Ganesh Chaturthi 2023 Kab Hai: आ रहे हैं विघ्नहर्ता ! गणेश चतुर्थी पर आप घर में गणपति की मूर्ति को कर रहे हैं स्थापित, जान लें इन खास बातों को-होगी बरकत

Ganesh Chaturthi 2023: श्रावण मास के समाप्त होने के बाद 19 सितंबर से गणेश चतुर्थी का महापर्व शुरू होने जा रहा है 10 दिन तक चलने वाले गणेश महोत्सव में घरों में और अन्य कार्यक्रम स्थलों पर गणपति की स्थापना की जाती है. विधि विधान से लोग घरों में बप्पा की पूजा करते हैं और 10 दिन के भीतर ही विधिपूर्वक इनका विसर्जन किया जाता है. गणेश चतुर्थी के अवसर पर आप गणेश जी की मूर्ति लेने जा रहे हैं तो गनेश की सूंड की दिशा, व उनकी मुद्रा जिसके बाद ही उन्हें घर पर लाकर स्थापित करें. ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि
हाईलाइट्स
- गणेश चतुर्थी 19 सितंबर से प्रारम्भ, 10 दिवसीय गणेश महोत्सव में देश भर में रहती है धूम
- घर पर बप्पा की प्रतिमा ला रहे हो तो, मूर्ति की दिशा और मुद्रा जांच लें
- सूंड, बैठने की मुद्रा, मूषक और स्थापित करने की दिशा का सही करे चयन,घर मे आएगी बरकत
Festival of Ganesh chaturthi 2023: हिंदू धर्म में अनेक पर्व मनाए जाते हैं. हर पर्व का विशेष महत्व होता है. इनमें से एक गणेश चतुर्थी का महापर्व है. जो 10 दिन तक चलता है. वैसे तो गणेश चतुर्थी का पर्व महाराष्ट्र की देन है, वहां बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन अब देश भर में गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जाने लगा है.

19 सितंबर से गणेश चतुर्थी की होने जा रही शुरुआत
बप्पा की प्रतिमा घर लाएं तो जान लें इन बातों को
यदि आप गणेश चतुर्थी पर बप्पा को घर पर लाकर स्थापित करना चाहते हैं, तो इन बातों को जरूर ध्यान रखिए और अगर मूर्तियां खरीदने जा रहे हैं तो खास तौर पर गणपति की मूर्ति किस दिशा में होनी चाहिए, बप्पा की सही मुद्रा का ध्यान रखें मूषक साथ में है या नहीं इन सब बातों का ध्यान रखना पड़ेगा. सही चयन करें जिससे आपको लाभ मिले. जैसे यदि आप बाजार में मूर्ति कारीगरों के पास गणपति जी की मूर्ति खरीदने जाते हैं तो उनकी सूंड सही दिशा का चुनाव करना चाहिए गणेश जी की सूंड हमेशा बाई और है. इस बात का हमेशा ध्यान रखा जाए. यदि बाई और है तो इसे वह मुख गणेश कहते हैं. इस दिशा में होना काफी शुभ माना गया है और ऐसी मूर्ति को घर पर स्थापित करने से सुख समृद्धि आती है.
मूर्ति की मुद्रा और दिशा का रखे ध्यान
यह भी ध्यान दें कि गणपति किस मुद्रा में है, यह ध्यान रखे कि गणपति की मूर्ति बैठे वाली होनी चाहिए. इसे घर में लाकर स्थापित करें. ऐसी मूर्ति से घर में काफी बरकत होती है. गणेश जी के साथ मूषक का होना बहुत ही आवश्यक है. यदि मूर्ति ला रहे हैं तो मूषक जरूर हो. भगवान गणेश जी का वाहन चूहा है. बिना मूषक के इनकी पूजा अधूरी मानी गई है. भगवान की मूर्ति को ईशान कोण में स्थापित करें मतलब उनका मुख हमेशा उत्तर दिशा में हो. फिर विधि विधान से पूजन करें ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है.