
फतेहपुर:इंजीनियर हत्याकांड-क्या इंजीनियरिंग का पेशा बना अजय कुमार की मौत का कारण..?पुलिस के शंका की सुई रेलवे ठेकेदारों पर आकर टिकी..!
थरियांव थाना क्षेत्र के अंतर्गत बीते कल यानी मंगलवार के दिन रेलवे के इंजीनियर की दिनदहाड़े हुई बेखौफ बदमाशों द्वारा हत्या के तार उसके पेशे से जुड़े होने की पूरी संभावना व्यक्त की जा रही है..पढ़े इसी ख़बर पर युगान्तर प्रवाह की फॉलोअप रिपोर्ट।

फतेहपुर: क़ानून को खुली चुनौती देते हुए मंगलवार के दिन बेखौफ बदमाशों द्वारा की गई रेलवे के इंजीनियर अजय कुमार की हत्या को लगभग 36 घण्टे का समय पूरा पूरा हो चुका है लेक़िन अब तक पुलिस के हाँथ ख़ाली ही हैं।दूसरी ओर दिनदहाड़े हुई सनसनीखेज वारदात के बाद से एकारी नाका के पास बने जीएमआर कम्पनी के रेलवे प्लांट में काम कर रहे कर्मचारियों के साथ साथ पूरे क्षेत्र में ख़ौफ़ का माहौल बना हुआ है।
रेलवे ठेकेदारों के इर्द गिर्द घूम रही पुलिस की शंका की सुई.!
इंजीनियर अजय कुमार की हत्या के मामले में पुलिस ने वारदात के दिन से ही अपनी शंका की शुई रेलवे ठेकेदारो पर टिका दी है।आपको बता दे कि अजय कुमार रेलवे के हो रहे दोहरीकरण के काम में सुपर विजन का काम देखने के लिए भारत सरकार द्वारा नियुक्त की गई शिस्ट्रा कम्पनी में बतौर फ़ील्ड इंजीनियर ब्रिज के पद पर कार्यरत थे और उनकी नियुक्ति कम्पनी ने क़रीब साल भर पहले जनपद फतेहपुर में की थी और वह कुछ महीनों पहले ही एकारी रेलवे नाका के पास बने प्लांट में ज़िले के ही मुरादीपुर नाका के पास बने प्लांट से स्थान्तरित होकर आए थे।
तब से वह इसी प्लांट में अपनी सेवाएं दे रहें थे।लेक़िन सूत्र यह बताते हैं कि अजय कुमार की ईमानदार छवि कंही न कंही रेलवे के दोहरीकरण के अंतर्गत बन रहे ब्रिजों के ठेकेदारों को नागवार गुजर रही थी जिसको लेकर अजय कुमार की ठेकेदारो से कई बार बहस हो चुकी थी।दरअसल शिस्ट्रा कम्पनी द्वारा नियुक्त किए गए इंजीनियर अजय कुमार का काम ही यही था कि वह बन रहे ब्रिजों की गुणवत्ता व मानक को देखकर ही उसको हरी झंडी दिखाए और जब तक उनकी तरफ़ से बन रहे ब्रिजों को फ़िट नहीं घोषित किया जाता था तब तक ठेकेदारों का धन अवमुक्त नहीं होता था।और कई बार ऐसा होता था कि इंजीनियर अजय कुमार ब्रिजों के मानक व गुणवत्ता विहीन होने पर रिजेक्ट कर देते थे जिससे ठेकेदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ता था और वह अजय कुमार से तीखी बहस कर बैठते थे।
इंजीनियर अजय कुमार की ठेकेदारों से अनबन की खबरों को तब और बल मिल गया जब मृतक के बडे भाई संजय द्वारा थरियांव थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर में इस बात का जिक्र किया कि उनके भाई कई बार फ़ोन से यह बताया था कि यहां(फतेहपुर) का माहौल ठीक नहीं रहता और ठेकेदार मनमाने तरीक़े से काम करवाती है।अब पुलिस के सामने भी यही प्रश्न खड़ा हो रहा है कि क्या अजय कुमार की हत्या के पीछे रेलवे के किसी ठेकेदार का हाँथ हो सकता है।और इसी एंगल को खंगालते हुए पुलिस लगातार कई लोगों से पूछताछ कर रही है।
इंजीनियर के निवास पर भी पुलिस की एक टीम ने पहुँचकर की पूछताछ...
इस हत्याकांड में मारे गए इंजीनियर अजय कुमार शहर के ताँबेश्वर चौराहे स्थिति एक गेस्ट हाउस में ऊपरी मंजिल के एक कमरे में किराए से रहते थे बुधवार दोपहर पुलिस की एक टीम ने उस गेस्ट हाउस पहुंचकर भी पूछताछ की।
इसके अलावा पुलिस ने जिस बोलेरो में इंजीनियर बैठे हुए थे उसके ड्राइवर महेंद्र उर्फ श्यामू और उसी गाड़ी में बैठे शिस्ट्रा कम्पनी के दो और इंजीनियर रमन सारस्वत व मोहम्मद अब्दुल से भी पूछताछ की है।साथ ही पुलिस की एक टीम ने बुधवार को फ़िर से एकारी रेलवे नाका के पास बने जीएमआर कम्पनी के प्लांट में पहुंच पूछताछ की है।
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गौरतलब है कि इंजीनियर की जिस तरह से दिनदहाड़े हत्या हुई है उससे पूरे यूपी में पुलिस महकमे के अंदर हड़कम्प मचा हुआ है चूंकि मामला इंजीनियर की हत्या से जुड़ा हुआ है जिसके चलते घटना वाले दिन ही एडीजी ने घटना स्थल सहित जीएमआर के एकारी में बने प्लांट का पहुंचकर बारीकी निरीक्षण किया है और ज़िले के कप्तान को जल्द से जल्द घटना का खुलासा कर हत्यारोपियों को पकड़ने का निर्देश दिया है।
