फतेहपुर:जिला अस्पताल के डॉक्टरों की मनमानी..चली गई ग़रीब की जान..चक्कर काटते रहे परिजन.!
फतेहपुर का जिला अस्पताल अक्सर अपनी कारगुजारियों के चलते चर्चा में रहता है ताज़ा मामला एक मरीज़ की मौत से जुड़ा है,डॉक्टरों पर आरोप है कि घण्टों अस्पताल में रहने के बावजूद डॉक्टरों की तरफ़ से मरीज़ का इलाज़ तो दूर देखा तक नहीं गया..पढ़ें पूरी ख़बर युगान्तर प्रवाह पर..
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फतेहपुर:इलाज़ के लिए जिला अस्पताल जानें के लिए सोच रहें हों तो सावधान हो जाएं!क्योंकि यहाँ इलाज़ नहीं केवल चक्कर लगवाए जाते हैं औऱ चक्करों के चक्कर में आपके मरीज़ की जा सकती है।बुधवार शाम प्रकाश में आया मामला कुछ ऐसा ही है जहाँ एक मरीज़ को घण्टों अस्पताल में रहने के बावजूद डॉक्टरों की तरफ़ से इलाज़ तो दूर देखा तक नहीं गया।fatehpur news
क्या है पूरा मामला..
सदर कोतवाली क्षेत्र के सनगाव गाँव के निवासी निसार अहमद (45) पुत्र शौक़त अली की अचानक तबियत ख़राब होती है।निसार के भाई के मुताबिक बुधवार दोपहर क़रीब डेढ़ बजे वह उनको लेकर जिला अस्पताल पहुचंते हैं।अस्पताल में कुछ डॉक्टर अपने चैंबर से उठ गए थे कुछ बैठे थे।उन्होंने अस्पताल में मौजूद स्टाफ़ से मरीज़ को भर्ती करने के लिए कहा तो उनके द्वारा बताया गया कि आप दो नम्बर पर जाइए, किसी ने कहा तीन नम्बर में जाइये और कुछ ने कहा सात नम्बर में जाइए इतना ही नहीं किसी ने कहा सर्जन के पास जाइए तो किसी ने कहा फिजीसीएन को दिखाइए।एक ने कहा आज तो देर हो गई कल आइए, फ़िर एक ने बताया इमरजेंसी में दिखाइए।fatehpur district hospital news
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उन्होंने बताया ऐसे करते करते घण्टों का समय बीत गया हम इधर से उधर चक्कर लगाते रहे कभी इस कमरे कभी उस कमरें कई डॉक्टरों के पैर पकड़े, मिन्नतें की हमारे भाई को देख लीजिए लेक़िन किसी ने कोई सुनवाई नहीं की।रोते बिलखते हुए कई डॉक्टरों के पैर पकड़े कि हमारे भाई को देख लीजिए लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा।और फ़िर शाम को निसार अहमद ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।fatehpur crime news
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निसार के भाई ने बताया कि बीती रात उनके भाई को ठंडी देकर बुख़ार आया था वह पहले से फलेरिया रोग से ग्रसित थे तो हम लोगो ने सोचा फलेरिया का अटैक है तभी बुखार आया है इस लिए अस्पताल लेकर आए थे लेकिन अस्पताल में कोई इलाज़ नहीं हुआ।
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इस पूरे मामले में जिला अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात ड्यूटी डॉक्टर रामप्रकाश ने बताया कि निसार अहमद नाम के मरीज हमारे पास 5 बजकर 10 मिनट में आए हैं जिस वक्त उनको हमारे पास लाया गया है उस समय वह गहरी गहरी सांसे ले रहे थे औऱ बेहद गम्भीर हालत में थे शुरुआती इलाज़ के बाद उनके परिजनों से कहा गया कि इन्हें यहाँ बचा पाना मुश्किल है,आप हैलट कानपुर ले जाइए उन्होंने 108 पर सरकारी एम्बुलेंस के लिए फोन किया एम्बुलेंस सेवा से हमारी भी बातचीत हुई लेकिन जब तक एम्बुलेंस लाती उनकी हालत और बिगड़ गई हमारी तरफ़ से लगातार प्रयास किया गया लेकिन 5:40 पर इन्हें अटैक पड़ा औऱ मौत हो गई।