Makar Sankranti 2022:मकर संक्रांति हर साल 14 या 15 जनवरी को ही क्यों मनाई जाती है जानें कारण औऱ महत्व
मकर संक्रांति (खिचड़ी) का पर्व हर वर्ष 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है.क्यों मनाया जाता है औऱ इसका क्या महत्व है.आइए जानते हैं. Makar Sankranti 2022 khichdi Kab hai
Makar Sankranti 2022:मकर संक्रांति पर्व का हिन्दू धर्म में बहुत बड़ा महत्व है, यह त्योहार पूरे देश में बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है.इस साल भी मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को ही पड़ रहा है.बहुत से लोगों के मन में यह प्रश्न आता है कि मकर संक्रांति का पर्व हर साल 14 जनवरी या 15 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है क्योंकि हिंदूओं के दूसरे त्योहार तो अंग्रेजी तारीखों में हर साल भिन्न भिन्न दिनों में पड़ते हैं. Makar Sankranti 2022
बता दें कि मकर संक्रांति यानी सूर्य का धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने का संक्रमण काल है.भारत में प्रचलित सभी हिंदू कैलेंडर चंद्रमा पर आधारित हैं यही वजह है कि हिंदू त्यौहारों की अंग्रेज़ी तारीख़ बदलती रहती है. Makar Sankranti kyu manai jati hai
लेकिन मकर संक्रांति एक ऐसा त्योहार है जो धरती की तुलना में सूर्य की स्थिति के हिसाब से मनाया जाता है, यही वजह है कि चंद्रमा की स्थिति में मामूली हेरफेर की वजह से यह कभी 14 जनवरी को होता है तो कभी 15 को, लेकिन सूर्य की मुख्य भूमिका होने की वजह से अंग्रेज़ी तारीख़ नहीं बदलती. Makar Sankranti 2022 Mahatva
मकर संक्रांति का महत्व..
मकर संक्रांति एक ऐसा त्यौहार है जो पूरे भारत में अलग-अलग राज्यों में कई नामों और कई तरीक़ों से मनाया जाता है.उत्तर भारत में इसे मकर संक्रांति कहा जाता है तो यही तमिलनाडु में पोंगल के नाम से जाना जाता है जबकि गुजरात में इसे उत्तरायण कहते हैं.असम में इसे माघी बिहू कहते हैं और कर्नाटक में सुग्गी हब्बा, केरल में मकरविक्लु कहा जाता है तो कश्मीर में शिशुर सेंक्रांत. makar sankranti 2022
यह त्यौहार भारत ही नहीं, नेपाल और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में भी मनाया जाता है. अलग-अलग धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से लोग इसे मनाते हैं.लेकिन इसके पीछे खगोलीय घटना है.
पदम पुराण के मुताबिक सूर्य के उत्तरायण होने के दिन यानी मकर संक्रांति के दिन दान पुण्य का बहुत महत्व होता है. मकर संक्रांति के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना चाहिए. ऐसा करने से दस हजार गौदान का फल प्राप्त होता है.Makar Sankranti Par Kya Dan Kre
इस दिन ऊनी कपड़े, कम्बल, तिल और गुड़ से बने व्यंजन व खिचड़ी दान करने से भगवान सूर्य एवं शनि देव की कृपा प्राप्त होती है. वैसे तो सूर्य के उत्तरायण होने वाले माह में किसी भी तीर्थ, नदी एवं समुद्र में स्नान कर दान पुण्य करके कष्टों से मुक्ति पाया सकता है, लेकिन प्रयागराज संगम में स्नान का फल मोक्ष देने वाला होता है. Makar Sankranti 2022