
यूपी:सरकारी स्कूल के मिड डे मील में बंट रही सूखी रोटी और नमक का वीडियो बनाने वाले पत्रकार पर दर्ज हो गया मुकदमा!
हाल ही में मिर्जापुर के एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को मिड मील योजना के तहत दिए जा रहे खाने का वीडियो वायरल हुआ था वीडियो में साफ़ दिख रहा था कि बच्चों को केवल रोटी और नमक दिया जा रहा है।लेक़िन इस मामले में एक नाटकीय मोड़ आ गया है।इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाने वाले पत्रकार पर मुकदमा दर्ज हो गया है।पढें पूरी ख़बर युगान्तर प्रवाह पर।

मिर्जापुर:योगी सरकार बनने के बाद पत्रकारों के मामले को लेकर प्रदेश में बेलगाम हो चुकी नौकरशाही के चलते आए दिन लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर हमला किया जा रहा है।ताज़ा मामला मिर्जापुर ज़िले का है जहाँ के एक दैनिक समाचार पत्र (जनसंदेश टाइम्स) के पत्रकार के ऊपर जिला प्रशासन ने ख़बर की खुन्नस में आईपीसी की कई धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करा दिया है।
क्यों दर्ज हुआ पत्रकार पर मुकदमा..?
आपको बता दे कि हाल ही में मिर्जापुर ज़िले के सियूर प्राथमिक विद्यालय में मिड डे मील योजना के तहत बच्चों को नमक और रोटी दिए जाने का वीडियो सामने आया था और वीडियो खूब वायरल भी हुआ जिसके बाद आनन फानन में जिलाधिकारी ने पूरे मामले की जांच की बात करते हुए तुरंत ही प्रथम द्रष्टया दोषी शिक्षको निलंबित करने का आदेश दिया था।लेक़िन इस मामले में अब नाटकीय मोड़ आ गया है।विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रशासन ने दोषियों पर कार्रवाई किए जाने के बजाय उस घटना का खुलासा करने वाले पत्रकार के ख़िलाफ़ ही एफ़आईआर दर्ज करा दी है।खंड शिक्षा अधिकारी ने घटना का खुलासा करने वाले स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार समेत तीन पर मामले दर्ज कराए हैं।
एफआईआर में पत्रकार के ऊपर मुकदमा दर्ज कराने वाले एबीएसए ने इस बात का उल्लेख किया है कि ग्राम प्रधान प्रतिनिधि और पत्रकार ने साजिश के तहत वीडियो बनाकर वायरल किया है।एबीएसए प्रेम शंकर राय का आरोप है कि सियूर स्कूल की घटना में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार ने साजिश के तहत अपने एक परिचित से मिलकर वीडियो बनवाया और उसे वायरल करा दिया।
तीन पेज की एफ़आईआर में लिखा है कि उस दिन स्कूल में मात्र रोटी ही बनवाई गईं थी। तहरीर में आगे लिखा है कि ग्राम प्रधान प्रतिनिधि को सब्जियाँ मँगवानी थी न कि पत्रकार को स्कूल में बुलाकर वीडियो शूट करवानी थी। एफ़आईआर में लिखा है कि वीडियो को एक जनसंदेश टाइम्स में काम करने वाले स्थानीय पत्रकार ने शूट किया था जिसको उसने बाद में एएनआई को भी भेज दिया। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिससे राज्य सरकार की काफ़ी बदनामी भी हुई। वीडियो शूट करने के लिए पत्रकार और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि पर छलपूर्वक और आपराधिक साजिश करने का आरोप लगाया गया है।जिसके बाद पत्रकार समेत इस मामले में तीन लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ है।
पत्रकार ने क्या कहा..?
हालाँकि इस घटना के बाद अपने ऊपर आपराधिक मामले दर्ज होने पर पत्रकार पवन जायसवाल ने अपना बयान दिया है। पत्रकार ने कहा कि उनको काफ़ी दिनों से सियूर प्राथमिक विद्यालय में नमक-रोटी या चावल-नमक दिए जाने की सूचना मिल रही थी। जिसके बाद 22 अगस्त को ख़बर बनाने के लिए वो विद्यालय गए थे। पत्रकार ने बताया कि उन्होंने विद्यालय जाने से पहले वहाँ के एबीएसए बृजेश कुमार को भी सूचित किया था।
वीडियो वायरल होने के समय डीएम ने ये कहा था...
"मैंने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं और घटना सच साबित हुई है। प्रत्यक्षता तो स्कूल अध्यापक और ग्राम पंचायत निरीक्षक इस मामले में दोषी नज़र आ रहे हैं,जिनको सस्पेंड कर दिया गया है।"
मिर्जापुर डीएम अनुराग पटेल
