कानपुर कांड:प्रशासन ने बुलडोजर चलवा जमींदोंज कर दिया विकास दुबे का किला..!
शनिवार सुबह कानपुर कांड के मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे का मकान जिला प्रशासन ने ज़मींदोज कर दिया..पढ़े युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट।
कानपुर:यह ख़बर जिस वक़्त प्रकाशित की जा रही है।उस वक्त तक सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या करने के मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे को पुलिस पकड़ नहीं सकी हैं!पूरे यूपी में 100 से ज़्यादा पुलिस की टीमें विकास की तलाश में जुटी हुईं हैं,लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है।
शनिवार को प्रशासन ने बड़ी कार्यवाही करते हुए चौबेपुर के बिकरु गाँव में बने हुए विकास दुबे के क़िलेनुमा मकान को बुलडोजर चलवा ध्वस्त कर दिया है।आपको बता दे कि गुरुवार रात विकास ने इसी मकान से अपने गैंग के साथियों के साथ मिलकर सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों पर गोलियां बरसाकर मार डाला था।
पुलिस ने उसी बुलडोजर का इस्तेमाल किया, जिसे सड़क पर लगाकर रात में पुलिस का रास्ता रोक दिया था। घर के अंदर खड़ी दस से पंद्रह लाख कीमत वाली दो लग्जरी कार और दो ट्रैक्टर भी नष्ट कर दिए हैं।
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पुलिस ने रास्ता रोकने वाले बुलडोजर पर चालक को बिठाया और फिर उससे ही विकास के मकान की चाहरिदवारी को गिराना शुरू कर दिया, एक के बाद एक मकान की दीवारों को कमरे को गिरते हुए अंदर कार खड़ा करने वाले हिस्से को भी ढहा दिया। पुलिस ने दो घंटे की कार्रवाई में पूरे मकान को गिराकर मलबे में तब्दील कर दिया है। गैराज गिराकर दस से पंद्रह लाख कीमत वाली दो कारें और दो ट्रैक्टर पर क्षतिग्रस्त कर दिए हैं। मकान में महंगे बाथरूम, ड्राइंग रूम और किचने समेत सभी हिस्सों को गिरा दिया गया है।
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विकास दुबे के मकान की बाउंड्री क़रीब ढाई बीघे ज़मीन पर बनी हुई है।करीब 12 फीट ऊंची बाउंड्रीवाल है। कोई दाखिल न हो सके, इसलिए करीब दो फीट ऊंचाई में छल्लेदार कंटीले तार भी लगाए गए हैैं।
बाउंड्रीवाल के अंदर ही पैतृक घर भी है, जहां अब सेवादार रहते हैैं। घर में दाखिल होने के चार गेट हैैं। एक मुख्य द्वार है। दोग गेट दाएं-बाएं वाली गलियों में खुलते हैैं तो चौथा गेट पुराने घर से अंदर आने-जाने का है। तीनों नए गेट इतने चौड़े हैैं कि चार पहिया वाहन आ जाए। चारों गेट के बाहर और अंदर सीसीटीवी कैमरे लगे हैैं। कोई गेट के पास पहुंचा नहीं कि सीसीटीवी से उसे खबर लग जाती।
मुख्य गेट से करीब 80 मीटर अंदर चार कमरों वाले आलीशन घर में ही विकास रहता था। यहां जाने से पहले चैनल का मजबूत गेट लगा है। दालान और फिर बाएं बैठक का कमरा। इस कमरे के बराबर विकास का बेड रूम। दाहिने कमरे में पिता रामकुमार दुबे और उनके पीछे वाले कमरे में कामवाली रेखा अपने पति व दो बेटियों संग रहती है। सीढिय़ां बाहर से भी छत तक पहुंचाती हैैं, आंगन से भी। इन्हीं तगड़े इंतजामों और बेखौफ प्रवृत्ति के कारण पुलिस भी घर में दाखिल होने से घबराती थी। घर में ऐशो-आराम का भी पूरा इंतजाम है। बाथटब से लेकर वाश बेसिन तक डिजाइनर। किचन भी माड्युलर। यानी, सबकुछ ऐसा इंतजाम कि शहर में रहने वाले तमाम लोगों को भी शायद ही नसीब हो।प्रशासन ने क़रीब दो घण्टे तक बुलडोजर चलवा पूरे मकान को मलबे में तब्दील कर दिया है।