Gyanpeeth Award Lyricist Gulzar: ज्ञानपीठ से 'गुलजार' हुए मशहूर गीतकार ! जानिए उनके जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

ज्ञानपीठ पुरस्कार 2024
ज्ञानपीठ चयन समिति ने 58 वें ज्ञापनपीठ पुरुस्कार के लिए इस वर्ष मशहूर गीतकार व कवि गुलजार (Famous Lyricist Gulzar) को ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 (Gyanpeeth Award) से सम्मानित करने का एलान किया है. यही नहीं इस अवार्ड के लिए एक और नाम का भी एलान हुआ है वे हैं जगद्गुरू राम भद्राचार्य जी. आप सभी के मन में यह सवाल जरूर उठ रहा होगा कि आखिरकार ज्ञानपीठ पुरस्कार क्या होता है.
कौन हैं गुलजार जिन्हें मिला ज्ञानपीठ?
गुलजार साहब (Gulzar) का जन्म 18 अगस्त 1936 में दिना झेलम जिला पंजाब में हुआ था. वर्तमान में यह जगह अब पाकिस्तान में गिनी जाती है. अपना घर-बार छोड़कर मुंबई पहुंचे गुलजार साहब ने सबसे पहले अपने काम की शुरुआत एक गेराज मैकेनिक के रूप में की थी, लेकिन उन्हें लिखने (Writing) का बहुत शौक था इसलिए वह कविताएं (Poetry) भी लिखा करते थे धीरे-धीरे उनका रुझान बॉलीवुड की और बढ़ा और फिर आज वह बॉलीवुड का एक जाना माना नाम है.

करियर और अवार्ड्स
आज के समय में गुलजार साहब किसी भी पहचान के मोहताज नहीं है गुलजार साहब का पूरा नाम संपूर्ण सिंह कालरा उर्फ गुलजार है. इंडियन सिनेमा में गीतकार, पटकथा, कवि, फिल्म निर्देशन, लेखक व नाटककार गुलजार को हिंदी सिनेमा में कई अवार्ड दिए जा चुके हैं इसके साथ ही उन्हें साल 2004 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है. यही नहीं साल 2009 में आई मूवी स्लम डॉग मिलेनियर में उनके लिखे गीत 'जय हो' के लिए दुनिया के सबसे बड़े अवॉर्ड ऑस्कर से भी नवाजा जा चुका है बतौर निर्देशक भी उन्होंने कई बड़ी और बेहतरीन फिल्मों का निर्देशन किया है.
क्या है ये ज्ञानपीठ पुरस्कार?
इस पुरस्कार को पाने वाले पर कुछ शर्ते भी लागू होती हैं जैसे वह भारत का ही नागरिक हो 22 भाषाओं में से किसी एक भाषा में लिखना हो. यही नहीं इस पुरस्कार के तौर पर उन्हें प्रशस्ति पत्र और वाग्देवी की कांस्य मूर्ति देने के साथ-साथ 11 लाख रुपए भी दिए जाते हैं.