूसरे को दुश्मन की नजर से देखते हैं।कोई मुसलमान कैसा भी शरीफ हो तो हम ऐसा समझते हैं कि कोई मुसलमान शरीफ हो ही नहीं सकता।वह तो हमेशा नालायक ही रहता है।ऐसी हालत में हिंदुस्तान में मेरे लिए जगह कहां है और मैं उसमें जिंदा रहकर क्या करूंगा? आज मेरे से 125 वर्ष की बात छूट गई है।100 वर्ष की भी छूट गई है और 90 वर्ष की भी। आज मैं 79 वर्ष में तो पहुंच जाता हूं, लेकिन वह भी मुझको चुभता है।मैं तो आप लोगों को जो मुझको समझते हैं, और मुझको समझने वाले काफी पड़े हैं, कहूंगा कि हम यह हैवानियत छोड़ दें।मुझे इसकी परवाह नहीं कि पाकिस्तान में मुसलमान क्या करते हैं! मुसलमान वहां हिंदुओं को मार डालें, उससे वे बड़े होते हैं ऐसा नहीं, वह तो जाहिल हो जाते हैं, हैवान हो जाते हैं तो क्या मैं उसका मुकाबला करूं, हैवान बन जाऊं, पशु बन जाऊं, जड़ बन जाऊं? मैं तो ऐसा करने से साफ इन्कार करूंगा और मैं आपसे भी कहूंगा कि आप भी साफ इन्कार करे।अगर आप सचमुच मेरी जन्म-तिथि को मनाने वाले हैं तो आपका तो धर्म यह हो जाता है कि अब से हम किसी को दीवाना बनने नहीं देंगे, हमारे दिल में अगर कोई गुस्सा हो तो हम उसको निकाल देंगे।मैं तो लोगों से कहूंगा भाई, आप कानून को अपने हाथ में न लें, हुकूमत को इसका फैसला करने दे।इतनी चीज आप याद रख सकें तो मैं समझूंगा कि आपने काम ठीक किया है।बस इतना ही मैं आपसे कहना चाहता हूं।

(यह ख़बर मूल रूप से आज तक की वेबसाइट पर प्रकाशित है)

Tags:

Latest News

UP News: फतेहपुर सहित प्रदेश के कई जिलों में सुस्त है अभ्युदय विद्यालयों की रफ्तार ! कुशीनगर पहले पायदान पर UP News: फतेहपुर सहित प्रदेश के कई जिलों में सुस्त है अभ्युदय विद्यालयों की रफ्तार ! कुशीनगर पहले पायदान पर
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री मॉडल स्कूल और अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय निर्माण कार्य की नवंबर समीक्षा रिपोर्ट में कई जिलों की...
आज का राशिफल 22 नवंबर 2025: शनि की क्रूर चाल, किस्मत किस पर बरसाएगी वरदान और कौन होगा मुश्किलों में
Uttar Pradesh: यूपी के फतेहपुर समेत कई जनपदों के मदरसों की जांच कर रही ATS ! दिल्ली धमाके के बाद एलर्ट
Fatehpur News: फतेहपुर के डिप्टी डायरेक्टर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ! परिजनों में मचा हड़कंप, पुलिस कर रही जांच
आज का राशिफल 20 नवंबर 2025: किस पर बरसेगी गुरु की कृपा, किसे रहना है सावधान ! जानिए सभी राशियों का हाल
Fatehpur News: फतेहपुर में छात्रा ने नहीं किया होमवर्क ! शिक्षक ने बेरहमी से पीटा, टूट गया हांथ, पुलिस से शिकायत
आज का राशिफल 18 नवंबर 2025: इस राशि के व्यक्ति का बनेगा बिगड़ा कोई काम ! जानिए सभी का दैनिक राशिफल

Follow Us