फतेहपुर:इंजीनियर हत्याकांड-जीएमआर प्लांट में लगे सीसीटीवी साबित हो सकते हैं..सुराग की एक अहम कड़ी..पुलिस की जाँच दूसरे एंगल में भी बढ़ी..!
रेलवे के इंजीनियर अजय कुमार की हत्या हुए तीन दिन से ज़्यादा का समय हो चुका है.. लेक़िन अब तक पुलिस हत्यारों को पकड़ने में नाकाम साबित हुई है.. पढ़े इस सनसनीखेज वारदात की अगली कड़ी में युगान्तर प्रवाह की फॉलोअप रिपोर्ट।

फतेहपुर: पुलिस की ताबड़तोड़ चल रही छापेमारी व करीब दर्जन भर लोंगो से की गई पूछताछ के बाद भी पुलिस के हाँथ अब तक हत्यात्यों की पहुंच से दूर हैं।आपको बता दे कि रेलवे के दोहरीकरण के काम में भारत सरकार द्वारा नियुक्त की गई शिस्ट्रा कम्पनी के इंजीनियर अजय कुमार की हत्या बेख़ौफ़ बदमाशों द्वारा बीते मंगलवार की सुबह क़रीब 9 बजे बिलन्दा अतरहा मार्ग पर कर दी गई थी जब वह एकारी में बने जीएमआर प्लांट बोलेरो में बैठकर आ रहे थे।उस वक्त उनके साथ बोलेरो के चालक महेंद्र उर्फ श्यामू के अलावा दो और इंजीनियर अब्दुल व रमन गाड़ी में मौजूद थे।
एडीजी प्रयागराज के निर्देश के बाद पुलिस कप्तान द्वारा इस घटना कांड के खुलासे के लिए सर्विलांस टीम के अलावा पुलिस की दो और टीमें गठित की गईं हैं।घटना कांड के खुलासे में लगी टीमों के हाँथ कुछ अहम सुराग जरूर लगे हैं लेक़िन वो सुराग हमलावरों तक पहुंचने के लिए नाकाफ़ी साबित हो रहें हैं।पुलिस शुरू से ही इस हत्याकांड को ठेकेदारी के विवाद से ही जोड़कर देख रही है।इसके लिए बाकायदा पुलिस ने अब तक कई ठेकेदारों से पूछताछ भी की है लेक़िन कुछ ख़ास नतीजा निकल नहीं पा रहा है।
प्लांट में लगे सीसीटीवी उठा सकतें हैं एक रहस्य से पर्दा..
घटना के बाद से ही एकारी में बने जीएमआर प्लांट के साथ साथ आस पास के इलाकों में तरह तरह चर्चाएं उठ रहीं हैं।ऐसी भी चर्चा घटना के बाद से है कि घटना वाले रोज से क़रीब 20 दिन पहले एकारी में बने जीएमआर प्लांट में कई गाड़ियों में भरकर कुछ लोग आए थे लेक़िन इस मामले में अब तक जीएमआर के अधिकारी व कर्मचारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है और न ही वह ऐसी किसी बात की पुष्टि कर रहें हैं।जिससे यह कहा जा सके कि घटना से 20 दिन पहले वाली कहानी सच है।हालांकि अब तक पुलिस की जांच से दूर जीएमआर प्लांट में लगे सीसीटीवी कैमरे इस रहस्य से पर्दा उठा सकते हैं।वैसे तो जीएमआर प्लांट में ऑफिस सहित कुल 6 ही सीसीटीवी कैमरे लगें हैं लेक़िन दो कैमरे ऐसे हैं जो बाहर सड़क की तरफ़ हैं जिनमें से यह पता लगाया जा सकता है कि यदि घटना से बीस दिन पहले गाड़ियों का कोई काफिला प्लांट आया है तो फ़िर उस काफिले में कौन लोग शामिल थे.?
पुलिस की जांच घटना के एक दूसरे एंगल की ओर भी बढ़ी...
इंजीनियर अजय कुमार की हत्या में शामिल हत्यारों का कहीं न कहीं फतेहपुर शहर से ही जुड़ाव है।इसका एक सुराग जांच में जुटी सर्विलांस टीम को मिल चुका है।हत्यारों ने घटना को अंजाम देने के बाद इंजीनियर अजय कुमार का मोबाइल अपने साथ ले गए थे। इंजीनियर के मोबाइल लोकेशन के आधार पर यह साबित हो रहा है कि हत्यारे हाईवे से होते हुए नउआबाग से शहर के अंदर दाख़िल हुए हैं।और फ़िर अस्ती चौराहे के आस पास ही मोबाइल को ऑफ कर दिया है।जांच में लगी पुलिस की एक टीम ने अस्ती चौराहे के आस पास के इलाक़े में भी पहुंच पूछताछ की है।इसके अलावा पुलिस सूत्रों की मानें तो पुलिस के हाँथ कुछ ऐसा लग गया है कि एक बार पुलिस ने फ़िर से आशनाई वाले एंगल को लेकर अपनी जाँच पड़ताल शुरू कर दी है।इसके लिए पुलिस ने फतेहपुर की सीमा से जुड़े हुए एक जनपद में भी घटना को लेकर पड़ताल शुरू कर दी है।
पुलिस के ऊपर बढ़ रहा है दबाव...
थरियांव थाना क्षेत्र के बिलन्दा अतरहा मार्ग पर एकारी गाँव के निकट हुई इंजीनियर अजय कुमार की हत्या की गूंज जनपद के साथ साथ सूबे की राजधानी लखनऊ में मौजूद प्रदेश पुलिस के आला अफसरों के कानों तक भी सुनी गई है।एडीजी प्रयागराज का घटना वाले दिन ही मौक़े-ए-वारदात का मुआयना करना इसका जीता जागता उदाहरण है।पुलिस सूत्रों की माने तो जनपद में दिनदहाड़े हुई इस वारदात को लेकर यूपी पुलिस के मुखिया डीजीपी ओमप्रकाश सिंह ने भी घटना का संज्ञान लिया है।पुलिस कप्तान के साथ साथ घटना के खुलासे में लगी टीमों के ऊपर भी जल्द से जल्द खुलासे को लेकर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है।