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Varanasi News In Hindi

उत्तर-प्रदेश  लखनऊ 

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय समेत सैकड़ों कांग्रेसी हाउस अरेस्ट, वाराणसी दौरे से पहले सियासत गरमाई

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय समेत सैकड़ों कांग्रेसी हाउस अरेस्ट, वाराणसी दौरे से पहले सियासत गरमाई पीएम नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे से पहले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस नेताओं पर प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है. लखनऊ में प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को हाउस अरेस्ट कर दिया गया, वहीं फतेहपुर समेत कई जिलों में कांग्रेस नेताओं को नजरबंद किया गया है. कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है.
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उत्तर-प्रदेश  लखनऊ 

उत्तर प्रदेश से बिहार तक UPSRTC की सीधी बस सेवा: योगी सरकार ने इतना रखा किराया, सातों दिन चलेंगी BUS

उत्तर प्रदेश से बिहार तक UPSRTC की सीधी बस सेवा: योगी सरकार ने इतना रखा किराया, सातों दिन चलेंगी BUS उत्तर प्रदेश परिवहन निगम (UPSRTC) ने पितृपक्ष के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नई बस सेवाएं शुरू की हैं. वाराणसी से गया जी के लिए विशेष बस सेवा का संचालन होगा, ताकि पिंडदान और तर्पण के लिए जाने वाले यात्रियों को सुरक्षित और किफायती यात्रा मिल सके. इसके साथ ही लखनऊ-मुजफ्फरपुर और मेरठ-सोनीपत के लिए भी बस सेवा शुरू की गई है.
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उत्तर-प्रदेश  लखनऊ 

कौन हैं निधि तिवारी? बनारस की गलियों से निकलकर पीएम मोदी की सबसे करीबी अफसर बनने तक की कहानी

कौन हैं निधि तिवारी? बनारस की गलियों से निकलकर पीएम मोदी की सबसे करीबी अफसर बनने तक की कहानी वाराणसी (Varanasi) की गलियों से निकलकर प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) की निजी सचिव बनने तक का सफर तय करने वाली निधि तिवारी (Nidhi Tiwari) की कहानी संघर्ष, संकल्प और सफलता की मिसाल है. UPSC में 96वीं रैंक हासिल कर विदेश मंत्रालय से पीएमओ तक का सफर तय करने वाली निधि आज देश की नीतियों में अहम भूमिका निभा रही हैं.
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उत्तर-प्रदेश  लखनऊ 

Who Is SN Khandelwal: 400 किताबों के लेखक, 80 करोड़ की संपत्ति ! वृद्धाश्रम में बीता समय, कंधा देने भी नहीं पहुंचे बच्चे

Who Is SN Khandelwal: 400 किताबों के लेखक, 80 करोड़ की संपत्ति ! वृद्धाश्रम में बीता समय, कंधा देने भी नहीं पहुंचे बच्चे उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी (Varanasi) में लेखक श्रीनाथ खंडेलवाल (shrinath khandelwal) ने 86 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली. करोड़ों की संपत्ति होने के बावजूद अंतिम समय वृद्धाश्रम में बीता. कंधा देने के लिए भी उनके बेटे-बेटी को समय नहीं मिला
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