Nayyara Noor Death News: भारत में जन्मी Pakistan की मशहूर सिंगर बुलबुल-ए-पाकिस्तान नय्यारा नूर का निधन
भारत के असम में जन्मी पाकिस्तान की मशहूर सिंगर नय्यराय नूर (Nayyara Noor) का निधन हो गया वो 71 बरस की थीं. उनको 'बुलबुल-ए-पाकिस्तान' के सम्मान से नवाजा गया था. नय्यारा के चाहने वाले पाकिस्तान के साथ-साथ भारत में भी मौजूद हैं. (Pakistani Singer Nayyara Noor Death News In Hindi Bulbul-E-Pakistan Nayyara Noor Passes Away Hindi News)
Nayyara Noor Death News In Hindi: भारत के असम में जन्मी पाकिस्तान की मशहूर सिंगर नय्यारा नूर का लंबी बीमारी के बाद कराची ( Karanchi) में निधन हो गया वो 71 साल की थीं. नय्यारा के प्रसंशक भारत पाकिस्तान समेत पूरे दक्षिण एशिया में मौजूद हैं.उनके निधन के बाद लोग उनको सोशल मीडिया के माध्यम से श्रद्धांजलि दे रहे हैं. उनके निधन की ख़बर ट्विटर के माध्यम से उनके भतीजे जैदी ने दी उन्होंने लिखा उनके भतीजे रज़ा ज़ैदी ने ट्वीट किया, “अत्यंत दुख के साथ मैं अपनी प्यारी ताई नय्यरा नूर के निधन की खबर दे रहा हूं. अल्लाह उनकी रूह को सुकून दें"
नय्यारा नूर का जीवन परिचय (Nayyara Noor Biography In Hindi)
मशहूर सिंगर नय्यारा नूर का जन्म भारत के असम गुवाहाटी में साल 1950 में हुआ था.नय्यारा को उनके माता पिता नूर नाम से बुलाते थे.जानकारी के मुताबिक उनके पिता अपने काम को अधिक बढ़ाने लिए अमृतसर से असम परिवार सहित बस गए थे. कहा जाता है की नय्यारा (Nayyara Noor) के पिता 'ऑल इंडिया मुस्लिम लीग' के सक्रिय सदस्य भी थे. भारत पाकिस्तान के विभाजन के बाद नय्यारा के पिता परिवार सहित पाकिस्तान (Pakistan) के लाहौर (Lahor) चले गए थे लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नूर के पिता अपने परिवार को लाहौर छोड़कर अपने बिजनेस और संपत्ति के लिए साल 1993 भारत आते जाते रहे.
नय्यारा नूर (Nayyara Noor) को बचपन से ही गाने का शौक था गायिका कानन देवी और ग़ज़ल गायिका बेगम अख़्तर के गानों को नूर खूब सुनती और पसंद करती थीं. जानकारी के मुताबिक नय्यारा (Nayyara Noor) ने गायकी में कभी औपचारिक प्रशिक्षण नहीं लिया. कहा जाता है की साल 1968 में लाहौर के नेशनल कॉलेज ऑफ आर्ट्स के एनुअल फंक्शन के दौरान जब नूर ने गीत गया तो वहां के प्रोफेसर इसरार ने चकित रह गए और उन्हें रेडियो पाकिस्तान के कार्यक्रमों के लिए गाने का ऑफर दे दिया. कहते हैं की इसके बाद नय्यारा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
नय्यारा नूर (Nayyara Noor Biography) कहते हैं गायकी के मामले में वह कानन बाला, बेगम अख़्तर और लता मंगेशकर की बहुत बड़ी प्रशंसक थीं. नूर ने साल 1971 में पाकिस्तानी टेलीविजन सीरियल से पार्श्व गायन की शुरुआत की थी और उसके बाद उन्होंने घराना और तानसेन जैसी फिल्मों में अपनी आवाज दी. फिल्म घराना में पार्श्व गायन के लिए उन्हें निहार पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
नूर ने भारत पाकिस्तान में गज़ल प्रेमियों की महफिलों अपनी प्रस्तुति दी जिसके लिए लोग उनको हमेशा याद करते रहेंगे. नूर को 2006 में “बुलबुल-ए-पाकिस्तान” के खिताब से नवाज़ा गया था. वर्ष 2006 में, उन्हें “प्राइड ऑफ परफॉर्मेंस पुरस्कार” से सम्मानित किया गया और 2012 तक, उन्होंने पेशेवर गायिकी को अलविदा कह दिया था