
जन्माष्टमी विशेष:अर्धरात्रि की पूजा में इन चीजों से जरूर लगाएं भोग.!
बुधवार को पूरे देश में बड़ी धूमधाम से जन्माष्ठमी का त्योहार मनाया जा रहा है..लड्डू गोपाल की विशेष पूजा और जन्म का उत्सव मध्य रात्रि में मनाया जाता है..पढ़ें युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट।

डेस्क:पूरे देश में बुधवार को भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है।लोगों ने अपने अपने घरों में भगवान की सुंदर सुंदर झांकिया सजाई हैं।कृष्ण जन्म का मुख्य उत्सव मध्य रात्रि में मनाया जाता है।उस दौरान किस विधि विधान से पूजा करें आइए जानते हैं।
भगवान श्रीकृष्ण को माखन मिसरी बहुत पसंद है। ऐसी कथा है कि जन्माष्टमी की रात कान्हा नें नंदगांव की कन्याओं को सपना दिया कि मुझे माखन चाहिए, सुबह-सुबह लोंगों को पता चला कि नंद के आनंद भयो है, कान्हा ने जन्म लियो है तो बधाई देने के लिए महिलाएं अपने साथ माखन लेकर आईं। नंद महाराज ने पूछा कि माखन क्यों लाए हो, महिलाओं ने कहा कि आपके लल्ला ने रात सपने में हमसे माखन मांगा है। कान्हा का माखन प्रेम तो जग प्रसिद्ध है। इसलिए पूजा में इन्हें जरूर रखा जाता है।
भगवान श्रीकृष्ण की जन्माष्टमी पूजा में साबूत खीरा को भगवान की मूर्ति और तस्वीर के सामने रखा जाता है। कहते हैं जब निशीथ काल में कान्हा की पूजा होती है उस समय खीरे में दरार आ जाना बहुत ही शुभ संकेत होता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान का आगमन हुआ है, यह इसका संकेत है। अगर पूजा के दौरान ऐसा होता है तो समझ लीजिए भगवान की आप पर बड़ी कृपा हो गई है।
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जन्माष्टमी पूजा में कान्हा को मिट्टी के बर्तन में दही बनाकर भेंट करना चाहिए। कान्हा को माखन के अलावा दही भी बहुत प्रिय है।इस लिए मध्य रात्रि की पूजा में दही का भी भोग अवश्य लगाएं।